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First Lok Sabha Session 2024: लोकसभा का सत्र आज से, परीक्षाओं में धांधली और प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे पर भारी हंगामा होने के आसार
First Lok Sabha Session 2024: संसद का मौजूदा सत्र 10 दिन चलने वाला है और इस दौरान सरकार और विपक्ष में भारी टकराव होने की संभावना है।
First Lok Sabha Session 2024: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो रहा है। लोकसभा में पहले दिन नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। 26 जून को लोकसभा के नए स्पीकर का चुनाव होगा जबकि 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। नीट समेत कई परीक्षाओं में गड़बड़ी और प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को लेकर विपक्षी दल सरकार से नाराज हैं।
जानकारों का कहना है कि संसद के मौजूदा सत्र में भारी हंगामा होने के आसार हैं। संसद का मौजूदा सत्र 10 दिन चलने वाला है और इस दौरान सरकार और विपक्ष में भारी टकराव होने की संभावना है। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब की मदद के लिए नियुक्त किए गए विपक्षी सांसदों ने महताब की मदद करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है।
प्रोटेम स्पीकर को मदद नहीं देंगे विपक्षी सांसद
विपक्षी दलों में प्रोटेम स्पीकर के पद पर महताब की नियुक्ति का कड़ा विरोध किया है। इसे लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने गहरी आपत्ति जताई है। कांग्रेस का कहना था कि पार्टी के आठ बार के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश की जगह सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करके संसदीय परंपराओं का उल्लंघन किया गया है।
सांसदों को शपथ दिलाने और अन्य संसदीय कार्यों में मदद के लिए कांग्रेस, डीएमके और टीएमसी के वरिष्ठ सांसदों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी मगर इन तीनों दलों के वरिष्ठ सांसदों ने प्रोटेम स्पीकर को मदद देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
सरकार पर परंपरा के उल्लंघन का आरोप
इन सांसदों का कहना है कि महताब की सहायता के लिए दी गई भूमिका को इंडिया ब्लॉक खारिज करता है। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया का कहना है कि केरल से आठ बार सांसद रहे सुरेश को नजरअंदाज कर कटक से सात बार के सांसद महताब को प्रोटेम स्पीकर की भूमिका निभाने के लिए नियुक्त किया गया।
इंडिया गठबंधन में शामिल दलों का कहना है कि संसदीय परंपराओं के अनुसार सबसे वरिष्ठ सांसद को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है मगर भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए सरकार की ओर से परंपरा का उल्लंघन किया गया है।
सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया
दूसरी ओर केंद्र सरकार मैं प्रोटेम स्पीकर के रूप में महताब की नियुक्ति को उचित ठहराया है। संसदीय कार्य मंत्री कीरेन रिजिजू ने कहा कि महताब ने लगातार सात बार कटक लोकसभा सीट से चुनाव जीता है और वे इस पद के लिए सबसे योग्य हैं। भाजपा ने भी विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
रिजिजू ने कहा कि महताब ने छह बार बीजू जनता दल के टिकट पर चुनाव जीता है जबकि इस बार वे भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे हैं। दूसरी ओर सुरेश के आठ कार्यकाल बिना किसी अंतराल के नहीं आए हैं। 1998 और 2004 के लोकसभा चुनाव में सुरेश को हार का सामना करना पड़ा था। इस तरह उनका लोकसभा में लगातार चौथा कार्यकाल है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से नाहक प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को लेकर विवाद पैदा किया जा रहा है।
281 सदस्य पहली बार पहुंचे हैं लोकसभा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से आज महताब को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाए जाने के बाद लोकसभा में सदस्यों के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम शुरू होगा। लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से नवनिर्वाचित सांसदों की सूची सदन के पटल पर रखी जाएगी। इसके बाद सबसे पहले लोकसभा के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ दिलाई जाएगी।
मौजूदा लोकसभा में 240 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ा दल है जबकि 98 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर है। सपा ने 37 सीटें जीत कर तीसरा स्थान हासिल किया है जबकि 29 सीटों के साथ तृणमूल कांग्रेस चौथे नंबर पर है। मौजूदा लोकसभा में 281 सांसद ऐसे हैं जो पहली बार चुनाव जीत कर सदन पहुंचे हैं।
परीक्षाओं में धांधली पर भारी हंगामा होने के आसार
लोकसभा के मौजूदा सत्र के दौरान नीट और यूजीसी नेट की परीक्षाओं में धांधली को लेकर भारी हंगामा होने के आसार हैं। इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में धरना और विरोध प्रदर्शन चल रहा है। विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हैं और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ने का ऐलान पहले ही कर दिया है। ऐसे में यह मुद्दा संसद में गूंजने के आसार हैं। परीक्षा में गड़बड़ी के साथ ही अग्निवीर के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने की तैयारी है।
विपक्ष को जवाब देने के लिए सरकार की तैयारी
विपक्ष के तीखे तेवर को देखते हुए सरकार भी परीक्षा से जुड़े आरोपों पर तथ्यों के साथ जवाब देने की तैयारी में है। संसद का सत्र शुरू होने से पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि संसद में यह मुद्दा उठाए जाने पर वे पूरे तथ्यों के साथ जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि 1986 में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक अलग एजेंसी बनाने की सिफारिश की गई थी मगर इस सिफारिश पर 30 वर्षों तक अमल नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि परीक्षाओं से जुड़ा मुद्दा लाखों छात्रों और उनके परिवारों की संवेदनाओं से जुड़ा हुआ है और हम इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं करना चाहते। सरकार सभी प्रकार की कमियों को दूर करने की कोशिश में जुटी हुई है और विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति करने से बाज आना चाहिए।