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Ratan Tata: कोई लक्ष्य ऐसा नहीं जिसे हासिल नहीं किया जा सके... PM Modi ने रतन टाटा को किया याद
Ratan Tata: PM ने अपने लेख में आगे लिखा कि रतन टाटा जी दूसरों के सपनों का खुलकर समर्थन करते थे, दूसरों के सपने पूरा करने में सहयोग करना, ये रतन टाटा के सबसे शानदार गुणों में से एक था।
Ratan Tata: रतन टाटा जी के हमसे दूर चले जाने की वेदना अभी मन में है। इस पीड़ा को भुला पाना आसान नहीं है। रतन टाटा के रूप में देश ने एक महान सपूत को खो दिया है... एक अमूल्य रत्न को खोया है। आज भी शहरों, कस्बों से लेकर गांवों तक, लोग उनकी कमी को गहराई से महसूस कर रहे हैं। चाहे कोई उद्योगपति हो, उभरता हुआ उद्यमी हो या कोई प्रोफेशनल हो, आज हर किसी को उनके निधन से दुख हुआ है। पर्यावरण रक्षा से जुड़े लोग...समाज सेवा से जुड़े लोग भी उनके निधन से उतने ही दुखी हैं और ये दुख हम सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया महसूस कर रही है।
ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा को याद करते हुए लिखे अपने लेख में कही है। पीएम मोदी ने उनको लेकर कई बातों का उल्लेख किया है। देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन को आज लगभग एक महीना से अधिक हो चुका है।
कोई लक्ष्य नहीं जो हासिल ना हो सके
पीएम ने अपने लेख में कहा कि युवाओं के लिए रतन टाटा एक प्रेरणास्रोत थे। उनका जीवन, उनका व्यक्त्वि हमें यह याद दिलाता है कि कोई सपना ऐसा नहीं है जिसे पूरा ना किया जा सके, कोई लक्ष्य ऐसा नहीं जिसे हासिल नहीं किया जा सके। पीएम मोदी ने कहा, रतन टाटा जी ने सबको सिखाया है कि विनम्र स्वभाव के साथ, दूसरों की मदद करते हुए भी सफलता पाई जा सकती है।
दूसरों के सपनों के लिए जीते थे
पीएम ने अपने लेख में आगे लिखा कि रतन टाटा जी दूसरों के सपनों का खुलकर समर्थन करते थे, दूसरों के सपने पूरा करने में सहयोग करना, ये रतन टाटा के सबसे शानदार गुणों में से एक था। हाल के समय में वो भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम का मार्गदर्शन करने और भविष्य की संभावनाओं से भरे उद्यमों में निवेश करने के लिए जाने लगे। उन्होंने युवा आंत्रप्रेन्योर की उम्मीदों और आकांक्षाओं को समझा, साथ ही भारत के भविष्य को आकार देने की उनकी क्षमता को पहचाना।
युवा पीढ़ी को दिया हौसला
भारत के युवाओं के प्रयासों का सपोर्ट करके रतन टाटा ने नए सपने देखने वाली नई पीढ़ी को जोखिम लेने और सीमाओं से परे जाने का हौसला दिया। उनके इस कदम ने भारत में इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप के कल्चर को विकसित करने में बड़ी मदद की है। आने वाले दशकों में हम भारत पर इसका सकारात्मक प्रभाव जरूर देखेंगे।
बेहतरीन क्वालिटी के प्रोडक्ट पर जोर
पीएम मोदी ने आगे लिखा है कि रतन टाटा जी ने हमेशा बेहतरीन क्वालिटी के प्रॉडक्ट...बेहतरीन क्वालिटी की सर्विस पर जोर दिया और भारतीय उद्यमों को ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करने का रास्ता दिखाया। आज जब भारत 2047 तक विकसित होने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, तो हम ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करते हुए ही दुनिया में अपना परचम लहरा सकते हैं। मुझे आशा है कि उनका ये विजन हमारे देश की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और भारत वर्ल्ड क्लास क्वालिटी के लिए अपनी पहचान मजबूत करेगा।
ईमानदारी का प्रतीक बना टाटा ग्रुप
पीएम ने लिखा है कि रतन टाटा जी, भारतीय उद्यमशीलता की बेहतरीन परंपराओं के प्रतीक थे। वो विश्वसनीयता, उत्कृष्टता और बेहतरीन सेवा जैसे मूल्यों के अडिग प्रतिनिधि भी थे। उनके लीडरशिप में टाटा समूह दुनिया भर में सम्मान, ईमानदारी और विश्वसनीयता का प्रतीक बनकर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी उपलब्धियों को पूरी विनम्रता और सहजता के साथ स्वीकार किया।
जीव-जंतुओं के प्रति करुणा रतन टाटा की महानता बोर्डरूम या सहयोगियों की मदद करने तक ही सीमित नहीं थी। सभी जीव-जंतुओं के प्रति उनके मन में करुणा थी। जानवरों के प्रति उनका गहरा प्रेम जगजाहिर था और वे पशुओं के कल्याण पर फोकस हर प्रयास को बढ़ावा देते थे। वो अक्सर अपने डॉग्स की तस्वीरें साझा करते थे, जो उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा थे। मुझे याद है, जब रतन टाटा जी को लोग आखिरी विदाई देने के लिए उमड़ रहे थे...तो उनका डॉग गोवा भी वहां नम आंखों के साथ पहुंचा था। रतन टाटा जी का जीवन इस बात की याद दिलाता है कि लीडरशिप का आकलन केवल उपलब्धियों से ही नहीं किया जाता है, बल्कि सबसे कमजोर लोगों की देखभाल करने की उसकी क्षमता से भी किया जाता है।
जब गुजरात में मिलकर किया काम
नरेंद्र मोदी ने अपने लेख में लिखा कि व्यक्तिगत तौर पर मुझे पिछले कुछ दशकों में रतन टाटा को काफी करीब से जानने का सौभाग्य मिला। हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया। वहां बड़े पैमाने पर निवेश किया गया। इनमें कई ऐसे प्रोजेक्ट्स भी शामिल थें, जिसे लेकर वे बेहद भावुक थे। पीएम ने कहा कि जब वे केंद्र में आए तो ये घनिष्ठ बातचीत जारी रही और वो हमारे राष्ट्र-निर्माण के प्रयासों में एक प्रतिबद्ध भागीदार बने रहे।
पीएम मोदी ने कहा, स्वच्छ भारत मिशन के प्रति रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था। अक्टूबर की शुरुआत में स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ के लिए उनका वीडियो संदेश मुझे अभी भी याद है। यह वीडियो संदेश एक तरह से उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थितियों में से एक रहा है।
कैंसर के खिलाफ लड़ाई
एक और ऐसा लक्ष्य था, जो उनके दिल के करीब था। मुझे दो साल पहले असम का वो कार्यक्रम याद आता है, जहां हमने संयुक्त रूप से राज्य में विभिन्न कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया था। उस अवसर पर अपने संबोधन में, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वो अपने जीवन के आखिरी वर्षों को हेल्थ सेक्टर को समर्पित करना चाहते हैं। स्वास्थ्य सेवा एवं कैंसर संबंधी देखभाल को सुलभ और किफायती बनाने के उनके प्रयास इस बात के प्रमाण हैं कि वो बीमारियों से जूझ रहे लोगों के प्रति कितनी गहरी संवेदना रखते थे।
मैं रतन टाटा जी को एक विद्वान व्यक्ति के रूप में भी याद करता हूं
वह अक्सर मुझे विभिन्न मुद्दों पर लिखा करते थे, चाहे वह शासन से जुड़े मामले हों, किसी काम की सराहना करना हो या फिर चुनाव में जीत के बाद बधाई संदेश भेजना हो।
मुझे जब टाटा जी की बहुत याद आई
अभी कुछ सप्ताह पहले, मैं स्पेन सरकार के राष्ट्रपति पेड्रो सान्चेज के साथ वडोदरा में था और हमने संयुक्त रूप से एक विमान फैक्ट्री का उद्घाटन किया। इस फैक्ट्री में सी-295 विमान भारत में बनाए जाएंगे। रतन टाटा ने ही इस पर काम शुरू किया था। उस समय मुझे रतन टाटा की बहुत कमी महसूस हुई।
सदैव आभारी रहेंगे पीढ़ियां
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने लेख में आगे लिखा कि आज जब हम उन्हें याद कर रहे हैं, तो हमें उस समाज को भी याद रखना है जिसकी उन्होंने कल्पना की थी। जहां व्यापार, अच्छे कार्यों के लिए एक शक्ति के रूप में काम करें, जहां प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता को महत्व दिया जाए और जहां प्रगति का आकलन सभी के कल्याण और खुशी के आधार पर किया जाए। रतन टाटा जी आज भी उन जिंदगियों और सपनों में जीवित हैं, जिन्हें उन्होंने सहारा दिया और जिनके सपनों को साकार किया। भारत को एक बेहतर, सहृदय और उम्मीदों से भरी भूमि बनाने के लिए आने वाली पीढ़ियां उनकी सदैव आभारी रहेंगी।