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PM Modi on Constitution Day: संविधान दिवस पर पीएम मोदी बोले, भारत का संविधान इसकी सबसे बड़ी ताकत

PM Modi on Constitution Day: शनिवार को संविधान दिवस के उपलक्ष्य पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की उपस्थिति में सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह को चिह्नित करने के लिए चार डिजिटल कोर्ट पहल की शुरुआत की।

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Written By aman
Published on: 26 Nov 2022 6:58 AM GMT (Updated on: 26 Nov 2022 8:05 AM GMT)
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संविधान दिवस पर कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी (Social Media) 

PM Modi on Constitution Day: सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार (26 नवंबर) को कहा, कि भारत का संविधान इसकी सबसे बड़ी ताकत है। पीएम मोदी ने युवाओं से बहस और चर्चाओं में भाग लेने का आग्रह करते हुए कहा, 'संविधान देश की प्रगति को आगे बढ़ाने वाली सबसे बड़ी ताकत है। हमारे संविधान की भावना युवा केंद्रित है। मैं सरकारी संस्थानों और न्यायपालिका से अनुरोध करता हूं कि वे हमारे युवाओं के बीच अधिक जागरूकता पैदा करने के प्रयास करें।'

शनिवार को संविधान दिवस के उपलक्ष्य पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) की उपस्थिति में सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह को चिह्नित करने के लिए चार डिजिटल कोर्ट पहल की शुरुआत की। 1949 में संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को 2015 से संविधान दिवस के रूप में चिह्नित किया गया।

PM मोदी- दुनिया हमें उम्मीद भरी नजरों से देख रही

संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि मजबूत हुई है। दुनिया हमें उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। जिस देश के बारे में कहा जाता था, कि वह बिखर जाएगा, आज वह पूरे सामर्थ्य से आगे बढ़ रहा है। इसके पीछे हमारी सबसे बड़ी ताकत 'हमारा संविधान' है। उन्होंने कहा, हमारे संविधान की प्रस्तावना की शुरुआत में 'वी द पीपुल' (We the People) लिखा है, ये शब्द नहीं बल्कि एक भावना है। ये एक प्रतिज्ञा है।'

PM मोदी ने 26/11 हमले को किया याद

पीएम मोदी मोदी ने अपने संबोधन में मुंबई में हुए 26/11 हमले को भी याद किया। उन्होंने कहा, आज 26/11 आतंकी हमले का भी दिन भी है। आज से 14 साल पहले भारत जब अपने संविधान का पर्व मना रहा था, तब उसी दिन मानवता के दुश्मनों ने देश पर पर सबसे बड़ा आतंकी हमला किया। मैं इस हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।'

प्रधानमंत्री- कानूनों को सरल बनाया जा रहा है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, 'भारतीय संविधान में देश की सांस्कृतिक और नैतिक भावना समाहित है। मुझे संतोष है कि आज देश 'मदर ऑफ डेमोक्रेसी' (Mother of Democracy) के रूप में अपने आदर्शों तथा संविधान की भावना को मजबूत कर रहा है।' उन्होंने कहा, 'देश की माताएं और बहनों का सशक्तिकरण हो रहा है। देश सशक्त हो रहा है। सामान्य से सामान्य मानवी के लिए आज कानूनों को सरल बनाया जा रहा है। लोगों को समय से न्याय मिले, इसके लिए हमारी न्यायिक प्रणाली कई कदम उठा रही है। मैं इन प्रयासों के लिए सभी को बधाई देता हूं।'

पीएम- युवा संविधान को समझें, यह देश की जरूरत

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, हमारे संविधान निर्माताओं ने देश को ऐसा संविधान दिया है, जो ओपेन व फ्यूचरिस्टिक (Open and Futuristic) है। हमारा संविधान अपने आधुनिक विजन के लिए जाना जाता है। इसलिए स्वाभाविक तौर पर हमारे संविधान की स्पिरिट यूथ सेंट्रिक है। उन्होंने कहा देश के युवा संविधान को समझें। यह हमारे देश की जरूरत है।'

'अंग्रेजों के राज में कोर्ट में भी नागरिकों का हनन होता था'

संविधान दिवस के मौके पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of india DY Chandrachud) ने कमजोरों, दलितों और पिछड़ों को बराबरी में लाने की बात कही। बोले, 'देश का संविधान सिर्फ कानून की नहीं, बल्कि मानवीय संघर्ष तथा उत्थान की कथा भी कहता है। CJI चंद्रचूड़ ने आगे कहा, संविधान ने ही समाज के हाशिए पर खड़े पिछड़ों और दलितों को सम्मान और हक दिलाया है। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा, अंग्रेजों के राज में और उससे पहले कोर्ट में भी नागरिकों का हनन होता था। लेकिन, भारतीय संविधान ने इस पर रोक लगाई।'

CJI चंद्रचूड़ बोले- न्याय पर सभी का अधिकार

चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया ने संविधान को एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया बताया। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, कि मुख्य न्यायाधीश होने के नाते मेरा दायित्व है कि हर भारतवासी के लिए न्याय को सुलभ और आसान बनाऊं। उन्होंने ये भी कहा, कि मेरा दायित्व है कि सुप्रीम कोर्ट और जिला स्तर की अदालतों के साथ मिलकर हाशिए पर मौजूद लोगों को न्याय दिला सकूं। आगे बोले, 'किसी भी सभ्य समाज वाले देश के लिए ये आवश्यक है कि अदालतें लोगों तक पहुंचे। वे लोगों के कोर्टरूम आने का इंतजार न करें।

ई-कोर्ट परियोजना, एक नई पहल

इस कार्यक्रम में, प्रधान मंत्री ने ई-कोर्ट परियोजना के तहत नई पहल की शुरुआत की। पीएम मोदी ने कहा कि ई कोर्ट परियोजना अदालतों की आईसीटी सक्षमता के माध्यम से वादकारियों, वकीलों और न्यायपालिका को सेवाएं प्रदान करने का एक प्रयास है। प्रधान मंत्री द्वारा शुरू की जा रही पहल में वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, JustIS मोबाइल ऐप 2.0, डिजिटल कोर्ट और एस3डब्ल्यूएएएस वेबसाइट शामिल हैं।

जबकि वर्चुअल जस्टिस क्लॉक को अदालत के स्तर पर न्याय वितरण प्रणाली के महत्वपूर्ण आंकड़ों को प्रदर्शित करने के लिए एक पहल कहा जाता है, जिसमें मामलों की स्थापना, निपटाए गए मामलों और लंबित मामलों का विवरण दिया जाता है; JustIS मोबाइल ऐप 2.0 न्यायिक अधिकारियों के लिए प्रभावी अदालत और मामले के प्रबंधन के लिए उपलब्ध एक उपकरण है, जो न केवल उनकी अदालत बल्कि उनके अधीन काम करने वाले व्यक्तिगत न्यायाधीशों के लंबित मामलों और निपटान की निगरानी करता है। डिजिटल कोर्ट जज को अदालत के रिकॉर्ड को डिजीटल रूप में उपलब्ध कराने की एक पहल है, ताकि कागज रहित अदालतों में संक्रमण को सक्षम किया जा सके।

कार्यक्रम से कुछ घंटे पहले एक ट्वीट में पीएम मोदी ने एक पोस्ट शेयर किया। "आज, संविधान दिवस पर, हम उन महान लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने हमें हमारा संविधान दिया और हमारे राष्ट्र के लिए उनकी दृष्टि को पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।"

बता दें कि, 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा (Constituent Assembly) ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। इसी उपलक्ष्य में हर वर्ष 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' मनाया जाता है।

देश में संविधान दिवस मनाने की शुरुआत 2015 में हुई थी। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद इस दिशा में पहल किया गया। PMO ने कहा, कि प्रधानमंत्री मोदी आज जिन पहलों की शुरुआत करेंगे उनमें 'वर्चुअल जस्टिस क्लॉक'(Virtual Justice Clock), 'जस्टिस मोबाइल एप 2.0' (Justice Mobile App 2.0), डिजिटल अदालतें (Digital Courts) और 'एसथ्रीडब्ल्यूएएएस' शामिल हैं।

CJI-..जानें पहले के इतिहास को

वहीं, संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित एक कार्यक्रम को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, 'संविधान का सही से काम करना इस बात पर निर्भर करता है कि जिला अदालतें कैसे काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, जब हम संविधान का जश्न मनाते हैं तो हमें संविधान को अपनाने से पहले के इतिहास के बारे में जानना चाहिए।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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