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ये मोदी की बड़ी जीत है, संदेश 2019 के लोकसभा चुनावों तक जायेंगे
नीलमणि लाल
लखनऊ : भाजपा या यूं कहें कि नरेन्द्र मोदी ने साल भर के भीतर दो बड़ी चुनौतियों को पार किया है। ताजा चुनौती गुजरात की और इसके पहले उत्तर प्रदेश की। भाजपा और खासकर मोदी के सामने ये चुनौतियाँ इस लिए बड़ी थीं क्योंकि इसके पहले नोटबंदी और जीएसटी जैसे व्यापक परिणामों वाले फैसले किये गए थी जिनको विपक्ष, खासकर कांग्रेस ने बहुत बड़ा मुद्दा बना रखा था। इसके बावजूद इस साल की शुरुआत में उत्तरप्रदेश में भाजपा ने जबर्दस्त जीत दर्ज की और अब साल के अंत में गुजरात और हिमाचल में अपना झंडा फहराए रखा है। भले ही 2012 की अपेक्षा इस बार गुजरात में भाजपा की सीटें कुछ कम हो गयी हैं लेकिन जिस तरह गुजरात में कांग्रेस की जबरदस्त घेराबंदी और उसमें हार्दिक पटेल, जिग्नेश मवानी और अल्पेश ठाकुर की तीक्ष्ण जातिवादी पोलिटिक्स का समर्थन रहा उसको देखते हुए भाजपा और खासकर नरेन्द्र मोदी की यह जीत बहुत बड़ी मानी जानी चाहिए। गुजरात में बीस साल से भाजपा सत्ता में है और ये सिलसिला फिर आगे बढ़ गया है ऐसे में भी इस जीत के सन्देश 2019 के लोकसभा चुनावों तक जायेंगे।
लहर लहर जारी
गुजरात चुनाव ने एक बार फिर इस बात मुहर लगा दी है कि आज की तारीख में मोदी के मायने भाजपा और भाजपा के मायने मोदी हैं यानी जो भी कुछ है वह मोदी के नाते ही है। ये भी तय हो गया है कि मोदी लहर अब भी बह रही है। व्यापारी या किसी वर्ग की कैसी भी नाराजगी रही हो, जनता ने मोदी के नाम पर वोट दिया है।
चुनावी रणनीति
गुजरात चुनाव ने फिर साबित किया है कि भाजपा की चुनावी रणनीति बहुत सोची समझी और सटीक है। इसमें बहुत बड़ा योगदान अमित शाह का है जिन्होंने बेहतरीन ढंग से बूथ मैनेजमेंट को अंजाम दिया है।
वोट शेयर तो भाजपा का बढ़ा
गुजरात में वोट की जितनी गिनती हो चुकी है उसमें भाजपा का वोट शेयर 49.2 फीसदी रहा है जबकि कांग्रेस का वोट शेयर 41.5 फीसदी है।
इनके बाद निर्दलीय प्रत्याशियों का वोट शेयर 4.1 फीसदी, बहुजन समाज पार्टी का 0.7 फीसदी, बीटीपी का 0.7 फीसदी, एनसीपी का 0.6 फीसदी रहा है।