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Phoolan Devi Death Anniversary: फूलन देवी के संघर्षो से लेकर डाकू बनने और आत्म सपर्पण की कहानी

Phoolan Devi Death Anniversary: फूलन देवी ऐसी महिला जिनका नाम सभी नें सुना होगा। अपने समय मेँ वह पूरे चम्बल के इलाके का एक जाना माना नाम थी और सभी उन्हें भलीभाति पहचानते थे। उनका नाम सुनकर सभी काँप उठते थे।आज ही के दिन उनका निधन ह्या था |

Vertika Sonakia
Published on: 25 July 2023 1:50 AM GMT (Updated on: 25 July 2023 1:53 AM GMT)
Phoolan Devi Death Anniversary: फूलन देवी के संघर्षो से लेकर डाकू बनने और आत्म सपर्पण की कहानी
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Phoolan Devi Death Anniversary(Photo: Social Media)

Phoolan Devi Death Anniversary: फूलन देवी ऐसी महिला जिनका नाम सभी नें सुना होगा। अपने समय मेँ वह पूरे चम्बल के इलाके का एक जाना माना नाम थी और सभी उन्हें भलीभाति पहचानते थे। उनका नाम सुनकर सभी काँप उठते थे। कितना भी बड़ा व्यक्ति हो सब फूलन देवी से डरते थे। आज फूलन देवी की पुण्यतिथि हैं। आज ही के दिन उनका निधन हुआ था। आइये जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी सभी चीज़े

फूलन देवी का जन्म

फूलन देवी का जन्म 10 अगस्त, 1963 को उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के पुरवा गांव में राजपूत क्षत्रिय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम डेवी दीन और माता का नाम मूली देवी था। फूलन देवी के बचपन का जीवन गांवी वातांसी और संघर्षभरा रहा, जिससे उन्हें देश की लोकप्रिय जननायिका में परिवर्तित किया गया। उन्होंने बाद में विभिन्न अपराधों के लिए दंड भुगतने के बाद राजनीतिक करियर शुरू किया और भारतीय संसद के सदस्य के रूप में सेवा की।

एक बुज़ुर्ग से हुई फूलन देवी की शादी

11 वर्ष की उम्र मेँ फूलन देवी की शादी उनके चचेरे भाई नें एक बुज़ुर्ग पट्टी लाल से करवा दी थी। उनका पाती उन्हें प्रताणित कर उनका रेप करता था। इसके बाद फूलन देवी होबे पति को छोड़ माता पिता के साथ रहने लगी थी।

तीन हफ्ते तक हुआ था फूलन देवी का बलात्कार

15 वर्ष की उम्र मेँ फूलन देवी के माता पिता के सामने गांव के ठाकुरों द्वारा इनका गैंग रेप हुआ था। सभी जगह मदद मांगने पर भी सब जगहै बस निराशा ही निराशा मिली। नाराज़ ठाकुरों नें दस्यू गैंग से कह कर इनका गैंग रेप करवा डाला। यह गैंग रेप पूरे तीन हफ्तों तक चला था।

फूलन देवी बनी थी डाकू

गैंग रेप के बाद गुस्से से भरी फूलन देवी नें अपना एक अलग गैंग बनाया। 14 जनवरी 1981 को फूलन देवी नें एक साथ 22 ठाकुरों को खड़ा करके गोली से मार डाला था। फूलन देवी को इसका कोई पछतावा नहीं था। उन ठाकुरों को अपने किये की सजा मिली और यह उसी का बदला था।

इंदिरा गांधी के कहने पर फूलन देवी नें किया था आत्म समर्पण

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर फूलन देवी नें वर्ष 1983 मेँ दस हज़ार लोग और तीन सौ पुलिसवालों के सामने आत्म समर्पण किया था। आत्म समर्पण केबाद उन्हें पूरे आठ वर्षों की सजा हुई और 1994 मेँ जब वह जेल से निकली तो उन्होंने राजनीति मेँ हिस्सा लिया। दो बार वह सांसद के पद पर चयनित हुई।

फूलन देवी की हत्या

25 जुलाई 2001 को 38 वर्ष की उम्र मेँ उनके घर के सामने उनकी हत्या हुई थी। किसने और क्यों करी फूलन देवी की हत्या इसका कारण अभी तक अज्ञात
हैं।

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