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पार्किंग की वसूली पर छिड़ी जंग

seema
Published on: 10 Sep 2018 8:59 AM GMT
पार्किंग की वसूली पर छिड़ी जंग
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पार्किंग की वसूली पर छिड़ी जंग

नोएडा : सरकार एक ओर प्रयास कर रही है कि किसी तरह से नोएडा में निवेश लाया जाए ताकि युवाओं को रोजगार के अवसर मिलने के साथ अर्थव्यवस्था मजबूत हो मगर केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को नोएडा प्राधिकरण की नीतियां पलीता लगा रही हैं। यदि प्राधिकरण ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं जब प्रदेश का शोविंडो कहे जाने वाले नोएडा से औद्योगिक इकाइयों का पलायन शुरू हो जाएगा। यह बात नोएडा के उद्यमियों ने प्राधिकरण अधिकारियों को स्पष्ट कर दी है। उद्यमियों ने अधिकारियों को सीधी चेतावनी दी है कि औद्योगिक क्षेत्र में पार्किंग ठेकेदारों को यदि जगह दी गई तो उससे पहले प्राधिकरण को 36 फीसदी ब्याज दर से उद्यमियों का पैसा वापस करना होगा जो उसने लोकेशन चार्ज के रूप में उद्यमियों से वसूल कर रखा है।

प्रत्येक उद्यमी से प्राधिकरण ने उद्यम लगाने के लिए प्लाट आवंटन करते वक्त 30, 24, 18 मीटर सड़क, कार्नर प्लाट, पार्क फेसिंग प्लाट का भारी भरकम चार्ज लिया है। यह चार्ज उद्यमियों ने अपनी जरुरत के हिसाब से दिया है ताकि उन्हें अपना उद्यम चलाने में दिक्कत न हो। उसके बाद उद्यमी 2.5 फीसदी लीज रेंट दे चुका है। अब उन्हीं की खरीदी हुई जगहों पर कैसे प्राधिकरण अपना पार्किंग ठेका जारी कर सकता है।

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नोएडा प्राधिकण ने नई पार्किंग नीति के तहत तीन कलस्टर में पार्किंग ठेका छोड़ दिया है। यह पार्किंग ठेकेदार उद्यमियों को उनकी फैक्ट्री व कंपनी के बाहर ही वाहन खड़ा नहीं करने दे रहे है। वे गुंडागर्दी कर जबरन पार्किंग शुल्क वसूलने के लिए पर्ची काट रहे है। ठेकेदार सड़क पर खड़े होकर उद्यमियों को बेइजत करने के साथ-साथ जबरन इकाइयों में घुसकर प्रत्येक दो पहिया पर 1500 रुपये और चार पहिया वाहन 2400 रुपये मासिक शुल्क मांग रहे है। जो उनकी इस मांग को पूरा कर रहा है उसे वाहन उसकी फैक्ट्री व कंपनी के बाहर खड़ा करने की इजाजत दे रहे है। जो नहीं दे रहा है, उसके साथ गुंडागर्दी कर शुल्क देने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इस गुंडागर्दी के विरोध में अब उद्यमियों ने आर-पार की लड़ाई की ठान ली है।

कहासुनी के बाद उद्यमियों ने दी चेतावनी

इस मुद्दे को सुलझाने के लिए प्राधिकरण अधिकारियों ने उद्यमियों और पार्किंग ठेकेदारों की एक बैठक बुलाई थी, लेकिन मामला सुलझने के बजाय उलझ गया क्योंकि उद्यमियों ने औद्योगिक क्षेत्र में किसी भी पार्किंग ठेकेदार को बर्दाश्त करने से साफ इनकार कर दिया है। दूसरी ओर पार्किंग ठेकेदारों ने कहा कि वे पार्किंग ठेका लेकर आए है, इसलिए वे उद्यमियों से वसूली अवश्य करेंगे। इस पर नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने ठेकेदारों को कड़ी चेतावनी दी है कि यदि एक भी उद्यमी के साथ बदसलूकी की शिकायत मिली तो नोएडा के आठ लाख कर्मचारियों के साथ सड़क पर उतरकर खुद ठेकेदारों को नोएडा से बाहर खदेड़ेंगे।

पेट्रोल पंपों व बैंकों पर 311 करोड़ बकाया

शहर में बने पेट्रोल पंप प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन पर है। उन्हें प्रत्येक माह जमीन का किराया प्राधिकरण को देना होता है, लेकिन कई महीनों से यह किराया प्राधिकरण के खाते में जमा नहीं किया गया। यही स्थिति यहां के बैंकों की भी है जो प्राधिकरण की सूची में डिफाल्टर की सूची में शामिल है। कुल मिलाकर करीब 311 करोड़ रुपए का बकाया है। ऐसे में प्राधिकरण अब इन पेट्रोल पंपों और बैंकों को नोटिस जारी कर बकाया रकम वसूल करेगा। इसके लिए काजगी दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं जिसमें बकाया रकम को जुर्माने की रकम के साथ जोड़कर दिया जाएगा। साथ ही वर्तमान में किराया जमा करने के लिए एक सूची तैयार की है ताकि बकाया की राशि न बढ़े।

शहर में करीब आठ स्थानों पर इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड के पेट्रोल पंप हैं। ये पेट्रोल पंप नोएडा की प्राधिकरण की जमीन पर बने हैं। इसमें सेक्टर-38 स्थित (बिसंबर शाही एंड संस), सेक्टर-14 (नोएडा ऑटोमोबाइल्स), सेक्टर-15 (सागर ऑटोमोबाइल्स), सेक्टर-54 (जैन सर्विसेज), सेक्टर-33ए (राजीव फिल एंड ड्राइव), सेक्टर-63 (पद्म पेट्रोलियम), हॉजरी कांप्लेक्स फेज-2 (चौधरी ऑटोमोबाइल्स) व सेक्टर-41 स्थित (आरके सर्विस स्टेशन) है। इसके अलावा दो बैंक भी शामिल है जिनको नोटिस जारी किया जाएगा। यह जमीन कंपनी को लीज पर दी गई है, लेकिन यहां एकमुश्त राशि जमा करने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में बीते कई महीनों से इन स्थानों पर बने इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटड का किराया प्राधिकरण के खाते में जमा नहीं किया गया।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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