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Parliament Monsoon Session 2023: सरकार का रवैया आपके पत्र के भावनाओं के विपरीत, अमित शाह के पत्र का खरगे ने दिया जवाब
Parliament Monsoon Session 2023: मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र में लिखा है कि I.N.D.I.A. घटक के सभी दल लगातार माँग कर रहे है कि मणिपुर में 3 मई के बाद की स्थिति पर प्रधानमंत्री सदन के पटल पर अपना बयान दें।
Parliament Monsoon Session 2023: संसद के मानसून सत्र में मणिपुर घटना को लेकर दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभआ में हंगामा जारी है। सदन को शुरू हुए पांच दिन हो गए लेकिन एक भी दिन ठीक से नहीं चल सका। इसी बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे नें गृह मंत्री अमित शाह के पत्र का जवाब देते हुए एक पत्र लिखा। पत्र के माध्यम से उन्होंने केन्द्र सरकार पर सवाल खड़े किए।
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मल्लिकार्जुन खडगे नें ट्वीट करते हुए लिखा है कि "एक ही दिन में आदरणीय प्रधानमंत्री देश के विपक्षी दलों को अंग्रेज शासकों और आतंकवादी दल से जोड़ते हैं और उसी दिन गृहमंत्री भावनात्मक पत्र लिखकर विपक्ष से सकारात्मक रवैये की अपेक्षा करते हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष में समन्वय का अभाव वर्षों से दिख रहा था, अब यह खाई सत्तापक्ष के अंदर भी दिखने लगी है।
इस पर प्रधान मंत्री द्वारा विपक्षी दलों को दिशाहीन बताना बेतुका ही नहीं बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है।
प्रधानमंत्री जी से हम सदन में आकर मणिपुर पर बयान देने का आग्रह कर रहे हैं परंतु ऐसा लगता है कि उनका ऐसा करना उनके सम्मान को ठेस पहुँचाता है। हमारी इस देश की जनता के प्रति प्रतिबद्धता है और हम इसके लिए हर कीमत देंगे।"
मल्लिकार्जुन खड़गे नें पत्र में क्या लिखा?
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र में लिखा है कि I.N.D.I.A. घटक के सभी दल लगातार माँग कर रहे है कि मणिपुर में 3 मई के बाद की स्थिति पर प्रधानमंत्री सदन के पटल पर अपना बयान दें। इसके बाद दोनों सदनों में इस विषय पर एक विस्तृत बहस और चर्चा की जाए।
एक ही दिन में आदरणीय प्रधानमंत्री देश के विपक्षी दलों को अंग्रेज शासकों और आतंकवादी दल से जोड़ते हैं और उसी दिन गृहमंत्री भावनात्मक पत्र लिखकर विपक्ष से सकारात्मक रवैये की अपेक्षा करते हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष में समन्वय का अभाव वर्षों से दिख रहा था, अब यह खाई सत्तापक्ष के अंदर… pic.twitter.com/GcTgSwHsrT
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 26, 2023
मणिपुर में पिछले 84 दिनों से हालात गंभीर है। घटनाएँ एक एक कर सामने आ रही है। सभी राजनीतिक दलों से कम से कम यह उपेक्षा की जा सकती है कि वहां पर तत्काल शांति बहाली किया जाए। जनता को संदेश देने के लिए कम से कम इतना तो करेंगे। हम सबकी सामूहिक रूप से यही मांग है।
उन्होंने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि आप के पत्र में व्यक्त भावनाओं की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। सरकार का रवैया आपके पत्र के भावनाओं के विपरीत सदन में असंवेदनशील और मनमाना रहा है। यह रवैया नया नहीं है। बल्कि पिछले कई सत्रों में भी विपक्ष को देखने को मिला है। नियमों और प्रथाओं को ताख पर रख कर विपक्ष को एक चाबुक से हाँका जा रहा है।
छोटी घटनाओं को तिल का ताड़ बनाकर सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया जा रहा है। ऐसा तब किया जा रहा है जब कि यह नियम है कि किसी सदस्य का निलंबन उसी घटना के लिए एक सत्र से अधिक जारी नहीं रह सकता।
पीएम मोदी की टिप्पणी की निंदा
खरगे ने पत्र में पीएम मोदी की टिप्पणी की भी निंदा की है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा विपक्षी दलों को दिशाहीन बताने वाले बयान को बेतुका और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पीएम मोदी से हम सभी सदन में मणिपुर घटना पर देने की अपील की है लेकिन लगता है कि इससे लगता है कि उनका ऐसा करने से उनके सम्मान को ठेस पहुंचेगा। हमारी यह जनता के प्रति प्रतिबद्धता है हम ऐसा हरहाल में करेंगे।
अमित शाह ने पत्र लिखा था
इससे पहले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि उन्होंने सदन के दोनो विपक्षी नेताओं लोकसभा के अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा के मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर मणिपुर घटना पर चर्चा के लिए आग्रह और इसमें सहयोग की अपील की है। बीजेपी मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए लिए तैयार है और पार्टी लाइन से उठकर सभी दलों से सहयोग चाहती है।