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संसद सत्र के पहले ही दिन तीन तलाक कानून को मिल सकती है कैबिनेट की मंजूरी
गुजरात विधानसभा चुनाव के गुरूवार को खत्म होने के ठीक दूसरे दिन 15 दिसम्बर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार तीन तलाक को संज्ञेय अपराध बनाने का कानून लायेगी।
नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव के गुरूवार को खत्म होने के ठीक दूसरे दिन 15 दिसम्बर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार तीन तलाक को संज्ञेय अपराध बनाने का कानून लायेगी।
केंद्र सरकार तीन तलाक पर बड़ा फैसला लेगी और शुक्रवार को इसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखते हुए गैर-जमानती अपराध बनाने वाले बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी । इस बिल में तीन तलाक देने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद संसद के शीतकालीन सत्र में इसे पेश किया जाएगा।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक तीन तलाक खत्म करने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में कानून लाएगी। केंद्र सरकार ने इसे ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम दिया है । ये कानून सिर्फ तीन तलाक यानि तलाक-ए-बिद्दत पर ही लागू होगा। इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा।
इस कानून के बाद किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक वह चाहें मौखिक हो, लिखित और या मैसेज में, वह अवैध होगा। जो भी तीन तलाक देगा, उसको तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। यानि तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय ( Cognizable) अपराध होगा। इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे।
मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार के प्रयास का बीजेपी को यूपी के विधानसभा चुनाव में काफी फायदा मिला था और मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी की झोली वोटों से भर दी थी । यूपी चुनाव में बीजेपी को सहयोगी दलों के साथ 325 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जिसकी उम्मीद पार्टी के बडे नेताओं को भी नहीं थी । बीजेपी यूपी में लगातार 260 प्लस की बात करती रही थी लेकिन सीटों का आंकडा 325 पर पहुंचेगा इसे तो पूरी बीजेपी ने नहीं सोचा था ।
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