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PM Modi Security Breach: पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक एसपी को पड़ी भारी, किए गए सस्पेंड, रिपोर्ट में दावा- सही से नहीं की ड्यूटी
PM Modi Security Breach: पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में शनिवार को बड़ी कार्रवाई हुई। डीजीपी ने तत्कालीन फिरोजपुर एसपी गुरबिंदर सिंह को सस्पेंड कर दिया है। पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच कमेटी बनाई थी।
PM Modi Security Breach: पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में शनिवार को बड़ी कार्रवाई हुई। डीजीपी ने तत्कालीन फिरोजपुर एसपी गुरबिंदर सिंह को सस्पेंड कर दिया है। पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच कमेटी बनाई थी।
जनवरी 2022 में पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में भारी चूक हुई थी। इस मामले में फिरोजपुर के तत्कालीन एसपी गुरबिंदर सिंह पर गाज गिरी है। उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। पंजाब के डीजीपी की ओर से 18 अक्टूबर 2023 को इस मामले की रिपोर्ट दी गई थी जिसमें बताया गया था कि एसपी ने पीएम के दौरे के समय सही से अपनी ड्यूटी नहीं निभाई थी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 जनवरी 2022 को पंजाब के बठिंडा से बाय रोड फिरोजपुर जा रहे थे कि इसी दौरान रास्ते में किसानों ने ट्रैक्टर खड़े कर हाइवे बंद कर दिया। इसके बाद पीएम मोदी का काफिला 20 मिनट तक फिरोजपुर में प्यारेआणा फ्लाईओवर पर रुका रहा। जब रास्ता नहीं खुला तो प्रधानमंत्री के काफिले को वापस लौटना पड़ा। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी बठिंडा के भिसियाना एयरपोर्ट पहुंचे और वहां मौजूद अधिकारियों से बोले कि अपने सीएम को धन्यवाद कहना, मैं जिंदा लौट आया हूं।
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तुरंत डीजीपी कार्यालय पहुंचने का आदेश
बता दें कि उस समय गुरबिंदर सिंह फिरोजपुर एसपी (ऑपरेशन) के पद पर तैनात थे। इसके बाद उनका तबादला बठिंडा कर दिया गया। उन्हें आदेश दिया गया है कि सस्पेंशन पीरियड के दौरान उनका कार्यकाल डीजीपी ऑफिस चंडीगढ़ होगा। इतना ही नहीं वे बिना अनुमति अपना कार्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। बठिंडा से रिलीव कर उन्हें तुरंत डीजीपी कार्यालय पहुंचने के लिए कहा गया है।
कमेटी ने आठ महीने में ही सरकार को सौंपी रिपोर्ट
पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच कमेटी बनाई थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरूद्ध तिवारी और डीजीपी सिद्धार्थ को भी आरोपी बता दिया गया था। कमेटी ने रिपोर्ट आठ महीने पहले अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट और सरकार को सौंपी दी थी। रिपोर्ट के आधार पर केंद्र ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सितंबर 2022 में सरकार को पत्र लिखा था। इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पहले इस मामले में एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस को जिम्मेदार ठहराया गया। कमेटी की रिपोर्ट में तत्कालीन सीएस और डीजीपी की लापरवाही की रिपोर्ट सामने आई थी।