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संसद का शीतकालीन सत्र शोक संवेदनाओं के साथ एक दिन के लिए स्थगित
नई दिल्लीः संसद संत्र शुरू होनेे पर शोक संवेदनाओं के बाद संसद की कार्यवाही स्थगित हो गई है। इससे पहले पीएम मोदी संसद पहुंचे थे। उन्होंंने कहा कि देशहित में सभी दल साथ दें। मोदी ने कहा कि संसद सत्र में मुझे अच्छी चर्चा की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वह हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं। आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है जो 16 दिसंबर तक चलेगा।
नोटबंदी को लेकर ऐसा हंगामा बरपने की बिसात बिछ चुकी है कि संसद में कार्यवाही चलने की सूरत नहीं दिख रही। 1000 और 500 के नोटों को लेकर विपक्ष ने इस मजबूती से हाथ मिलाए हैं कि पूरा सत्र ही हंगामे की भेंट चढ़ने के हालात बन गए हैं।
2010 में भी नहीं चला था सत्र
बता दें कि 2010 के शीतकालीन सत्र जैसा ही माहौल छह साल बाद फिर आता दिख रहा है। संयोग ही है कि 2010 के नवंबर में संसद के शीतकालीन सत्र में यूपीए सरकार के दौरान 2जी घोटाले का मामला उछला था। उस वक्त भी एक दिन कार्यवाही नहीं चल सकी थी। फर्क इस बार ये है कि अब संसद इसलिए ठप होगी क्योंकि नोटबंदी से लोगों की बैंकों के सामने लग रही अंतहीन कतारों का मामला सामने है।
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सरकार के लिए मुश्किल क्यों?
मोदी सरकार के लिए मुश्किल यूं है कि पहली बार विपक्ष के ऐसे दलों ने हाथ मिलाए हैं, जो अपने राज्यों में अरसे से एक-दूसरे के खिलाफ सियासत करते रहे हैं। दूसरी ओर, पीएम ने मंत्रियों और नेताओं को निर्देश दिए हैं कि वे विरोधियों के सामने विचलित न हों और खुलकर आक्रामक रुख अपनाएं।
हालांकि बीजेपी के कई सांसदों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि आम जनता को जो परेशानी हो रही है और लोगों में जिस तरह गुस्सा बढ़ रहा है, उसे रोका नहीं गया तो यूपी और पंजाब में वोटरों का सामना करने में मुश्किलें आएंगी।
विरोधियों ने मतभेद भुलाए
सत्ता पक्ष की चिंता इससे है कि यूपी में सपा-बीएसपी तो प. बंगाल में तृणमूल और सीपीएम जैसे धुर विरोधियों ने हाथ मिला लिए हैं। वहीं, केंद्र में शामिल शिवसेना और ममता की पार्टी टीएमसी भी मिल गए हैं और राष्ट्रपति से मिलकर सरकार के कदम का विरोध करेंगे। मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका है कि कालेधन के खिलाफ इस सबसे बड़े अभियान में एनडीए में ही बिखराव की हालत है।
अटक सकता है जीएसटी
नोटबंदी पर सरकार और विपक्ष में तलवारें खिंचने से जीएसटी बिल अटक सकता है। मोदी सरकार ने नए जीएसटी बिल को पास कराने के लिए चार स्लैब का टैक्स सिस्टम फॉर्म्यूला तैयार किया है। सरकार पूरी ताकत लगा रही है कि जीएसटी पास करके अगले साल 1 अप्रैल से इसे हर हाल में लागू कर दिया जाए, लेकिन मौजूदा हालात में ऐसा होता नहीं दिख रहा है।