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Parliament Special Session:सरकार ने बुलाया संसद का विशेष सत्र, 18-22 सितंबर के बीच होंगी 5 बैठकें,10 बिल हो सकते हैं पेश
Parliament Special Session: आमतौर पर साल भर में संसद के 3 सत्र बुलाए जाते हैं। संसद में बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र का आयोजन होता है। हालांकि, सरकार के पास ये अधिकार होता है कि वो चाहे तो विशेष परिस्थितियों में सत्र बुला सकती है।
Parliament Special Session: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गुरुवार (31 अगस्त) को चौंकाने वाला फैसला लिया। सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर ये जानकारी दी। संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा, जिसमें 5 बैठकें होंगी।
पार्लियामेंट का स्पेशल सेशन नए संसद भवन में होगा। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि, इस दौरान 10 से ज्यादा महत्वपूर्ण बिल पेश किए जाएंगे। बिल की वजह से ही विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) ने अपने पोस्ट में लिखा कि, 'अमृत काल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस का इंतजार कर रहा हूं।'
Special Session of Parliament (13th Session of 17th Lok Sabha and 261st Session of Rajya Sabha) is being called from 18th to 22nd September having 5 sittings. Amid Amrit Kaal looking forward to have fruitful discussions and debate in Parliament.
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) August 31, 2023
ಸಂಸತ್ತಿನ ವಿಶೇಷ ಅಧಿವೇಶನವನ್ನು… pic.twitter.com/k5J2PA1wv2
विशेष सत्र का क्या है एजेंडा?
गौरतलब है कि, संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में किसी प्रकार की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। लेकिन, उम्मीद की जा रही है कि विशेष सत्र के दौरान सरकार 10 बिल पेश कर सकती है। हालांकि, ये सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है। प्रह्लाद जोशी ने कहा, कि 'संसद के इस विशेष सत्र में 5 बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री ने आगे कहा, अमृत काल के बीच आयोजित होने वाले इस विशेष सत्र के दौरान संसद में सार्थक चर्चा को लेकर आशान्वित हैं।'
10 बिल पेश करने की चर्चा
संसद के विशेष सत्र की खास बात ये है कि ये नई संसद में होने जा रहा है। जानकार बताते हैं कि स्पेशल सत्र में 10 से अधिक महत्वपूर्ण बिल पेश किए जाएंगे। बिल पेश करना मुख्य वजह हो सकता है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पोस्ट में लिखा है कि, 'अमृत काल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस का इंतजार कर रहा हूं।' हालांकि, सरकार की ओर से भी ये स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बताया गया है कि ऐसे कौन से बिल हैं, जिन्हें पास कराने के लिए यह विशेष सत्र बुलाया जा रहा है।
हंगामेदार रहा था मानसून सत्र
हाल ही में संपन्न संसद का मानसून सत्र (monsoon session of parliament) काफी हंगामेदार रहा था। मानसून सत्र 20 जुलाई से 11 अगस्त तक चला था। इस दौरान मणिपुर हिंसा (Manipur violence) को लेकर दोनों सदनों में जमकर हंगामा मचा था। विपक्षी पार्टियों ने मणिपुर मुद्दे पर लोकसभा और राज्य सभा में चर्चा और पीएम मोदी के बयान की मांग करते हुए जोरदार हंगामा किया था। हंगामे की वजह से संसद के दोनों सदनों में ज्यादा कामकाज नहीं हो पाया था। बावजूद सरकार कई बिल पास करने में सफल रही थी।
संसद के विशेष सत्र का क्या है प्रावधान?
संविधान के 44वें संशोधन अधिनियम के अनुच्छेद 352(8) के तहत लोकसभा का एक विशेष सत्र आयोजित किया जाता है। अगर, लोकसभा के कम से कम 10वें सदस्य राष्ट्रपति (यदि लोकसभा सत्र में नहीं है) या अध्यक्ष (यदि लोकसभा सत्र में है) को लिखते हैं, तो लोकसभा का एक विशेष सत्र बुलाया जा सकता है।संसद के सत्र के संबंध में संविधान के अनुच्छेद-85 में प्रावधान किया गया है। संसद के किसी सत्र को बुलाने की शक्ति केंद्र सरकार के पास होती है। इस पर फैसले संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति (Cabinet Committee on Parliamentary Affairs) द्वारा लिया जाता है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक रूप दिया जाता है।