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PM मोदी ने स्टार्टअप के लिए 1 हजार करोड़ के फंड का किया एलान

प्रधानमंत्री ने कहा क‍ि हम देश में नए स्टार्टअप को विकसित करने में मदद करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड लॉन्च कर रहे हैं। हम एक स्टार्टअप प्रणाली बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो 'युवाओं द्वारा, युवाओं के लिए' मंत्र पर आधारित है।

Dharmendra kumar
Published on: 17 Jan 2021 12:23 AM IST
PM मोदी ने स्टार्टअप के लिए 1 हजार करोड़ के फंड का किया एलान
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भारत दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक है। देश में आज 41 हजार से ज्यादा स्टार्टअप्स हमारे देश में किसी न किसी अभियान में लगे हुए हैं।

नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्टार्टअप इंडिया इंटरनेशनल समिट को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने युवाओं को स्टार्टअप को पहली प्राथमिकता देने की सलाह दी। पीएम मोदी ने कहा कि पहले अगर कोई युवा स्टार्टअप शुरू करता था तो लोग कहते थे कि तुम नौकरी क्यों नहीं करते, स्टार्टअप क्यों? लेकिन अब लोग कहते हैं कि नौकरी तो ठीक है, स्टार्टअप क्यों नहीं शुरू करते। ये बदलाव बिम्सटेक देशों की बहुत बड़ी ताकत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक है। देश में आज 41 हजार से ज्यादा स्टार्टअप्स हमारे देश में किसी न किसी अभियान में लगे हुए हैं। इनमें से 5,700 से ज्यादा आईटी सेक्टर में हैं, 3,600 से ज्यादा हेल्थ सेक्टर में बनें हैं। 1,700 स्टार्टअप्स एग्रीकल्चर सेक्टर में आये हैं। ये सभी व्यवसाय के जनसांख्यिकीय चित्र को बदल रहे हैं।



1,000 करोड़ रुपये का स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड लॉन्च

प्रधानमंत्री ने कहा क‍ि हम देश में नए स्टार्टअप को विकसित करने में मदद करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड लॉन्च कर रहे हैं। हम एक स्टार्टअप प्रणाली बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो 'युवाओं द्वारा, युवाओं के लिए' मंत्र पर आधारित है।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई से लेकर, वैक्सीन बनाने तक हम सबके जो अनुभव रहे हैं, अपने उन अनुभवों के साथ आज बिम्सटेक देशों के हमारे युवा और उद्यमी इस प्रारंभ समिट में शामिल हो रहे हैं। इसलिए ये समिट और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।



मुश्किल समय में ही आत्मनिर्भर भारत अभियान भी शुरू

उन्होंने कहा कि ये सदी Digital revolution और New age innovation की सदी है। इस सदी को एशिया की सदी भी कहा जाता है। इसलिए ये समय की मांग है कि भविष्य की टेक्नोलॉजी एशिया की लैब से निकलें और भविष्य के entrepreneurs हमारे यहां से तैयार हों। भारत ने महामारी के इस मुश्किल समय में ही आत्मनिर्भर भारत अभियान भी शुरू किया। इसमें भी हमारे स्टार्टअप्स आज बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

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