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PM मोदी ने किया 800 किलो के श्रीमद्भागवत गीता का अनावरण, जानें खासियत

जानकारी ​के अनुसार इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने गीता प्रचार के 50 साल पूरे करने के उपलक्ष्य में इसे बनवाया है। बताया जा रहा है कि 2020 के बाद कुरुक्षेत्र में बन रहे श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर में इसे स्थापित किया जा सकता है।

Shivakant Shukla
Published on: 25 Feb 2019 4:37 AM GMT
PM मोदी ने किया 800 किलो के श्रीमद्भागवत गीता का अनावरण, जानें खासियत
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नई दिल्ली: दुनिया का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता है। इस ग्रंथ का सबसे बड़ा संस्करण अब ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर में देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 फरवरी यानि आज इस ग्रंथ का अनावरण किया।

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विश्व की इस सबसे बड़ी गीता को बनाने में करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसे इटली के इस्कॉन में बनाया गया है। पिछले साल 11 नवंबर को इसे पहली बार इटली में प्रदर्शित किया गया था।

क्या है खासियत?

इटली में बनी गीता को समुद्र मार्ग से मुंद्रा (गुजरात) फिर 20 जनवरी को दिल्ली लाया गया। इसे रखने के लिए दो टन का हाइड्रोलिक स्टैंड बनाया गया है। इसके कवर पेज को बनाने के लिए सैटेलाइट के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कार्बन फाइबर का इस्तेमाल हुआ है। इसे इटैलियन यूपो सिथेटिक पेपर से बनाया गया जो वाटरप्रूफ होने के साथ काफी मजबूत भी होता है।

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इस गीता का वजन 800 किलो है। इसका एक पन्ना पलटने के लिए चार लोग लगते हैं। इसमें कुल 670 पेज हैं और यह 12 फीट लंबी और नौ फीट चौड़ी है। इसे बनाने में ढाई साल लगे हैं। इसके पन्नों को जोड़ने के लिए जापानी बाइंडिग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

जानकारी ​के अनुसार इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने गीता प्रचार के 50 साल पूरे करने के उपलक्ष्य में इसे बनवाया है। बताया जा रहा है कि 2020 के बाद कुरुक्षेत्र में बन रहे श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर में इसे स्थापित किया जा सकता है।

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Shivakant Shukla

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