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30 Mile Walk Challenge नामक अनूठी पहल के जरिये भारत में हाथियों की मदद को विश्वभर से एकजुट हो रहे लोग
30 Mile Walk Challenge: लक्ष्मी के अत्यधिक वजन से चिंतित संस्था के पशु- चिकित्सा अधिकारीयों ने लक्ष्मी को पौष्टिक आहार पर रखा और नियमित रूप से सुबह शाम वॉक भी प्रारंभ करवाई
Lucknow: दुनिया भर के लोग '30-मील वॉक चैलेंज' (30 Mile Walk Challenge) के माध्यम से भारत में हाथियों की मदद करने के लिए एकजुट हो रहे हैं। प्रतिभागियों ने सितंबर के महीने में 30 मील की दूरी पैदल चलने का निश्च्य किया है, ताकि वाइल्डलाइफ एसओएस (Wildlife SOS)- एक भारतीय वन्यजीव संरक्षण चैरिटी द्वारा बचाए गए एशियाई हाथियों के लिए चिकित्सा उपचार (medical treatment for elephants) और देखभाल में आने वाले खर्चे में कुछ सहायता मिल सके।
वाइल्डलाइफ एसओएस- भारत में वन्यजीव संरक्षण के लिए काम करने वाली एक एनजीओ, भारत में शेष जंगली हाथियों की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से काम करते हुए पर्यटन, भीख और मनोरंजन उद्योगों से बचाए गए हाथियों को चिकित्सा उपचार और देखभाल प्रदान करती है।
भीख मांगने वाली हथनी लक्ष्मी से प्रेरित है- 30-मील वॉक चैलेंज
'30-मील वॉक चैलेंज' 2013 में वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा भीख मांगने वाली हथनी लक्ष्मी से प्रेरित है। संरक्षण केंद्र में आने से पूर्व लक्ष्मी को मिठाई और तला हुआ भोजन खिलाया जाता था, जिसके कारण उसका वजन बहुत ही ज्यादा अधिक था। लक्ष्मी को रेस्क्यू कर मथुरा स्थित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र (Elephant Conservation and Care Center at Mathura) में देखभाल के तहत लाया गया, जिसे वाइल्डलाइफ एसओएस, उत्तर प्रदेश वन विभाग (Uttar Pradesh Forest Department) के सहयोग से संचालित करती है।
लक्ष्मी का अत्यधिक वजन उसके शरीर पर बुरा प्रभाव डाल रहा था, इस बात से चिंतित संस्था के पशु- चिकित्सा अधिकारीयों ने लक्ष्मी को पौष्टिक आहार पर रखा और नियमित रूप से सुबह शाम वॉक भी प्रारंभ करवाई, यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसका वज़न कम हो सके जिससे वह फिट रहे। परिणामस्वरूप, आज लक्ष्मी अपनी सहेलियों के साथ एक सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जी रही है।
लक्ष्मी एक महीने में 30 मील की दूरी तय करती है
1 सितंबर से शुरू हुए '30-मील वॉक चैलेंज' में दुनिया भर से 4,000 से अधिक प्रतिभागी जुड़ चुके हैं! पहल से जुड़े रहे लोग, 'टीम लक्ष्मी' में शामिल हो रहे हैं, जिसमें वे पूरे महीने में 30 मील की दूरी तय करेंगे, जो लक्ष्मी एक महीने में चलती है, साथ ही साथ हाथियों की देखभाल के लिए दान भी करेंगे!
जंगल में, हाथी भोजन या पानी की तलाश में लगातार चलते हैंl वाइल्डलाइफ एसओएस का उद्देश्य हाथीयों को उनके प्राकृतिक आवास जैसा ही एक करीब वातावरण देना है। यह मथुरा स्थित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में रह रहे हाथियों को प्रदान की जाने वाली देखभाल का एक अभिन्न हिस्सा है।
इस पूरे चैलेंज के दौरान, प्रतिभागियों को लक्ष्मी द्वारा वॉक पर तय की गई दूरी की नियमित रूप से एक फेसबुक पेज पर अपडेट प्राप्त होंगे, जहां वह अपने मील को भी साझा कर सकेंगे।
भारत एशियाई हाथियों की आबादी का अंतिम गढ़
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण, ने कहा, "दुनिया भर से लोगों को भारत में हाथियों की मदद करने के लिए इस पहल में हिस्सा लेना और वॉक पर निकलने के लिए अपने दिन में से समय निकालना प्रेरणादायक है। भारत एशियाई हाथियों की आबादी का अंतिम गढ़ है और हम सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होना चाहिए कि यह विरासत संरक्षित रहे। "
वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि, ने कहा, "हम उन सभी के आभारी हैं जो 30-माइल वॉक चैलेंज में भाग ले रहे हैं। इस पहल के माध्यम से, हम इन हाथियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वाइल्डलाइफ एसओएस में हाथियों को उच्च स्तरीय देखभाल और प्यार मिलना जारी रहे।"