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नीतिश ने बिहार को शराब मुक्त तो कर दिया, लेकिन कैसे बनाएंगे शराबीमुक्त

Admin
Published on: 23 April 2016 9:28 AM GMT
नीतिश ने बिहार को शराब मुक्त तो कर दिया, लेकिन कैसे बनाएंगे शराबीमुक्त
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पटना: जब देश में कोई भी नियम बनता है तो नियम तोड़ने के तरीके का भी इजात हो जाता है। ऐसा ही कुछ बिहार में भी देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने राज्य में शराब बिक्री पर रोक लगाकर सूबे को शराब मुक्त तो बना दिया लेकिन वह राज्य को शराबीमुक्त नहीं बना सके।

नीतिश का नारा विफल

दरअसल, बिहार में शराब बिक्री पर लगी रोक के बाद यहां के शराबियों ने अपनी प्यास बुझाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। अब वह प्यास बुझाने के लिए शराब की उन दुकानों पर माथा टेक रहे हैं जो राज्य सीमा पार स्थित हैं। इसकी वजह से झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और नेपाल से लगी सीमा के पार शराब दुकानों में बहार आ गई है। बिहार के सीमावर्ती जिलों के लोग वहां जाकर शराब पी रहे हैं। इससे नीतिश का वह नारा तो विफल होता दिख रहा कि न पिएंगे और न पीने देंगे।

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शाम होते ही नेपाल में शराबियों का तांता

बिहार सीमा पर स्थित नेपाल का मलंगवा जिले में शाम होते ही बिहार के लोगों का तांता लग जाता है। लोग सीमा पार कर शराब के लिए मुंहमांगा पैसा दे रहे हैं। बताया जा रहा है बिहार के विभिन्न जिलों के करीब 25 हजार शराबी नेपाल पहुंच रहे हैं। इसके लिए ख़ुफ़िया विभाग ने राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी है। बताया जा रहा है कि बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, किशनगंज व सुपौल में शराब की बड़ी खेप पहुंच रही है।

एसएसबी ने भी की है पुष्टि

भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी ने भी नेपाल की खुली सीमा से विगत 21 दिनों से खासकर शाम को शराबियों की आवाजाही की पुष्टि की है। इससे पूर्ण शराबबंदी को सफल बनाने में जुटे अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उधर, दो देश और दो कानून के कारण नेपाल सरकार शराबियों पर कार्रवाई से इनकार कर रही है।

शराब के अवैध कारोबार में भी आई है तेजी

सूत्रों के अनुसार, बिहार में शराब बंदी के बाद शराब के अवैध कारोबार में भी तेजी आई है। बताया जा रहा है कि शराब के अवैध कारोबार में अब महिलाओं को लगाया गया है। महिलाएं बोरा में पत्ता कसकर और उसके बीच में शराब की बोतल रखकर सीमा क्षेत्र में ला रही हैं। उधर सीमा की दूसरी तरह ग्राहक पहले से तैयार रहते हैं। इन शराब की बोतलों को ग्राहकों को दे दिया जाता है और इसके एवज में उनसे मनमाना पैसा वसूला जा रहा है।

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