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Parliament Winter Session 2024 :पहले भाषण में प्रियंका गांधी का हल्ला बोल, अखिलेश भी हुये फायर, लोकसभा में संविधान पर जमकर बहस
Parliament Winter Session 2024: राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस की तरह हमने कभी राजनीतिक हित साधने का जरिया नहीं बनाया। हमने संविधान को जिया है। हमने संविधान की रक्षा के लिए कष्ट भी सहे। 2003 में जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तब हमने 91वें संशोधन से मंत्रिपरिषद के आकार को सीमित कर दिया था।
Parliament Winter Session 2024: संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 साल पूरा होने के मौके पर आज यानी शुक्रवार से लोकसभा में दो दिन की चर्चा शुरू होने जा रही रही है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी शनिवार को लोकसभा में संविधान पर दो दिवसीय बहस का जवाब देंगे। शीतकालीन सत्र के दौरान संसदीय कार्यवाही से जुड़े हर छोटे-बड़े अपडेट के लिए जुड़े रहिए newstrack के साथ।
राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस की तरह हमने कभी राजनीतिक हित साधने का जरिया नहीं बनाया। हमने संविधान को जिया है। हमने संविधान की रक्षा के लिए कष्ट भी सहे। 2003 में जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तब हमने 91वें संशोधन से मंत्रिपरिषद के आकार को सीमित कर दिया था।
Live Updates
- 13 Dec 2024 2:51 PM IST
अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों को हो रही जेल: अखिलेश यादव
लोकसभा में चर्चा के दौरान सपा अध्यक्ष ने कहा कि आज अन्याय के खिलाफ खड़े होने वालों को जेल में डाला ज रहा। देश में अविश्वास का माहौल तेजी से बन रहा।
- 13 Dec 2024 2:24 PM IST
चीन से सीमा विवाद को लेकर सरकार पर बरसे अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि आज सीमाओं की रक्षा करना सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है, लेकिन वर्तमान में हमारी सीमाओं पर समय-समय पर सेंध लग रही हैं, और हमारे मंत्री बेहतर जानते होंगे कि कई स्थानों पर हमारी सीमा सिकुड़ रही है। हमारे संसदीय मंत्री अरुणाचल प्रदेश में रहते हैं, और वे यह जानते होंगे कि हमारे पड़ोस में कितने गांव बस गए हैं। लद्दाख की ओर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट चुकी हैं, लेकिन हम अपनी सीमा में ही पीछे हटे हैं। चीन जो हमारी सीमा के अंदर घुस आया था, वह आंशिक रूप से पीछे हटा है। वहीं, उस सीमा के पास स्थित रेजांग ला मेमोरियल को भी तोड़ दिया गया, जब लद्दाख को लेकर बात उठी।
- 13 Dec 2024 2:16 PM IST
संविधान शोषितों का संरक्षक: अखिलेश यादव
लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि भारत राज्यों का एक संघ है और हमें विविधता में एकता पर गर्व है। हमारा संविधान ही वह शक्ति है जिसने भाषाई, धार्मिक और जातीय विविधताओं वाले देश को एकजुट किया है। आंबेडकर जी ने कहा था कि संविधान की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि हम उसे किस तरह लागू करते हैं। इस महान देश का शासन संविधान में निहित सिद्धांतों के अनुसार चलाया जाए। यही वही संविधान है जो समय-समय पर हमारे लिए रक्षा कवच साबित हुआ है।
अखिलेश यादव ने कहा कि यह संविधान हमारी ढाल है, हमारी सुरक्षा है और यह हमें शक्ति प्रदान करता है। संविधान 90 प्रतिशत शोषित और पीड़ित जनता का संरक्षक है। यह हमारे लिए एक बड़ा सहारा है, खासकर उन कमजोर वर्गों के लिए, जो कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। संविधान की सुरक्षा हमारे जैसे लोगों और देश के कमजोर तबकों के लिए जीवन-मरण का प्रश्न है। संविधान ही लोकतंत्र की प्राणवायु है। 75 वर्षों के बाद भी इस संविधान पर संसद में चर्चा हो रही है, और इसकी प्रस्तावना संविधान का सार है।
- 13 Dec 2024 2:13 PM IST
भारत की 60 फीसदी जनता गरीब: अखिलेश यादव
लोकसभा में अखिलेश यादव ने बोलते हुये कहा कि देश की 60 फीसदी से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा के नीचे रह रही है। 2014 के बाद से देश में विषमता तेजी से बढ़ी है। देश की 142 करोड़ आबादी मे 82 करोड़ लोग सरकारी अन्न पर जिंदा है। दूसरी तरफ देश की आधी से ज्यादा संपत्ति पर कुछ परिवारों का कब्जा है।
- 13 Dec 2024 1:42 PM IST
संविधान सुरक्षा कवच हैः प्रियंका गांधी
लोकसभा में अपना पहला स्पीच देते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारे देश के करोड़ों देशवासियों के संघर्ष में, अपने अधिकारों की पहचान में, और देश से न्याय की अपेक्षा ने हमारे संविधान की ज्योत जल रही है। मैंने हमारे संविधान की ज्योत को जलते हुए देखा है। हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है, जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है। न्याय का कवच है। एकता का कवच है। अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है।
- 13 Dec 2024 1:21 PM IST
वाद-विवाद संवाद की पुरानी परंपरा हैः प्रियंका गांधी
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि वाद-विवाद संवाद की पुरानी परंपरा है। संविधान न्याय की गारंटी देता है। स्वतंत्रता संग्राम अहिंसा की लड़ाई थी।
- 13 Dec 2024 1:15 PM IST
उन सभी का उद्देश्य सामाजिक कल्याण था
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने जो भी संवैधानिक संशोधन किए हैं, उन सभी का उद्देश्य सामाजिक कल्याण था। हमने अनुच्छेद 370 को निरस्त किया ताकि भारत की अखंडता सुनिश्चित हो। हमने जीएसटी कानून बनाया। जीएसटी काउंसिल में राज्यों की सहमत से टैक्स दरें निर्धारित की जाती हैं। लोगों का जीवन आसान हुआ है।
- 13 Dec 2024 1:15 PM IST
बोले-कांग्रेस ने संशोधन नहीं, संविधान बदलने की कोशिश की
राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस की तरह हमने कभी राजनीतिक हित साधने का जरिया नहीं बनाया। हमने संविधान को जिया है। हमने संविधान की रक्षा के लिए कष्ट भी सहे। 2003 में जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तब हमने 91वें संशोधन से मंत्रिपरिषद के आकार को सीमित कर दिया था। कांग्रेस ने सिर्फ संविधान संशोधन ही नहीं किया है, बल्कि धीरे-धीरे बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि जब नेहरू पीएम थे, तब 17 बार संशोधन किए गए। इंदिरा गांधी के समय पर 28 बार बदलाव किए गए। राजीव गांधी के समय 10 बार बदलाव किया गया। मनमोहन सिंह के समय 7 बार संशोधन किए गए। ये संशोधन गलत नीतियों को लागू करने के लिए किए गए।
- 13 Dec 2024 12:41 PM IST
हमारा संविधान प्रगतिशील, समावेशी, परिवर्तनकारी हैः राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा संविधान प्रगतिशील, समावेशी, परिवर्तनकारी है। हमारे संविधान ने एक ऐसे समाज के निर्माण का ब्लूप्रिंट दिया है, जिसमें समरसता और समृद्धि हो। यहां देश के शीर्ष पद को प्राप्त करने के लिए जन्म की पहचान मायने न रखती हो। जहां एक गरीब परिवार में जन्मा व्यकित प्रधानमंत्री बन सके। राष्ट्रपति बन सके। संविधान की मूल भावना को आजादी के बाद ही ताक पर रख दिया गया था। लेकिन हमारी सरकार ने इसे सच्चे मन से स्वीकार किया है। हमारी सरकार संविधान की मूल भावना को केंद्र में रखकर आगे बढ़ रही है। हमने तीन नए आपराधिक कानूनों को पारित किया है। हमारी सरकार समाज के सभी वर्गों और विशेषकर कमजोर वर्गों के विकास को अपना लक्ष्य बनाया है। रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के हमारे लक्ष्य ने भारत को आगे लाकर खड़ा कर दिया है।
- 13 Dec 2024 12:36 PM IST
राजनाथ सिंह बोले-जहां संविधान लागू नहीं था, वहां भी हमने कर दिखाया
लोकसभा में राजनाथ सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में हमारी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। हमने नारी शक्ति वंदन अधिनियम भी पास किया है। इससे राजनीतिक क्षेत्र की महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। इसी सोच के तहत हमारी सरकार ने 2018 में राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है। आजाद भारत में ये पहली बार हुआ। हमने 2019 में संवैधानिक संशोधन किया, ताकि आर्थिक आधार पर आरक्षण मिले। समग्र और समावेशी विकास के सभी काम हमारे संवैधानिक मूल्यों और आदर्शों के जीवंत रूप हैं। हमने न सिर्फ संविधान के मूल्यों को केंद्र में रखकर काम किया है, बल्कि लागू भी किया है। इस देश में एक ऐसा राज्य भी था, जहां संविधान लागू नहीं होता था। संसद के कानून भी लागू नहीं होते थे। हमने वहां भी लागू करके दिखाया है। आज पूरा देश उस निर्णय का सकारात्मक परिणाम देख रहा है।