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India-China on LAC: सर्दी शुरू होते ही लद्दाख क्षेत्र में बढ़ी PLA की गतिविधियां, चीन की हर हरकत पर भारत की नजर
India-China on LAC: भारत ने पैंगोंग झील में भी नए लैंडिंग क्राफ्ट और गश्ती नौकाएं तैनात की हैं। बता दें, पैंगोंग झील दुनिया की सबसे ऊंची खारे पानी की झील है।
India-China on LAC : सर्दियां शुरू होते ही भारत-चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास पीपल्स लिबरेशन आर्मी (Chinese People's Liberation Army यानी PLA की गतिविधियां तेज हो गई हैं। अंग्रेजी दैनिक हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, भारतीय सेना (Indian Army) के अधिकारियों ने बताया कि सर्दी शुरू होते ही PLA के पश्चिमी थिएटर कमांड तथा रिजर्व के रूप में लाए गए तीन संयुक्त सशस्त्र ब्रिगेड की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है। सीमा के पास PLA की गतिविधियां देखी जा रही है।
इस बीच, बीते दिनों भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Indian Army Chief General Manoj Pandey) ने सार्वजनिक तौर पर कहा था, कि चीन LAC के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है। उन्होंने कहा, लद्दाख (Ladakh) में कब्जे वाले अक्साई चिन (Aksai Chin) में पीपल्स लिबरेशन आर्मी की भूमिका में कोई महत्वपूर्ण कमी नहीं हुई है।
अक्साई चिन में PLA तैनात
आपको बता दें, पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अपने कब्जे वाले अक्साई चिन में पूरी तरह से तैनात है। जहां रॉकेट, आर्मर, आर्टिलरी तथा मिसाइल सपोर्ट रेजीमेंट के साथ सेना के दो डिवीजन और बॉर्डर गार्ड डिवीजन भी हैं। PLA की गतिविधियों के मद्देनजर इंडियन आर्मी भी पूर्वी लद्दाख में चौकन्ना है। भारतीय सेना यहां बड़ी संख्या में तैनात है। एक सैन्य अधिकारी के अनुसार, होतान (Hotan), काशगर (Kashgar), ल्हासा (Lhasa) और न्यिंगची हवाई अड्डों (Nyingchi Mainling Airport) पर लड़ाकू विमानों के अतिरिक्त गार गुंसा हवाई अड्डे पर PLA वायु सेना भी स्टैंडबाय पर है।
PLA ने भारतीय प्रयासों को दिया था झटका
गौरतलब है कि, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Indian Foreign Minister S. Jaishankar) ने बार-बार कहा है कि, भारत-चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने का एकमात्र रास्ता है। भारत के इस प्रयास को मई 2020 में झटका लगा था। तब पूर्वी लद्दाख में पीएलए ने उल्लंघन किया था। उसके बाद से भारतीय सेना LAC पर PLA की हर गतिविधियों पर पैनी निगाह रखती रही है।
गौरतलब है कि, इंडियन आर्मी की शीतकालीन स्थिति (winter condition) इस बात पर भी निर्भर करेगी कि क्या तीन संयुक्त सशस्त्र ब्रिगेड (प्रत्येक ब्रिगेड में लगभग एक डिवीजन के सहायक तत्वों के साथ 4,500 सैनिक हैं) अपने ठिकानों पर वापस जाएगी या पश्चिमी थिएटर कमांड में गहराई वाले क्षेत्रों में तैनात रहेगी।
PLA की ब्रिगेड चीन-भूटान सीमा पर तैनात
ख़बरों के मुताबिक, PLA ने एक संयुक्त सशस्त्र ब्रिगेड (Combined Armed Brigade) को चीन-भूटान सीमा (China-Bhutan border) के पास सिलीगुड़ी कॉरिडोर (Siliguri Corridor) के करीब रिजर्व रूप में तैनात किया है। साथ ही, दो अन्य पीएलए ब्रिगेड अरुणाचल प्रदेश में तैनात हैं। इन तीनों ब्रिगेड को PLA के पूर्वी तथा दक्षिणी थिएटर कमांड से वेस्टर्न थिएटर कमांड में शामिल किया गया था।
भारत ने पूरी की तैयारी
वहीं, भारतीय सेना ने पैंगोंग झील में भी नए लैंडिंग क्राफ्ट (landing craft) और गश्ती नौकाएं तैनात की हैं। बता दें, पैंगोंग झील की लंबाई 135 किलोमीटर है। झील का एक बड़ा हिस्सा तिब्बत के अधीन है। पैंगोंग झील को दुनिया की सबसे ऊंची खारे पानी की झील भी कहा जाता है। यह लेह से 54 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लैंडिंग क्राफ्ट में 35 सैनिक या एक जीप तथा 12 जवान सवार हो सकते हैं। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि, चीनी PLA की निगरानी के लिए खरीदी गई नई स्पीड बोट्स 35 समुद्री मील की गति तक पहुंच सकती हैं।