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BR Ambedkar death Anniversary: पीएम मोदी ने किया बाबा साहेब को नमन, बताया सामाजिक समरसता के पुरोधा

BR Ambedkar death Anniversary: पीएम मोदी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करने संसद भवन पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत कई अन्य नेता मौजूद रहे।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 6 Dec 2023 2:59 PM IST (Updated on: 6 Dec 2023 3:06 PM IST)
PM Modi paid tribute to BR Ambedkar
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PM Modi paid tribute to BR Ambedkar  (photo: social media )

BR Ambedkar death Anniversary: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है और कहा है कि वह न सिर्फ संविधान के शिल्पकार थे बल्कि शोषितों एवं वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले सामाजिक समरसता के अमर पुरोधा भी थे।

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा - पूज्य बाबासाहेब भारतीय संविधान के शिल्पकार होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर पुरोधा थे, जिन्होंने शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें मेरा सादर नमन।

संसद भवन में संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि

पीएम मोदी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करने संसद भवन पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत कई अन्य नेता मौजूद रहे।

इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा - पूज्य बाबासाहेब ने अपना जीवन शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। बाबासाहेब एक बड़े अर्थशास्त्री होने के साथ न्यायविद राजनीतिज्ञ भी थे। इसके साथ वे एक समाज सुधारक भी रहे। उन्होंने जीवन भर दलित जाति के हित और आजादी के लिए काम किया। संविधान निर्माता के साथ, वे सामाजिक सद्भाव के एक अमर चैंपियन थे। पीएम मोदी ने अंबेडकर के बारे में कहा कि जो एक दलित परिवार से थे और वंचितों के हितों का समर्थन करते थे। वे भारतीय राजनीति में सबसे अहम शख्सियतों में से एक बन गए।

महापरिनिर्वाण

बाबा साहेब ने बचपन से ही जातिगत भेदभाव देखा था और वो आजीवन इस कुरीति से लड़ते रहे। इसी कारण उन्होने बौद्ध धर्म अपना लिया। उनका मानना था कि बौद्ध धर्म में प्रज्ञा, करुणा और समता का सिद्धांत है जो एक मनुष्य को सम्मानपूर्वक जीवन जीने की दिशा प्रदान करता है। बौद्ध धर्म में परिनिर्वाण का सिद्धांत माना जाता है जिसके अनुसार भगवान बुद्ध की मृत्यु को मूल महापरिनिर्वाण प्राप्त हुआ था। परिनिर्वाण का अर्थ है ‘मृत्यु पश्चात निर्वाण।‘

बाबा साहेब के बारे में बौद्ध बुद्ध अनुयायियों का मानना है कि वे अपने सुकार्यों से निर्वाण प्राप्त कर चुके थे इसलिए हर साल उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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