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Lok Sabha Speaker: PM मोदी आज ओम बिरला के नाम का पेश करेंगे प्रस्ताव, इंडिया ब्लॉक ने भी उतारा है उम्मीदवार
OM Birla Lok Sabha Speaker: लोकसभा स्पीकर पद के लिए आज चुनाव होना है। सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री मोदी अपने अलायंस की तरफ से इस पद के लिए ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव पेश करेंगे। वहीं इस बार इंडिया ब्लॉक ने भी लोकसभा स्पीकर पद के उम्मीदवार उतारे हैं।
OM Birla Lok Sabha Speaker: लोकसभा स्पीकर पद के लिए आज यानी बुधवार को चुनाव होना है। ओम बिरला को स्पीकर बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह 11 बजे संसद में प्रस्ताव पेश करेंगे। इसके बाद लोकसभा के सभी निर्वाचित सदस्य इस पद को लेकर वोट करेंगे। दरअसल, लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर NDA और विपक्षी गुट इंडिया अलायंस के बीच सहमति नहीं बनने के बाद दोनों अलायंस ने अपने अलग-अलग उम्मीदवार खड़े किए हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने एक बार फिर से पूर्व लोकसभा स्पीकर व सांसद ओम बिरला को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.सुरेश को मैदान में उतारने का फैसला किया है। इस बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए राजस्थान के कोटा से तीन बार के सांसद ओम बिरला और केरल के मवेलीकारा से 8 बार के सांसद के. सुरेश के बीच सीधा मुकाबला है।
7 सांसदों का शपथ ग्रहण बाकी
INDIA गठबंधन के लिए लोकसभा स्पीकर पद जीतना आसान काम नहीं होगा क्योंकि उन्हें यह चुनाव जीतने के लिए 271 वोटों की आवश्यकता होगी, जो 542 (वायनाड सीट खाली) का आधा है। अब ऐसे में संख्या की बात करें तो एनडीए के पास 293 लोकसभा सदस्य हैं, जबकि इंडिया गठबंधन के पास 233 सदस्य हैं। इसके अलावा, सात सांसद ऐसे भी हैं, जिन्होंने अभी तक संसद में शपथ नहीं ली है, इनमें INDIA गठबंधन के पांच सांसद शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, अब इन सांसदों का शपथग्रहण स्पीकर के चुनाव के बाद होगा। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि ये सात सांसद लोकसभा अध्यक्ष चुनाव में मतदान नहीं सकेंगे।
केरल के दलित समुदाय से हैं सुरेश
इंडिया ब्लॉक के लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार कोडिकुन्निल सुरेश केरल के मवेलीकारा से लगातार 8वीं बार कांग्रेस सांसद हैं। वह केरल के चेरामार समुदाय से आते हैं, जो वहाँ अनुसूचित जाति की कैटेगरी में आती है। दूसरी ओर एनडीए के लोकसभा अध्यक्ष प्रत्याशी ओम बिरला हैं जो राजस्थान की कोटा सीट से लगातार 3 बार के भारतीय जनता पार्टी से सांसद हैं और वैश्य जाति से संबंध रखते हैं। उत्तर भारत में यह जाति सवर्ण कैटेगरी में आती है। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो कांग्रेस अपने इस कदम से दलितों के साथ ही दक्षिण की राजनीति में अपनी पैठ और मजबूत करना चाहती है। फ़िलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि बहुमत किसकी तरफ जाता है और किसे लोकसभा अध्यक्ष पद की कुर्सी हासिल होती है।