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पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने देशवासियों को दी बसंत पंचमी की शुभकामनाएं

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रकृति के नव हर्ष और नव उत्कर्ष से जुड़े पर्व बसंत पंचमी की सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई। विद्यादायिनी मां सरस्वती हर किसी के जीवन को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करें।'

Shivakant Shukla
Published on: 30 Jan 2020 5:19 AM GMT
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने देशवासियों को दी बसंत पंचमी की शुभकामनाएं
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नई दिल्ली: देशभर में आज बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने इस पावन पर्व की सभी देशवासियों को बधाई दी।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रकृति के नव हर्ष और नव उत्कर्ष से जुड़े पर्व बसंत पंचमी की सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई। विद्यादायिनी मां सरस्वती हर किसी के जीवन को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करें।'

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस पावन पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं। मां सरस्वती का आशीर्वाद हमें ज्ञान और ज्ञान की खोज में, और एक सच्चे ज्ञान और समाज के निर्माण के लिए प्रेरित कर सकता है।'

उपराष्ट्रपति ने भी दी शुभकामनाएं

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बसंत पंचमी के पर्व की देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए इसे प्रकृति के नवसृजन का उत्सव बताया है। उपराष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी संदेश में नायडू ने कहा, 'बसंत पंचमी के पावन पर्व पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। यह प्रकृति के नवसृजन का उत्सव है, जब धन धान्य की हरितिमा से समृद्ध प्रकृति उत्तरायण सूर्य की आभा में निखरती है। यह हमारे कृषकों के श्रम और समृद्धि का उत्सव है।'

उन्होंने इसे ज्ञान का पर्व बताते हुए कहा, 'बसंत पंचमी विद्या और ज्ञान का पर्व है। देवी सरस्वती हमारी अंतर्निहित मेधा, प्रतिभा और दिव्यता को जागृत करें। हमें विद्या और विनय का आशीर्वाद दें।' बेटियों को शिक्षा के वरदान की कामना करते हुए नायडू ने कहा, 'मां सरस्वती के पूजन के अवसर पर संकल्प लें कि घर की सरस्वती, हमारी बेटियों को विद्या और शिक्षा का वरदान प्राप्त हो।'

वसंत पंचमी के पावन पर्व पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। यह प्रकृति के नव सृजन का उत्सव है, जब धन धान्य की हरितिमा से समृद्ध प्रकृति उत्तरायण सूर्य की आभा में निखरती है। यह हमारे कृषकों के श्रम और समृद्धि का उत्सव है।

उल्लेखनीय है कि छह ऋतुओं में शीत ऋतु के समापन और ग्रीष्म ऋतु से पहले वसंत ऋतु के आगमन के रूप में भारत के विभिन्न भागों में इस पर्व को अलग अलग रूपों में मनाया जाता है।

Shivakant Shukla

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