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PM ने चक्रवात प्रभावित ओडिशा को एक हजार करोड की सहायता राशि की घोषणा की
मोदी ने सुरक्षित स्थानों पर जाने को लेकर ओडिशा के लोगों, खासकर मछुआरों की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने व्यस्त चुनाव कार्यक्रम के बावजूद वह चक्रवात की गतिविधि पर लगातार नजर रखे हुए थे।
भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में चक्रवात ‘फोनी’ के कारण हुई क्षति का आकलन करने के लिए सोमवार को हवाई सर्वेक्षण किया और राज्य में राहत कार्यों के लिए 1,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता मुहैया कराने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने संकट के समय में केंद्र एवं राज्य के बीच समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए भविष्य में इस प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए एक दीर्घकालिक योजना बनाने की बात भी कही। फोनी चक्रवात ने शुक्रवार को राज्य में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी जिसमें कम से कम 34 लोगों की जान गई है।
यह उल्लेख करते हुए कि केंद्र ने ‘अत्यंत भीषण’ चक्रवात के मद्देनजर राज्य के लिए पूर्व में 381 करोड़ रुपये जारी किए थे, मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और सेवाओं की बहाली के कार्य में तेजी सुनिश्चित करने के वास्ते राज्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए एक हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि तत्काल जारी की जाएगी।
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मोदी ने चक्रवात से पहले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यापक मुहिम के लिए नवीन पटनायक सरकार की प्रशंसा की। केंद्र मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपए और चक्रवात के कारण घायल हुए लोगों को पचास-पचास हजार रुपये की सहायता राशि भी उपलब्ध कराएगा।
मोदी ने हवाई सर्वेक्षण के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली सरकार ने जनहानि से बचने के लिए तटीय क्षेत्रों से लोगों को निकालने में सराहनीय काम किया।’’ राज्य सरकार ने चक्रवात से निपटने की तैयारियों के तहत तटीय क्षेत्रों के करीब 12 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था।
उन्होंने कहा, ‘‘चक्रवात के कारण हुए नुकसान का जायजा के लिए एक केंद्रीय दल जल्द ही राज्य का दौरा करेगा जिससे कि आवश्यक सेवाओं की बहाली के लिए और सहायता उपलब्ध कराई जा सके।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय संचार, स्वास्थ्य सेवाओं, जल और विद्युत आपूर्ति की बहाली पहली प्राथमिकता है। चक्रवात से राज्य के 14 हजार से अधिक गांवों में एक करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
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मोदी ने कहा, ‘‘मेरे साथ आई प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों की टीम भी मदद उपलब्ध कराने के लिए राज्य में रुकेगी।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि राहत कार्यों और सेवाओं की तुरंत बहाली के लिए श्रमशक्ति, मशीन और धन की आवश्यकता होती है तथा पर्याप्त श्रमशक्ति, उपकरण और कोष उपलब्ध कराया जाएगा। स्थिति से उबरने के लिए केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे।
यह उल्लेख करते हुए कि चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाएं ओडिशा जैसे राज्यों के लिए एक नियमित संकट बनी रहती हैं, मोदी ने कहा कि देश के सभी तटीय राज्यों में इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए एक दीर्घकालिक योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार समग्र योजना में शामिल की जा सकने वाली जरूरतों को रेखांकित करते हुए एक ब्लूप्रिंट तैयार करने का आग्रह करती रही है।
मोदी ने सुरक्षित स्थानों पर जाने को लेकर ओडिशा के लोगों, खासकर मछुआरों की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने व्यस्त चुनाव कार्यक्रम के बावजूद वह चक्रवात की गतिविधि पर लगातार नजर रखे हुए थे।
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उन्होंने कहा, ‘‘थोड़े से समय अंतराल में 12 लाख से अधिक लोगों को स्थानांतरित करना कोई आसान काम नहीं है, यह एक बड़ा काम है। इससे जनहानि को कम करने में मदद मिली। यदि कोई इमारत गिर जाती है तो इसे दोबारा बनाया जा सकता है, लेकिन जीवन चला जाए तो उसे वापस नहीं लाया जा सकता है। मुझे सबसे बड़ा संतोष यह है कि मानव जीवन बचा लिया गया।’’
भुवनेश्वर हवाईअड्डे पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री को अंतरिम ज्ञापन सौंपकर 17,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी। पटनायक ने यह मांग भी दोहराई कि बार-बार प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित होने के चलते ओडिशा को विशेष श्रेणी दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 10 हजार करोड़ रुपये तटीय क्षेत्रों में आपदा रोधी ऊर्जा अवसंरचना और सात हजार करोड़ रुपये चक्रवात से नष्ट हुए मकानों के निर्माण के लिए मांगे गए हैं।
(भाषा)