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Tahawwur Rana: 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा का केस लड़ेंगे पीयूष सचदेवा, जानें कौन हैं? क्या मौत की सजा से बचा पाएंगे?
Tahawwur Rana: मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा का केस लड़ने के लिए DLSA ने पियूष सचदेवा को नियुक्त किया है। अब वह ही आरोपी का केस लड़ेंगे।
Tahawwur Rana
Tahawwur Rana: मुंबई पर हुए 26/11 के आतंकी हमले ने भारत को हिलाकर रख दिया था। इस हमले के पीछे जिन चेहरों की तलाश थी, उनमें से एक नाम तहव्वुर हुसैन राणा का भी था। अब वर्षों बाद उसे अमेरिका से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया है, जिससे इस पूरे मामले में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। तहव्वुर राणा को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाना है, जहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उसकी 15 दिन की रिमांड की मांग कर सकती है। लेकिन इस पूरी कानूनी प्रक्रिया में एक नाम काफी चर्चा में है वकील पीयूष सचदेवा, जो तहव्वुर राणा की तरफ से अदालत में उसका पक्ष रखेंगे।
क्यों लड़ रहे हैं सचदेवा यह केस?
वकील पीयूष सचदेवा को यह केस किसी व्यक्तिगत निर्णय के तहत नहीं मिला है, बल्कि वे दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (DSLSA) से जुड़े हुए हैं। भारत की न्यायिक व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि हर आरोपी, चाहे वह कितना भी गंभीर अपराध क्यों न हो, उसे न्यायपूर्ण सुनवाई का अधिकार मिले। इसी अधिकार के तहत तहव्वुर राणा ने कानूनी सहायता मांगी थी, जिसे विधिक सेवा प्राधिकरण ने मंजूर करते हुए पीयूष सचदेवा को यह जिम्मेदारी सौंपी।
कौन हैं वकील पीयूष सचदेवा?
पीयूष सचदेवा पेशे से एक अनुभवी अधिवक्ता हैं और पिछले एक दशक से ज्यादा समय से कानून के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने 2011 में ILS लॉ कॉलेज, पुणे से कानून की पढ़ाई पूरी की और फिर किंग्स कॉलेज, लंदन से इंटरनेशनल बिजनेस और कॉमर्शियल लॉ में मास्टर डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में अपनी फर्म CGC Partners के साथ वकालत की शुरुआत की। साल 2021 से वे DSLSA से सूचीबद्ध वकील हैं, जो उन्हें ऐसे मामलों में सरकारी कानूनी सेवा देने के योग्य बनाता है।
क्या वकील सचदेवा बचा पाएंगे राणा को?
इस सवाल का जवाब आसान नहीं है। तहव्वुर राणा के खिलाफ सबूत, एनआईए की जांच और अदालत की प्रक्रिया ही यह तय करेगी कि उसे क्या सजा मिलेगी। वकील पीयूष सचदेवा की भूमिका सिर्फ इतनी है कि राणा को कानून के अनुसार सही ढंग से डिफेंड किया जाए। वे यह केस अपने पेशेवर कर्तव्य के तहत लड़ रहे हैं, न कि किसी व्यक्तिगत विचारधारा के कारण।