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Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र से हटा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाला बिल, आखिर क्यों मोदी सरकार ने वापस खींचे कदम

Parliament Special Session: इस बिल को लेकर लंबे समय से विवाद होता रहा है और संसद के विशेष सत्र के दौरान भी इस बिल को लेकर हंगामा होने की आशंका जताई जा रही थी।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 18 Sept 2023 12:43 PM IST
election commissioners appointment bill
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election commissioners appointment bill  (photo: social media)

Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र के एजेंडे को लेकर कई दिनों से बहस चल रही है। पहले चुनाव आयुक्तों का दर्जा घटाने और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के पैनल से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को हटाने वाला बिल संसद के विशेष सत्र के दौरान लाने की बात कही गई थी मगर मोदी सरकार ने इस बाबत अपने कदम वापस खींच लिए हैं। अब सरकार की ओर से विपक्ष को जिन बिलों को लाने के बारे में जानकारी दी गई है, उनमें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा हुआ बिल शामिल नहीं है।

इस बिल को लेकर लंबे समय से विवाद होता रहा है और संसद के विशेष सत्र के दौरान भी इस बिल को लेकर हंगामा होने की आशंका जताई जा रही थी। विपक्ष की ओर से नियुक्ति पैनल से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को हटाने की योजना का तीखा विरोध किया जा रहा है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस बिल को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद अब सरकार इस बिल में कुछ बदलाव लाने पर विचार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि इस बिल में कुछ बदलावों के बाद इसे सदन की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।

चुनाव आयुक्तों का दर्जा घटाने पर आपत्ति

दरअसल सियासी हलकों में काफी दिनों से यह चर्चा रही है कि सरकार की ओर से चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाला बिल संसद के विशेष सत्र के दौरान ही पेश किया जाएगा। इसके तहत चुनाव आयुक्तों को अब सुप्रीम कोर्ट के जज का नहीं बल्कि कैबिनेट सचिव का दर्जा मिलने वाला है। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार चुनाव आयुक्तों का दर्जा घटाने के साथ ही चुनाव आयोग की स्वायत्तता के साथ समझौता कर रही है।

पूर्व चुनाव आयुक्तों की ओर से भी इस बदलाव पर तीखी प्रतिक्रिया प्रति जताई गई है। इस बाबत नौ पूर्व चुनाव आयुक्तों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था। इन पूर्व चुनाव आयुक्तों का कहना था कि सरकार के इस कदम से चुनाव आयुक्तों की स्थिति कमजोर होगी और चुनाव आयोग की ताकत भी घट जाएगी।

सबसे बड़ा विवाद इस मुद्दे को लेकर

इस बिल को लेकर सबसे बड़ी आपत्ति चुनाव आयुक्तों के नियुक्ति पैनल से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को हटाने की है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस साल मार्च में दिए गए आदेश के बाद नियुक्ति पैनल में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को शामिल किया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह व्यवस्था तभी तक के लिए दी थी, जब तक सरकार कोई नया कानून न बना दे।

अब सरकार इसमें बदलाव ला रही है और नियुक्ति पैनल में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय मंत्री को शामिल करने की योजना है। विपक्ष ने इस बिल पर तीखी आपत्ति जताते हुए इसे चुनाव आयोग की स्वायत्तता पर हमला बताया है। विपक्ष का कहना है कि इस बदलाव के जरिए सरकार अपने मनमाफिक चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की कोशिश में जुटी हुई है।

अब बदलाव के बाद संसद में पेश होगा बिल

सरकार से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि अब सरकार खुद इस बिल में बदलाव लाने की जरूरत महसूस कर रही है। सरकार का भी मानना है कि इस बिल में कुछ संशोधन किए जाने की जरूरत है। इस बिल को मौजूदा स्वरूप में पेश किए जाने पर संसद के विशेष सत्र के दौरान भारी हंगामा होने की आशंका जताई जा रही थी।

इस बाबत विपक्ष ने अपने तेवर पहले ही साफ कर दिए थे। इसीलिए संसद के विशेष सत्र के दौरान सरकार ने अपने कदम वापस खींच लिए हैं। जानकार सूत्रों के मुताबिक अब इस बिल में संशोधन के बाद ही इसे संसद की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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