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Ease of Justice: पहली बार एक मंच पर नजर आए PM मोदी और CJI रमना, प्रधानमंत्री ने 'ईज ऑफ जस्टिस' पर दिया जोर
Ease of Justice: पीएम मोदी ने शनिवार को राजधानी दिल्ली में एक विधिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, कि' न्याय भी बिजनेस करने और जीवन जीने जितना सरल होना चाहिए।
PM on Ease of Justice: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (CJI NV Ramana) हाल में अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। उनका अधिकतर बयान केंद्र सरकार और सत्ताधारी दल को असहज करने वाला था। ऐसी स्थिति में शनिवार को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और सीजेआई रमना एक मंच पर दिखे।
दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी देश में पहली बार हो रहे 'ऑल इंडिया डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी मीट' (All India District Legal Service Authority Meet) के उद्घाटन सत्र में भाग लेने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में चीफ जस्टिस एनवी रमना के अलावा केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू (Law Minister Kiren Rijiju) भी शामिल हुए।
'ईज ऑफ जस्टिस' जरूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने इस मौके पर कहा कि, 'ये समय हमारी आजादी के अमृत काल का है। देश की इस अमृत यात्रा में 'ईज ऑफ बिजनेस' (Ease of Business), ईज ऑफ लिविंग (Ease of Living) की तरह ईज ऑफ जस्टिस (Ease of Justice) भी उतनी ही जरूरी है। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत संस्कृत के एक श्लोक 'अङ्गेन गात्रं नयनेन वक्त्रं न्यायेन राज्यं लवणेन भोज्यं' को सुनाकर किया। इसका अर्थ है जिस तरह विभिन्न अंगों से शरीर की, आंखों से चेहरे की और नमक से भोजन की सार्थकता पूरी होती है, वैसे ही न्याय से शासन की सार्थकता पूरी होती है।
'अदालत में न्याय जरूर मिलेगा'
पीएम मोदी ने कहा, कि 'हमारे देश में सामान्य से सामान्य व्यक्ति को भी यह भरोसा है कि जब कहीं उनकी सुनवाई नहीं होगी, तब अदालत में आकर उन्हें जरूर न्याय मिलेगा। न्याय का ये भरोसा हर देशवासी को एहसास दिलाता है कि देश की व्यवस्थाएं उसके अधिकारों की रक्षा कर रही हैं। इसलिए राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया ताकि कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके।
पीएम मोदी- आप के बीच बोलना कठिन है
सरकार के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से तल्ख टिप्पणी करने वाले मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना समेत अन्य जजों की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसी बात कही, जिसकी काफी चर्चा हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि, 'आज देश के जिला अदालतों (District Courts) में एक करोड़ से अधिक केस वीडियो कांफ्रेंसिंग (Video Conferencing) के माध्यम से सुने जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और हाईकोर्ट (High Court) में भी लाखों केस सुने गए हैं। इसका श्रेय आप सभी को जाता है।' इसके बाद उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि आप सभी (जजों) के बीच आना हमेशा से सुखद रहता है, मगर बोलना कठिन हो जाता है।