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Parliament Winter Session 2023: 4 दिसंबर से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र, 2 को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक
Parliament Winter Session 2023: ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को अगले साल आम चुनाव में जाने से पहले संसद से पारित करवा सकती है।
Parliament Winter Session 2023: अगले माह संसद के शीतकालीन सत्र का आगाज होने जा रहा है। तय कार्यक्रम के मुताबिक, सत्र 4 दिसंबर से शुरू होगा और 22 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिनों के इस सत्र में कुल 15 बैठकें होंगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये आखिरी शीत सत्र होने जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को अगले साल आम चुनाव में जाने से पहले संसद से पारित करवा सकती है। सत्र के शुरू होने से दो दिन पहले केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दो दिसंबर को सुबह 11 बजे ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है। आम तौर पर इस तरह की बैठकें सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले बुलाई जाती रही है। लेकिन इस बार दो दिन पहले बुलाई गई है। इसके पीछे 3 दिसंबर को पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के वोटों की गिनती होने का कारण माना जा रहा है। 4 दिसंबर को शुरू हो रहे संसद सत्र के काफी हंगामेदार होने के आसार हैं।
इन विधेयकों को किया जाएगा पेश
भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने वाले तीन प्रमुख विधेयकों को शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में पेश किए जाने की संभावना है क्योंकि गृह मामलों की स्थायी समिति ने हाल ही में तीन रिपोर्टों को अपनाया है। संसद में पारित होने वाला एक अन्य प्रमुख विधेयक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित है।
हालांकि इसे मानसूत्र सत्र के दौरान पेश किया गया था, मगर केंद्र सरकार विपक्ष के कड़े विरोध और पूर्व चुनाव आयुक्तों की ओर से उठाई गई चिंताओं के कारण इसे संसद के विशेष सत्र में पारित करने से पीछे हट गई थी। विधेयक को पारित कराने के साथ ही सरकार का लक्ष्य मुख्य चुनाव आयुक्तों और चुनाव आयुक्तों के कद को कैबिनेट सचिव के बराबर करना है। वर्तमान में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज का दर्जा हासिल है।
महुआ प्रकरण को लेकर हो सकता है भारी हंगामा
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजे आने के अगले दिन शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं। इस सत्र में कैश फॉर क्वेरी को लेकर एथिक्स कमेटी द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट भी लोकसभा में पेश किए जाएंगे। जिसमें टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है। महुआ के बचाव में विपक्ष पहले दिन से खड़ा है।
अब तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखने वाली बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने भी अपनी पार्टी सांसद का खुलकर समर्थन कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि शीत सत्र के पहले दिन वो टीएमसी सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगेंगे। अगर उन्हें इजाजत नहीं मिलती है तो वे वहीं धरना देंगे। इंडिया गठबंधन में शामिल ममता बनर्जी को इस पर कांग्रेस समेत अन्य बड़ी विपक्षी पार्टियों का साथ मिल सकता है।