Ayodhya Ram Mandir: 11 दिन का अनुष्ठान, फर्श पर सोना, आहार में नारियल पानी, गौ-सेवा और दान, इस तरह है पीएम पीएम की दिनचर्या

Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे। इसके लिए वह 11 दिनों का अनुष्ठान कर रहे हैं। इस दौरान उन्हें यम नियमों का पालन करना पड़ता है। आइए जानते हैं क्या हैं वे नियम जिनका पीएम कर रहे हैं पालन...

Ashish Kumar Pandey
Published on: 19 Jan 2024 9:46 AM GMT
PM Modi
X

PM Modi   (photo: social media )

Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी 2024 का दिन ऐतिहासिक होगा जब अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर है। सीएम योगी आज अयोध्या पहुंचे और तैयारियांे का जायजा लिए। पीएम मोदी रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे। शास्त्रों के अनुसार भगवान के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा जिस भी यजमान के हाथों होता है उसे कुछ कठोर नियमों का पालन करना पड़ता है, इसी को ‘यम नियम‘ कहते हैं। पीएम मोदी भी प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिवसीय अनुष्ठान के दौरान ‘यम नियम‘ का पालन कर रहे हैं। इस नियम के पालन के दौरान प्रधानमंत्री की दिनचर्या क्या रहती है, यहां हम उसी के बारे में बता रहे हैं...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों यम नियमों का पालन करते हुए फर्श पर कंबल ओढ़कर सयन यानी सो रहे हैं, और पूरे दिन वे केवल केवल नारियल पानी पीते हैं। वे रोजाना गौ पूजा करते हैं और गायों को चारा खिलाते हैं। यही नहीं वह प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के दान भी करते हैं, जैसे अन्नदान, वस्त्र दान इत्यादि। पीएम मोदी देश भर के प्रमुख मंदिरों का दौरा कर रहे हैं। इन सभी मंदिरों का जुड़ाव किसी न किसी प्रकार से प्रभु श्री राम से जुड़ा हुआ है।

इन मंदिरों प्रभु राम से है गहना संबंध

पीएम मोदी अब तक नासिक के रामकुंड और श्री कालाराम मंदिर, आंध्र प्रदेश के वीरभद्र मंदिर, केरल के गुरुवयूर और त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिरों में दर्शन-पूजन कर चुके हैं। इसी तरह पीएम अगले दो दिनों में तमिलनाडु में स्थित ऐसे और मंदिरों का दौरा करेंगे। ये मंदिर न केवल देश के विभिन्न हिस्सों को एकजुट करने का काम करते हैं, बल्कि इनका भगवान राम से भी गहरा संबंध हैै।

पीएम मोदी का पिछले कुछ दिनों में देश भर के मंदिरों का दौरा करना और कई भाषाओं में रामायण सुनना, भजन गाना महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसका प्रभाव धर्म के दायरे से कहीं आगे तक जाता है। प्रधानमंत्री के प्रयासों का उद्देश्य अपने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत‘ के दृष्टिकोण के अनुरूप भारतीय सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूत करना भी है।

स्वच्छ तीर्थ पहल की भी शुरुआत की

पीएम मोदी ने अपने 11 दिवसीय अनुष्ठान के दौरान स्वच्छ तीर्थ पहल की भी शुरुआत की और खुद इसका नेतृत्व भी किया। 12 जनवरी को उन्होंने नासिक के श्री कालाराम मंदिर परिसर में खुद सफाई की। उनकी इस पहल ने देश भर में मंदिरों की साफ-सफाई के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री को इस कार्य को देखकर देशभर में लाखों लोग अपनी स्वेच्छा से मंदिरों की सफाई में श्रमदान कर रहे हैं। मशहूर हस्तियों से लेकर आम आदमी तक, सभी ने प्रधानमंत्री के आह्वान को स्वीकार किया है। जिसे एक्स (ट्विटर) पर रुैूंबीीज्ममतजीब्ंउचंपहद ट्रेंड में भी देखा गया है।

वहीं पीएम मोदी ने सोलापुर में अपने दौरे के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपने द्वारा पालन किए जा रहे यम नियम के बारे में भी बताया।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story