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Mann Ki Baat: 'मन की बात' में PM मोदी बोले- 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य

Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का संकल्प किया है। लक्ष्य बहुत बड़ा ज़रूर है। एक समय था जब टी.बी. का पता चलने के बाद परिवार के लोग ही दूर हो जाते थे, लेकिन ये आज का समय है, जब टीबी के मरीज को परिवार का सदस्य बनाकर उनकी मदद की जा रही है।

Jugul Kishor
Published on: 18 Jun 2023 8:04 AM IST (Updated on: 18 Jun 2023 11:53 AM IST)
Mann Ki Baat: मन की बात में PM मोदी बोले- 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य
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पीएम नरेंद्र मोदी ( सोशल मीडिया)

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार (18 जून) को 'मन की बात' कार्यक्रम में रेडियो के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने मन की बात के 102 वें एपिसोड में तीन दिन पहले आए चक्रवात बिपरजॉय और भारत को टीबी मुक्त बनाने समेत कई बातों का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आमतौर पर 'मन की बात' हर महीने के आखिरी रविवार को आपके पास आती है, लेकिन इस बार यह एक हफ्ते पहले हो रही है। आप सभी जानते हैं, मैं अगले हफ्ते अमेरिका में रहूंगा और वहां कार्यक्रम काफी व्यस्त होने वाला है और इसलिए मैंने सोचा कि मैं जाने से पहले आपसे बात कर लूं, इससे बेहतर क्या हो सकता है।

बिपरजॉय पर बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि बड़े से बड़ा लक्ष्य हो, कठिन से कठिन चुनौती हो भारत के लोगों का सामूहिक बल, सामूहिक शक्ति, हर चुनौती का हल निकाल लेता है। पीएम ने कहा कि अभी दो तीन दिन पहले आपने देखा कि देश के पश्चिमी छोर पर कितनी बड़ा चक्रवात आया। तेज चलने वाली हवाएं, तेज बारिश, चक्रवात बिपरजॉय ने कच्छ में कितना कुछ तहस-नहस कर दिया। लेकिन, कच्छ के लोगों ने जिस हिम्मत और तैयारी के साथ खतरनाक चक्रवात का मुकाबला किया वो भी उतना ही अभूतपूर्व है।

दो दिन बाद ही कच्छ के लोग, अपना नया वर्ष, यानि आषाढ़ी बीज भी मनाने जा रहे हैं। ये भी संयोग है कि आषाढ़ी बीज, कच्छ में वर्षा की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। मैं, इतने साल कच्छ आता-जाता रहा हूँ, वहाँ के लोगों की सेवा करने का मुझे सौभाग्य भी मिला है और इसके लिए कच्छ के लोगों का हौंसला और उनकी जिजीविषा के बारे मैं अच्छी तरह जानता हूँ। दो दशक पहले के विनाशकारी भूकंप के बाद जिस कच्छ के बारे में कहा जाता था कि वो कभी उठ नहीं पाएगा, आज, वही जिला, देश के तेजी से विकसित होते जिलों में से एक है। मुझे विश्वास है, चक्रवात बिपरजॉय ने जो तबाही मचाई है, उससे भी कच्छ के लोग बहुत तेजी से उभर जाएंगे।

बीते वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वो आज एक उदाहरण बन रही है। प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है प्रकृति का संरक्षण। आजकल मानसून के समय में तो, इस दिशा में, हमारी ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इसलिए ही आज देश, 'Catch the Rain' जैसे अभियानों के जरिए सामूहिक प्रयास कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे चिट्ठी लिखकर कई ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है जो पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए जी-जान से लगे हैं। ऐसे ही एक साथी हैं - यूपी के बांदा जिले के तुलसीराम यादव। तुलसीराम यादव लुकतरा ग्राम पंचायत के प्रधान हैं। आप भी जानते हैं कि बांदा और बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी को लेकर कितनी कठिनाईयाँ रही हैं। इस चुनौती से पार पाने के लिए तुलसीराम जी ने गाँव के लोगों को साथ लेकर इलाके में 40 से ज्यादा तालाब बनवाए हैं।

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में लोगों ने मिलकर के एक विलुप्त नदी को पुनर्जीवित किया है। यहाँ काफी समय पहले नीम नाम की एक नदी हुआ करती थी। समय के साथ वो लुप्त हो गई, लेकिन, स्थानीय स्मृतियाँ और जन-कथाओं में उसे हमेशा याद किया जाता रहा। आखिरकार, लोगों ने अपनी इस प्राकृतिक धरोहर को फिर से सजीव करने की ठानी। लोगों के सामूहिक प्रयास से अब नीम नदी फिर से जीवंत होने लगी है। नदी के उद्गम स्थल को अमृत सरोवर के तौर भी विकसित किया जा रहा है।

2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का संकल्प किया है। लक्ष्य बहुत बड़ा ज़रूर है। एक समय था जब टी.बी. का पता चलने के बाद परिवार के लोग ही दूर हो जाते थे, लेकिन ये आज का समय है, जब टी.बी. के मरीज को परिवार का सदस्य बनाकर उनकी मदद की जा रही है। पीएम ने कहा कि क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए, निक्षय मित्रों ने, मोर्चा संभाल लिया है। देश में बहुत बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं निक्षय मित्र बनी हैं। गाँव-देहात में, पंचायतों में, हजारों लोगों ने खुद आगे आकर टी.बी. मरीजों को गोद लिया है। कितने ही बच्चे हैं, जो, टीबी मरीजों की मदद के लिए आगे आए हैं। ये जन-भागीदारी ही इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत है।



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Jugul Kishor

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