PM Modi On Ramzan: प्रधानमंत्री मोदी ने दी रमजान की बधाई, बोले- 'पवित्र महीना सभी के जीवन में खुशी...'

PM Modi On Ramzan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के मुसलमान समाज के पवित्र त्योहार रमजान की बधाईयां दी। उन्होंने जीवन में खुशी, अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की।'

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Written By aman
Published on: 11 March 2024 4:19 PM GMT (Updated on: 11 March 2024 4:34 PM GMT)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Social Media) 

PM Modi wishes Ramadan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिमों के सबसे पवित्र महीने रमजान की बधाई दी है। बता दें, रमजान का पाक महीना 12 मार्च से शुरू होने वाला है। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, 'सभी को रमजान की शुभकामनाएं। यह पवित्र महीना सभी के जीवन में खुशी, अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि लाए।'

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार शाम को रमजानुल मुबारक का चांद दिखा। लोगों ने चांद को देखकर एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। साथ ही, मंगलवार (12 मार्च) से रमजान के पाक महीने की शुरुआत की घोषणा की। चांद दिखने के साथ ही मस्जिदों में तरावीह की नमाज का सिलसिला शुरू हो गया जो कि ईद का चांद निकलने तक चलता रहेगा।

जानें क्या है 'माह-ए-रमजान'?

जानकारी के लिए बता दें, इस्लाम में यह रमजान का पवित्र महीना 29 या 30 दिनों का होता है। महीने के इन दिनों की संख्या चांद दिखने पर निर्भर करती है। इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को सबसे पाक माना जाता है। यह महीना चांद को देखकर निर्धारित होता है। रमजान का पाक महीना इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के अनुसार नौवां महीना होता है। इसे 'माह-ए-रमजान' भी कहा जाता है।

पूरे महीने रखते हैं रोजा, मांगते हैं गुनाहों की माफी

रमजान में मुस्लिम समाज के लोग पूरे महीने रोजा रखते हैं। सूरज निकलने से लेकर डूबने तक कुछ नहीं खाते-पीते हैं। रोजा (Ramadan 2024 Roza Start Date) के दौरान लोग सहरी करने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले उठते हैं। शाम को इफ्तार के साथ अपना उपवास तोड़ते हैं। साथ ही, महीने भर इबादत करते हैं। इस दौरान अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। रमजान के महीने में रोजा रखना, रात में तरावीह की नमाज पढ़ना और कुरान तिलावत करना शामिल है।

क्या है रमजान का महत्व?

मुस्लिम धर्मगुरुओं के अनुसार, रमजान के दौरान रोजा रखने से अल्लाह खुश होते हैं। सभी दुआएं कुबूल होती है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने की गई इबादत का फल बाकी महीनों के मुकाबले 70 गुना अधिक मिलता है। चांद दिखने के बाद से ही मुस्लिम समुदाय (Muslim community in India) के लोग सूरज के निकलने से पहले सहरी खाकर इबादतों का सिलसिला शुरू कर देते हैं। सूर्य निकलने से पहले खाए गए खाने को सहरी कहा जाता है। सूरज ढलने के बाद रोजा खोलने को इफ्तार कहते हैं।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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