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PM Vishwakarma Scheme: 'जब बैंक विश्वकर्मा साथियों की गारंटी नहीं मानता तो मोदी देता है', बोले प्रधानमंत्री

PM Vishwakarma Scheme: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, समाज के लिए रीढ़ की हड्डी की तरह जरूरी हैं विश्वकर्मा। समय की मांग है कि विश्वकर्मा साथियों को पहचाना जाए। उन्हें सपोर्ट किया जाए। 

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Written By aman
Published on: 17 Sept 2023 3:55 PM IST (Updated on: 17 Sept 2023 4:51 PM IST)
PM Vishwakarma Scheme
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PM Narendra Modi (Social Media)

Narendra Modi on PM Vishwakarma Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (17 सितंबर) को 'विश्वकर्मा जयंती' के अवसर पर 'पीएम विश्वकर्मा योजना' (PM Vishwakarma Scheme) लॉन्च की। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित 'यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर' का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने कहा,'जब बैंक विश्वकर्मा साथियों की गारंटी नहीं मानता है तो आपकी गारंटी मोदी देता है।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा साथियों को 'ट्रेनिंग, टेक्नॉलजी और टूल्स' यानी T3 का मंत्र दिया। उन्होंने आगे कहा, अब सरकार आपकी मार्केटिंग भी करेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Puja) के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी। अपने संबोधन में उन्होंने कहा,'मुझे खुशी है कि आज मुझे ऐसा करने का अवसर प्राप्त हुआ, कि हम विश्वकर्मा सदस्यों से जुड़े। बोले, 'पीएम विश्वकर्मा योजना' आज शुरू की गई है। ये कलाकारों और शिल्पकारों के लिए आशा की किरण बनकर उभरेगी।'

'फ्रिज के दौर में भी लोग मटके का पानी पसंद करते हैं'

पीएम मोदी ने आगे कहा, 'आज के ज़माने में फ्रिज का इस्तेमाल ज्यादा होता है। बावजूद इस दौर में भी लोग मटके और सुराही का पानी पीना पसंद करते हैं। दुनिया कहीं भी पहुंच जाए, इनका महत्व हमेशा रहेगा। इसलिए आज समय की डिमांड है कि इन विश्वकर्मा साथियों को पहचाना जाए। उन्हें हमारा समर्थन-सपोर्ट मिलना चाहिए।'

पीएम विश्वकर्मा' योजना पर 13,000 Cr. होंगे खर्च

प्रधानमंत्री ने कहा,'हमारी सरकार विश्वकर्मा साथियों का सामर्थ्य-समृद्धि बढ़ाने के लिए सहयोगी बनकर सामने आई है। इस योजना के अंतर्गत 18 अलग-अलग तरह के काम करने वाले विश्वकर्मा साथियों पर केंद्रित है। उन्होंने बताया, इनमें लकड़ी का काम करने वाले बढ़ई (Carpenter), लोहे का काम करने वाले लोहार (Blacksmith), सोनार (sonar), कुम्हार (Potter), मूर्तिकार (statuary), जूते बनाने वाले भाई, हेयर कटिंग वाले, माला बनाने वाले, कपड़े का काम करने वाले आदि-आदि लोगों को शामिल किया गया है। देश के इन स्थानीय उत्पाद (local product) को ग्लोबल बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई जाएगी।' बता दें, सरकार 'पीएम विश्वकर्मा' योजना पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।'

ब्रांडिंग-पैकेजिंग-मार्केटिंग में सरकार करेगी मदद

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'निकट भविष्य में, प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी तथा उपकरण बेहद आवश्यक होंगे। 'पीएम विश्वकर्मा योजना' के तहत सरकार ने विश्वकर्मा भागीदारों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है। पीएम ने बताया, प्रशिक्षण जारी रहने के दौरान आपको 500 रुपए प्रदान किए जाएंगे। आपको 1,500 रुपए का 'टूलकिट वाउचर' भी दिया जाएगा। साथ ही, आपके द्वारा बनाए उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग तथा मार्केटिंग में भी सरकार मदद करेगी। इसके बदले में, सरकार चाहती है कि आप उन दुकानों से टूलकिट खरीदें जो केवल GST रजिस्टर्ड हैं।'

'सस्ते ब्याज दर पर सरकार देगी लोन'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, सरकार बिना किसी बैंक गारंटी के 3 लाख रुपए तक का ऋण (Loan) देगी। साथ ही, ये भी सुनिश्चित किया गया है कि ब्याज दर भी बेहद कम हो। सरकार ने फैसला लिया है कि शुरुआत में 1 लाख रुपए का लोन दिया जाएगा। जब इसे चुकाया जाएगा तब सरकार विश्वकर्मा भागीदारों को इसके अलावा 2 लाख रुपए का लोन देगी।'

भारत मंडपम और यशोभूमि भारतीय संस्कृति का संगम

पीएम ने आगे कहा, 'भारत मंडपम (Bharat Mandapam) हो या यशोभूमि...ये भारत के आतिथ्य, भारत की श्रेष्ठता और भारत की भव्यता के प्रतीक बनेंगे। भारत मंडपम और यशोभूमि दोनों में ही भारतीय संस्कृति और अत्याधुनिक सुविधाओं का संगम है।'|

कॉन्फ्रेंस टूरिज्म में भारत के लिए असीम सम्भावना

उन्होंने कहा, बदलते समय के साथ विकास के, रोजगार के नए-नए सेक्टर भी बनते जा रहे हैं। आज से 50-60 साल पहले इतनी बड़ी IT इंडस्ट्री के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। आज से 30-35 साल पहले सोशल मीडिया भी कल्पना भर ही था। आज दुनिया में एक और बड़ा सेक्टर बन रहा है, जिसमें भारत के लिए असीम संभावनाएं हैं। ये सेक्टर है कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का।'



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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