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PM मोदी ने लोकसभा में क्यों किया हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का जिक्र, आखिर कांग्रेस पर क्या हुआ था रिसर्च?
PM Modi on Harvard Study: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कांग्रेस पर एक रिसर्च 2016 में हुआ था। इस शोध का शीर्षक था 'द नेम ऑफ डेमोक्रेसी? द रादज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कांग्रेस पार्टी'।
PM Modi on Harvard Study: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लोकसभा में बुधवार (08 फ़रवरी) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी के निशाने पर कांग्रेस रही। विपक्ष बीच-बीच में हंगामा करती रही। प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का नाम लिए बगैर कहा, 'कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा 'इकोसिस्टम' (Ecosystem) उछल रहा था। कह रहा था कि ये हुई न बात!' इसके बाद प्रधानमंत्री ने कांग्रेस सरकार के फ़ौरन हुए एक के बाद एक घोटालों की चर्चा करते हुए जोरदार हमला बोला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) में कांग्रेस पर हुई स्टडी का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, बीते साल कांग्रेस पर एक शोध हुआ है। आने वाले वक्त में कांग्रेस की बर्बादी पर हर बड़े यूनिवर्सिटी में शोध होगा।' पीएम मोदी के इतना कहने के बाद लोगों के मन में कौतूहल हुआ कि आखिर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में ऐसा कौन सा शोध हुआ था, जिसकी आज चर्चा हुई।
संसद में 'हार्वर्ड स्टडी' पर पीएम ने क्या कहा?
पूरा मामला समझने से पहले जान लें कि, प्रधानमंत्री मोदी ने 'हार्वर्ड स्टडी' का जिक्र करते हुए क्या कहा? पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा, कि 'यहां कुछ लोगों में हार्वर्ड स्टडी (Harvard Study) का बहुत क्रेज है। कल फिर उस हार्वर्ड की चर्चा इस सदन में हुई थी।' उनका आशय राहुल गांधी के एक दिन पहले भाषण से था। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'कोरोना महामारी के वक्त कांग्रेस ने कहा था कि हार्वर्ड में भारत की बर्बादी पर शोध होगा। लेकिन, इस बीच हार्वर्ड में कांग्रेस पर एक बहुत बढ़िया स्टडी हुई है। जिसका शीर्षक था 'द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कांग्रेस पार्टी'। प्रधानमंत्री ने ये भी कहा, कि 'एक वक्त ऐसा आएगा कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ही नहीं बल्कि दुनिया के बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में कांग्रेस की बर्बादी पर अध्ययन होगा।'
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में क्या हुआ शोध?
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कांग्रेस पर शोध (Research on Congress at Harvard University) फरवरी 2016 में हुआ था। जिसका शीर्षक था 'द नेम ऑफ डेमोक्रेसी? द रादज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कांग्रेस पार्टी'। इस रिसर्च को अक्षय मंगला (Akshay Mangala) और जोनाथन शेफर (Jonathan Schaefer) ने संयुक्त रूप से किया था। जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि, इसका विषय 'कांग्रेस का उदय और पतन था'। इसमें कांग्रेस की स्थापना से लेकर 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हाथों मिली हार तक का जिक्र है। हालांकि, इस रिसर्च में भारत के लोकतंत्र को सराहा गया था।
हार्वर्ड रिसर्च में क्या?
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने रिसर्च में बताया था कि, '1950 में ये संदिग्ध लग रहा था कि भारतीय लोकतंत्र (Indian democracy) ज्यादा दिन तक चल पाएगा। उस समय भारत की सामान्य पारिवारिक आय 6 डॉलर प्रतिमाह थी। महज 15 प्रतिशत लोग ही पढ़े-लिखे थे। देश में गहरे जातीय और धार्मिक मतभेद भी थे। एक दर्जन से अधिक राष्ट्रीय भाषाएं बोली जाती थीं। बावजूद, भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र साबित हुआ।
राहुल ने संसद में क्या कहा था?
दरअसल, एक दिन पहले ही संसद में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र की सरकार पर हमला बोला था। इस बीच उन्होंने उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। कांग्रेस सांसद ने यहां तक कह डाला था कि 'हार्वर्ड में इस बात पर स्टडी होगी कि कैसे एक व्यापारी सरकारी मशीनरी को यूज कर आगे बढ़ जाता है।' इसी बात पर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से आज हार्वर्ड का जिक्र करते हुए राहुल गांधी को जवाब माना जा रहा है।