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Navkar Mahamantra Divas: णमोकार महामंत्र क्या है, क्यों दिवस मनाया जा रहा है मोदी हिस्सा लेंगे
PM Modi to Attend Navkar Mahamantra Divas: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 अप्रैल को जैन धर्म के महत्वपूर्ण उत्सव "नवकार महामंत्र दिवस" में भाग लेंगें। आइये विस्तार से जानते हैं कि क्या है ये णमोंकार महामंत्र और ये दिवस क्यों मनाया जाता है।
PM Modi to Attend Navkar Mahamantra Divas (Image Credit-Social Media)
PM Modi to Attend Navkar Mahamantra Divas: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 अप्रैल को सुबह करीब 8:00 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली से जैन धर्म के महत्वपूर्ण उत्सव "नवकार महामंत्र दिवस" में भाग लेने वाले हैं इस मौके पर वह उपस्थित सभी लोगों को संबोधित भी करेंगे। आइये जानते हैं कि क्या है णमोकार महामंत्र और ये दिवस क्यों मनाया जाता है।
"नवकार महामंत्र दिवस"
आज हम आपको जैन अनुयायियों के एक मंत्र के बारे में भी बताने जा रहे हैं जिसे णमोंकार मंत्र कहा जाता है। इस मंत्र को "नवकार मंत्र","नमस्कार मंत्र" या "पंच परमेश्वर श्री नमस्कार" भी कहा जाता है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
" नवकार महामंत्र दिवस" आध्यात्मिक सद्भाव और नैतिक चेतना का एक महत्वपूर्ण उत्सव है। जैन धर्म के सबसे ज्यादा पूजनीय और सार्वभौमिक मंत्र नवकार महामंत्र का सामूहिक जाप लोगों को एक साथ लाने का प्रयास करता है। यह अहिंसा, विनम्रता और आध्यात्मिक उत्थान के सिद्धांतों पर चलता है। साथ ही इस मंत्र का प्रबुद्ध व्यक्तियों के गुणों को श्रद्धांजलि भी देता है और आंतरिक परिवर्तन को प्रेरित करता है।
वहीँ इस दिन यानी 9 अप्रैल को 108 से ज्यादा देशों के लोग शांति और एकजुट के लिए वैश्विक स्तर पर जाप में शामिल होंगे। यह दिवस उन सभी व्यक्तियों को आत्म शुद्धि संशोधन और सामूहिक कल्याण के मूल्य पर चिंतन करने के लिए एकजुट भी करता है।
क्या है णमोकार महामंत्र
जैन अनुयायी 24 तीर्थंकरों की शिक्षा दीक्षा का वर्णन करते हैं। साथ ही कई प्राचीन पुस्तकों का पाठ करते हैं। हिंदुओं की तरह ही जैन भी भारत में हजारों साल से हैं और यह अहिंसा दया को जीवन जीने का सबसे जरूरी मंत्र मानते हैं। ऐसे में वह एक साधक मंत्र का वे जाप भी करते हैं वही मंत्र णमोकार मंत्र कहलाता है। इस मंत्र में कुल 58 मात्राएं, 35 अक्षर, 34 स्वर, 30 व्यंजन और 5 पद हैं।
इसके अलावा आपको बता दें कि णमोकार महामंत्र अनादि निधन मंत्र है। ये सर्वप्रथम लिपिबद्ध हुआ था षटखंडागम ग्रंथ में जो मंगलाचरण के रूप में वर्णित है। वहीँ षटखंडागम ग्रंथ के रचियता आचार्य पुष्पदंत भूतबली हैं। इस मंत्र के माध्यम से अरिहन्तों, सिद्धों, आचार्यों, उपाध्यायों और साधुओं को नमस्कार किया गया है।
जैन धर्म के अनुयायी मानते हैं कि अगर आप लगातार इस मंत्र का एक लाख जप धूप के साथ करें तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 7 लाख जप से सभी कष्टों का नाश होता है, सवा करोड़ बार जप करने से नरक में जाना टल जाता है और 8 करोड़ 8 लाख 8 सौ बार 8 बार इसे जपने से मनुष्य को शाश्वत सुख की प्राप्ति होती है।
णमोकार महामंत्र का अर्थ
णमोकार महामंत्र का अर्थ है : णमो अरिहंताणं-अरिहंतों को नमस्कार है, णमो-सिद्धाणं-सिद्धों को नमस्कार है, णमो आयरियाणं-आचार्यों को नमस्कार है, णमो उवज्झायाणं- उपाध्यायों को नमस्कार है, णमो लोए सव्व साहूणं-लोक के सभी साधुओं को नमस्कार है, ये 5 परमेष्ठी हैं, जिन्हें शुद्ध भावपूर्वक पंच नमस्कार किया जाता है। इस मंत्र के प्रथम 5 पदों में 35 अक्षर और शेष 2 पदों में 33 अक्षर हैं।