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Pingali Venkayya: भारतीय तिरंगे को किसने किया डिजाइन, आज है उस गुमनाम हीरो का जन्मदिन

Indian flag designe Pingali Venkayya: तिरंगा पूरी दुनिया में भारत की पहचान का प्रतीक है और इस तिरंगे को डिजाइन करने वाले महान शख्स का आज जन्मदिन भी है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 2 Aug 2022 3:36 AM GMT
national flag designer pingali venkayya
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पिंगली वेंकैया (फोटो: सोशल मीडिया ) 

Indian Flag Designer: आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में हमारी आन-बान और शान के प्रतीक तिरंगे की चर्चा करना भी बेहद जरूरी है। मौजूदा समय में देश भर में घर-घर तिरंगा अभियान चलाने की जोरदार तैयारियां चल रही हैं मगर यह अजीब विडंबना है कि देश की आजादी के 75 साल बाद भी देश में काफी कम लोग इस बात को जानते हैं कि आखिर इस तिरंगे को डिजाइन किसने किया था।

तिरंगा पूरी दुनिया में भारत की पहचान का प्रतीक है और इस तिरंगे को डिजाइन करने वाले महान शख्स का आज जन्मदिन भी है। इस तिरंगे को डिजाइन करने वाले महान शख्स थे पिंगली वेंकैया जिनका जन्म 2 अगस्त 1876 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के एक छोटे से गांव में हुआ था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रेरणा से वे स्वाधीनता संग्राम में कूदे थे और उन्होंने ही हमारे प्यारे तिरंगे को डिजाइन किया था। हालांकि तकलीफ देने वाली बात यह भी है कि पिंगला वेंकैया को अपने जीवन काल के दौरान वह सम्मान नहीं मिला जिसके कि वे हकदार थे।

पिंगली वेंकैया (photo: social media )

महात्मा गांधी के विचारों से थे प्रभावित

तिरंगे को डिजाइन करने वाले पिंगली वेंकैया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भटाला पेनमरू और मछलीपट्टनम में हासिल की थी। 19 साल की उम्र में वे मुंबई पहुंचे जहां पर उन्हें ब्रिटिश आर्मी में काम करने का मौका मिला। इसी बीच उन्हें दक्षिण अफ्रीका भेज दिया गया। 1899 से 1902 के बीच उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के बायर युद्ध में हिस्सा लिया था।

दक्षिण अफ्रीका में ही पिंगला वेंकैया की मुलाकात राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से हुई जिनके विचारों ने उन्हें काफी प्रभावित किया। महात्मा गांधी की प्रेरणा से ही भेज दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौट आए। दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद उन्हें रेलवे में गार्ड की नौकरी मिल गई। भारत लौटने के बाद उन्होंने स्वाधीनता संग्राम में अहम योगदान किया।

पिंगली वेंकैया (photo: social media )

30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज का किया अध्ययन

भारत के राष्ट्रीय ध्वज को डिजाइन करने से पहले पिंगला ने करीब 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज के बारे में गहराई से रिसर्च किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1921 में हुए सम्मेलन के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के बारे में पहली बार अपनी संकल्पना पेश की। पहले उन्होंने ध्वज में दो और रंग रखे थे लाल और हरा। लाल और हरा रंग क्रमशः हिंदू और मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करते थे।

जानकारों के मुताबिक महात्मा गांधी ने बाकी समूहों के प्रतिनिधित्व के लिए इसमें सफेद रंग जोड़ने पर भी जोर दिया। साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राष्ट्र की प्रगति के सूचक के रूप में चरखे को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय ध्वज को अपनाने का प्रस्ताव पारित

पिंगला के राष्ट्रीय ध्वज की संकल्पना पेश करने के करीब एक दशक बाद 1931 में कुछ संशोधनों के साथ तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने का प्रस्ताव पारित हुआ। इसमें मुख्य संशोधन यह किया गया था कि लाल रंग की जगह केसरिया ने ले ली थी। उसके बाद 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा की ओर से इस तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अंगीकार किया गया।

आजादी के बाद यही तिरंगा भारत की आन-बान और शान की नुमाइंदगी का प्रतीक बन गया। हालांकि इसमें मामूली संशोधन यह भी किया गया कि चरखे की जगह इसमें सम्राट अशोक के धर्मचक्र को शामिल कर लिया गया। जानकारों का कहना है कि चरखे को राष्ट्रीय ध्वज से हटाने पर महात्मा गांधी नाराज भी हुए थे।

बेहद गरीबी में हुआ था निधन

देश के राष्ट्रीय ध्वज की डिजाइन बनाने वाले पिंगला को देश की आजादी के बाद उचित सम्मान नहीं मिल सका। बेहद गरीबी की हालत में 4 जुलाई में विजयवाड़ा की एक झोपड़ी में उनका निधन हुआ था।

उनके निधन के करीब 46 साल बाद 2009 में पिंगला के योगदान को याद करते हुए उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया। जनवरी 2016 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने विजयवाड़ा की ऑल इंडिया रेडियो बिल्डिंग में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया था।

वेंकैया को भारत रत्न देने की मांग

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर पिंगली वेंकैया को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की थी। रेड्डी का कहना था कि वेंकैया ने ही भारतीय तिरंगे को डिजाइन किया था। उनके द्वारा डिजाइन किया गया तिरंगा स्वतंत्र भारत की भावना का पर्याय बन गया।

ऐसे में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करना प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात होगी। मुख्यमंत्री ने पिंगली वेंकैया के निवास स्थान पर जाकर उनकी बेटी और परिवार के अन्य सदस्यों को सम्मानित भी किया था। अभी तक भारत सरकार की ओर से रेड्डी की इस मांग पर कोई कदम नहीं उठाया गया है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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