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पीएम मोदी वियतनाम के लिए रवाना, चीन में G-20 समिट में करेंगे शिरकत
नई दिल्ली: पीएम मोदी वियतनाम दौरे के लिेए रवाना हो गए हैं। इसके बाद वो G-20 समिट में शिरकत करने के लिए चीन पहुंचेंगे। वियतनाम का दौरा करके मोदी चीन को वहां पहुंचने से पहले ही अपने तेवर बताना चाहते हैं। इस दौरे पर मोदी ब्रम्होस मिसाइल के अलावा पेट्रोल बोट और क्रूड ऑयल सेक्टर में करार कर सकते हैं।
चीन में 4 और 5 सितंबर को यह समिट होगी। ऐसा 15 साल बाद होगा, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस देश का दौरा करेगा। इससे पहले साल 2001 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने वियतनाम का दौरा किया था।
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क्यों अहम माना जा रहा है यह दौरा ?
चीन में होने वाली G-20 समिट से पहले मोदी का वियतनाम दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इसकी वजह यह है कि दक्षित चीन सागर पर हक को लेकर वियतनाम और चीन के बीच तनाव चल रहा है।
शी जिनपिंग से कर सकते हैं मुलाकात
पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात भी कर सकते हैं। इस मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर बात होने की उम्मीद है। इसमें सबसे पहले बात चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पर होने की संभावना है। CPEC पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रास्ते बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट तक बनेगा, जिसका भारत ने शुरू से ही विरोध किया है। साथ ही पीएम मोदी न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की सदस्यता का मामला भी उठा सकते हैं। इस साल जून में चीन ने एनएसजी सदस्यता पर भारत का साथ नहीं दिया था।
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‘ब्रह्मोस’ की तैनाती पर भी बौखलाया था चीन
भारत की सबसे खतरनाक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर पर तैनाती पर चीन बौखलाया था। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुख पत्र पीपुल्स डेली के अनुसार, चीन से लगी सीमा पर इसकी तैनाती से इलाके में स्थायित्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। चीन ने इसे उकसावे की कार्रवाई बताया। भारत ने भी इसका कड़ा जवाब देते हुए कहा कि चीन हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दे। हम अपनी सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए मिसाइल तैनात करेंगे।