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Mahakal Lok Ujjain: महाकाल लोक के पहले चरण का लोकार्पण, पीएम मोदी बोले-यहां सबकुछ अद्वितीय और अलौकिक

Mahakal Lok Ujjain: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण किया।

Anshuman Tiwari
Published on: 11 Oct 2022 9:47 PM IST
Ujjain Mahakal Lok
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Ujjain Mahakal Lok (image social media)

Mahakal Lok Ujjain: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण किया। लोकार्पण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रिमोट के जरिए शिवलिंग की 15 फीट ऊंची प्रतिकृति से पर्दा हटाया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने साथ मौजूद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से महाकाल लोक के बारे में जानकारी भी हासिल की। बाद में मेला ग्राउंड में लोगों के भारी हुजूम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाकाल के पास काल की रेखाएं मिटाने की ताकत है।

उन्होंने महाकाल की नगरी को प्रलय के प्रहार से मुक्त बताते हुए कहा कि महाकाल लोक में सबकुछ अद्वितीय और अलौकिक है। महाकाल लोक में 108 स्तंभ बनाए गए हैं। इन स्तंभों पर बेहतरीन तरीके से महादेव पार्वती और पूरे परिवार के चित्र उकेरे गए हैं। इन चित्रों के जरिए श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय आदि की लीलाओं का दर्शन कर सकेंगे। महाकाल मंदिर का यह प्रोजेक्ट दो चरणों में पूरा होना है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज पहले चरण का लोकार्पण किया है। प्रोजेक्ट को अगले साल जून तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

विधिविधान के साथ भगवान महाकाल का पूजन

महाकाल लोक का लोकार्पण करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विधि विधान के साथ गर्भगृह में भगवान महाकाल का दर्शन-पूजन किया। प्रधानमंत्री ने भगवान महाकाल को गुलाब, चंदन और मोगरे की माला अर्पित करने के साथ ही जनेऊ भी चढ़ाया। संध्या आरती में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री ने महाकाल के दक्षिण दिशा में बैठकर रुद्राक्ष की माला पर करीब 3 मिनट तक जट करते हुए ध्यान भी लगाया।

गर्भगृह से निकलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाहर नंदी के भी पास बैठकर भी ध्यान लगाया और नंदी के चरण छूकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान मंदिर परिसर में मंत्रोच्चार की गूंज सुनाई दे रही थी। मध्य प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गर्भगृह के बाहर प्रधानमंत्री का इंतजार कर रहे थे।

महाकाल लोक में सबकुछ अद्वितीय और अलौकिक

कार्तिक मेला ग्राउंड में सभा की शुरुआत में प्रख्यात गायक कैलाश खेर ने महाकाल का स्तुति गान किया। उन्होंने कहा कि संगीत और आध्यात्मिक को एक साथ लाना हमेशा मेरा सपना रहा है जो अब पूरा हो रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मेला ग्राउंड में उपस्थित भारी हुजूम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि शिव के दर्शन में ब्रह्मांड का सर्वोच्च दर्शन होता है। शिव ही ज्ञान है और ज्ञान ही शिव है।

उन्होंने कहा कि देश के ज्योतिर्लिंगों के विकास के जरिए देश का आध्यात्मिक विकास हो रहा है। भारत का सांस्कृतिक दर्शन शिखर पर पहुंचने के साथ विश्व के मार्गदर्शन के लिए तैयार हो रहा है। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक में सबकुछ अद्वितीय और अलौकिक है। उन्होंने उज्जैन को भारत की आस्था का केंद्र बताते हुए कहा कि अब श्रद्धालुओं को महाकाल लोक में विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी।

आने वाली पीढ़ियों को दिखेगी अलौकिक दिव्यता

प्रधानमंत्री ने पिछले कुंभ के दौरान अपनी उज्जैन यात्रा को याद करते हुए कहा कि यह कैसे हो सकता है कि महाकाल बुलाए और बेटा न आए। उन्होंने कहा कि महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से पूरी तरह मुक्त है। ज्योतिषीय गणना में उज्जैन न केवल भारत का केंद्र रहा है बल्कि या भारत की आत्मा का केंद्र है। महाकाल की इसी धरती से विक्रम संवत के रूप में भारतीय कालगणना का नया अध्याय शुरू हुआ था।

यहां के कण-कण में आध्यात्म की खुशबू आती है और कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा का संचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि जहां महाकाल हैं वहां कालखंडों की कोई सीमा नहीं है। महाकाल लोक परिसर की भव्यता आने वाली पीढ़ियों को अलौकिक दिव्यता के दर्शन कराएगी। उन्होंने महाकाल के चरणों में नमन करते हुए कहा कि महाकाल की शरण में विश्व में भी स्पंदन होता है।

पीएम मोदी का जोरदार स्वागत

महाकाल लोक के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले विशेष विमान से अहमदाबाद से इंदौर पहुंचे। फिर वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए पीएम मोदी उज्जैन पहुंचे। इंदौर और उज्जैन में पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया गया। उज्जैन में शाम करीब 6:30 बजे 200 संतों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया। कार्यक्रम स्थल पर वाटरप्रूफ डोम बनाया गया था जिसमें करीब 60 हजार लोग मौजूद थे। क्षिप्रा नदी के तट पर कार्यक्रम के प्रसारण के लिए बड़ी स्क्रीन की व्यवस्था की गई थी और यहां भी काफी संख्या में जुटे लोगों ने महाकाल लोक के लोकार्पण का सीधा प्रसारण देखा।

दो चरणों में पूरा होगा यह प्रोजेक्ट

महाकाल लोक प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जाएगा और इस प्रोजेक्ट पर करीब 856 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम पूरा हो चुका है और आज पीएम मोदी नहीं इसी पहले चरण का लोकार्पण किया है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर 2.8 हेक्टेयर में फैला महाकाल परिसर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 946 मीटर लंबा कॉरिडोर बनाया गया है जिसके जरिए भक्त अब गर्भगृह में पहुंचकर महाकाल के दर्शन कर सकेंगे।

इस प्रोजेक्ट को अगले साल जून तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कॉरिडोर परिसर में सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था भी की गई है। इसके लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है। उज्जैन स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष कुमार पाठक का कहना है कि मंदिर परिसर के गलियारों में रुद्राक्ष, कदम, बकुल, बेलपत्र और सप्तपर्णी आदि लगाए गए हैं।

महाकाल परिसर में भव्य सजावट

महाकाल लोक के लोकार्पण के मौके पर महाकाल के गर्भगृह और नंदीहाल समेत परिवार के सभी मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से नहाए हुए दिखे। परिसर में मौजूद सभी मंदिरों और कोटितीर्थ कुंड को खूबसूरत फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया था। महाकाल परिसर की सजावट के लिए सात शहरों से काफी मात्रा में फूल मंगाए गए थे। पुणे और बेंगलुरु से विशेष किस्म के फूल मंगा कर मंदिर परिसर की सजावट की गई थी। इस बड़े मौके पर पूरे उज्जैन शहर में दीपावली जैसा माहौल दिखा।

मोबाइल पर आ जाएगी सारी जानकारी

महाकाल लोक की कई खासियत है। यहां की गई नई व्यवस्था में एक सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब किसी भी मूर्ति के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए किसी गाइड की मदद की जरूरत नहीं होगी। महाकाल लोक परिसर में स्थापित हर प्रतिमा के सामने एक बार कोड लगाया गया है। इस बार कोड को मोबाइल से स्कैन करने के साथ ही संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर प्रतिमा से जुड़ी हुई पूरी जानकारी आ जाएगी। श्रद्धालुओं को महाकाल लोक परिसर में विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अब मंदिर की भव्यता का अलग ही आनंद मिलेगा। कॉरिडोर से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि कॉरिडोर का भ्रमण करने वाले श्रद्धालुओं को भव्य अनुभव होगा।



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Prashant Dixit

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