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यूपी की छाती पर मौजूद है एक POK, न नाम वाले और न काम वाले, कोई नहीं सुनता इनकी

Rishi
Published on: 17 Jun 2017 2:21 PM GMT
यूपी की छाती पर मौजूद है एक POK, न नाम वाले और न काम वाले, कोई नहीं सुनता इनकी
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कानपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभा के दौरान कहा था, कि यूपी में भाजपा की सरकार बनी तो बिना भेदभाव के ग्रामीण क्षेत्रो में बिजली पहुंचाई जाएगी। सूबे में कमल खिला और योगी आदित्यनाथ ने सीएम पद की शपथ ली। सूबे में बीजेपी सरकार बनने के बाद भी ग्रामीण आज भी गुलामी का जीवन जी रहे हैं। एक ऐसा ही गांव है, नर्वल तहसील के दौलतपुर ग्राम पंचायत का सिरम्मनपुर। जहां पर आजादी के बाद से ग्रामीण गुलामों की तरह से रहने को मजबूर हैं। इस गांव को बिजली, सड़क, पेयजल और शिक्षा से मोहताज रखा गया हैं। अब नाराज गांववालों ने अपने गांव का नाम पीओके घोषित कर दिया है।

सिरम्मनपुर गाँव की स्थिति पीओके से कम नहीं। जिस प्रकार पीओके मूलभुत सुविधाओ से दूर हैl उसी भांति कानपुर का सिरम्मनपुर गाँव है जहाँ बिजली ,पानी ,सड़क व अन्य विकास कार्य क्या होता है, ग्रामीणों को इसकी जानकारी भी नहीं हैl

भीतरगांव ब्लाक के सिरम्मनपुर गांव की दास्तान सुनने वाला कोई नहीं। ग्राम प्रधान सड़क के उस पार तो आता है, लेकिन बदहाल गांव की तरफ देखता तक नहीं। इसी के चलते गांव वालों ने अपने गांव का नाम पीओके रख लिया। गांव के बाहर दुकानों, मंदिर और दीवारों पर होर्डिंग्स व बैनरों से बकायदा पाक अधिकृत कश्मीर लिखकर चस्पा कर दिया।

गांव के विजय मिश्रा का कहना है कि जब से यह गांव बसा है, तब से इस गांव में न बिजली है, न पानी। गांव में केवल एक हैण्डपंप सही हैl जिससे पूरे गांव के लोग पानी भरते हैं। जानवरों को पानी पिलाने के लिये पांच किलोमीटर दूर नदी तक ले जाना पड़ता है। ग्राम प्रधान से शिकायत करने पर जवाब मिलता है, इस गांव ने हमको वोट नहीं दिया इसलिये कोई मतलब नहीं है।

गांव का नाम पीओके रखने के सवाल पर विजय का कहना है, कि पाक अधिकृत कश्मीर हिन्दुस्तान और पाकिस्तान का हिस्सा है, लेकिन वहां काम कोई नहीं करता। जब पीओके में कोई घटना होती है, तब उनको याद आता है, की यह हमारा है। ठीक वैसे ही हमारा यह गांव सिरम्मनपुर है। वोट लेने के लिये नेता कहते है, की यह गांव हमारा है। लेकिन काम कोई नहीं करता सिर्फ वोट लेने आते है।

विजय का कहना है, इस गांव की करीब 600 की जनसंख्या है, लेकिन समस्या बहुत है, कोई सुनने वाला नहीं। मोदी जी केवल अपने मन की बात में विकास की बात कहते हैं, जनता के मन की बात नहीं सुनते। सिरम्मनपुर गांव के लोगों ने नरेंद्र मोदी से अपील की है, कभी सिरम्मनपुर में आइये, जिसको हम लोगो ने पीओके घोषित किया है।

इस गांव के सभी लोग शौच के लिये खेतो में जाते हैं। ग्रामीण महिला विमला देवी की माने तो इस गांव में शौचालय नहीं है।

अब जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी को जांच के आदेश दिये हैं। योजनाओ के लिये ग्राम प्रधानों को पैसा दिया जाता है, इतना सबकुछ होने के बाद भी अगर कोई कार्य नहीं हुआ है तो इसकी जांच होगी। सिरम्मनपुर गांव में जो समस्या है, उसको जल्दी ही दूर कर दिया जायेगा।

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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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