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यह अवसर भारत की म्यूजियम की दुनिया में लाएगा बड़ा बदलाव, पीएम का सुझाव हर घर में हो पारिवारिक म्यूजियम
International Museum Expo-2023: पिछली केंद्र की सत्ता पर रहीं सरकारों पर वार करते हुए कहा कि दुर्भाग्य से आजादी के बाद अपनी धरोहरों को संरक्षित करने के जो प्रयास होने चाहिए थे वो हो नहीं पाए। लोगों में धरोहरों के प्रति जागरूकता की कमी ने और ज्यादा बढ़ा दिया।
International Museum Expo-2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली के प्रगाति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो-2023 का उद्घाटन किया है। इस दौरान पीएम ने आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज का यह अवसर भारत की म्यूजियम की दुनिया में एक बहुत बड़ा टर्निंग पॉइंट लेकर आएगा। हमारी कितनी ही पांडुलिपियां और पुस्तकालय गुलामी के कालखंड में जला दिए गए। इससे केवल भारत का नहीं बल्कि पूरी दुनिया और पूरी मानवजाति का नुकसान हुआ। वहीं, इस कार्यक्रम के तहत पीएम मोदी ने देशवासियों से घर में पारिवारिक म्यूजियम बनाने का सुझाव भी सबसे सामने रखा।
आजादी के बाद धरोहरों को संरक्षिता नहीं हुआ प्रयास
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली केंद्र की सत्ता पर रहीं सरकारों पर वार करते हुए कहा कि दुर्भाग्य से आजादी के बाद अपनी धरोहरों को संरक्षित करने के जो प्रयास होने चाहिए थे वो हो नहीं पाए। लोगों में धरोहरों के प्रति जागरूकता की कमी ने और ज्यादा बढ़ा दिया... इसलिए आजादी के अमृत काल में भारत ने जिन 'पंच प्राणों' की घोषणा की है उसमें एक प्रमुख अपनी विरासत पर गर्व है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार स्वाधीनता संग्राम में अपने जनजातीय समुदाय के योगदान को अमर बनाने के लिए 10 विशेष म्यूजियम बना रहे हैं। ये पूरे विश्व में एक ऐसी अनूठी पहल है जिसमें Tribal Diversity की व्यापक झलक दिखने को मिलेगी।
भारत की विरासत वैश्विक एकता को बनती है सूत्रधार
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई देश अपनी विरासत को सहेजना शुरू करता है तो उसका एक और पक्ष सामने आता है और यह पक्ष है दूसरे देशों के साथ संबंधों में आत्मीयता। पिछले वर्ष हमने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध के चार अवशेषों को मंगोलिया भेजा और यह अवसर पूरे मंगोलिया के लिए एक उत्स्व बन गया। हमारी विरासत, वैश्विक एकता यानी World Unity का भी सूत्रधार बनती है।
शहरों में हो सिटी म्यूजियम
प्रधानमंत्री मोदी ने देश इस कार्यक्रम के अवसर पर देश वासियों को एक सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि मेरा एक सुझाव है, क्यों ना भारत में हर परिवार अपने घर में अपना एक पारिवारिक संग्रहालय बनाए। इस संग्रहालय में घर के बड़े-बुजर्गों की पुरानी और ख़ास चीजें रखी जाएं। ऐसे ही हमारे स्कूलों और संस्थानों को भी अपने म्यूजियम बनाने चाहिए। इससे एक बड़ी और ऐतिहासिक पूंजी भविष्य के लिए तैयार होगी। हमारे शहर भी सिटी म्यूजियम जैसे प्रकल्पों को आधुनिक स्वरूप में तैयार कर सकते हैं।