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Modi Cabinet Decisions: केंद्रीय कैबिनेट से 33% महिला आरक्षण बिल को मिली मंजूरी, विशेष सत्र में मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक
Modi Cabinet Meeting: संसद के विशेष सत्र के बीच प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बहुप्रतीक्षित महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी गई।
Modi Cabinet Meeting: संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार (18 सितंबर) को मोदी कैबिनेट की अहम बैठक हुई। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बैठक में महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) को मंजूरी मिल गई। इस बिल को लेकर पहले से ही अटकलें और कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन, तमाम कयासों को बगल करते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने आखिरकार इस बिल को मंजूरी दे दी। इस मंजूरी के बाद महिला आरक्षण बिल को संसद में पेश किया जाएगा। संभवतः 20 सितंबर को इस बिल को पेश किया जाए।
अब जब मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है तो करीब 27 वर्षों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक (Women's Reservation Bill) संसद के पटल पर रखा जाएगा। आंकड़ों के अनुसार, लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 प्रतिशत से कम है, जबकि राज्य विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व महज 10 फीसदी के आसपास है।
आखिरी बार कदम 2010 में उठाया गया था
आपको बता दें, इस मुद्दे पर आखिरी बार कदम वर्ष 2010 में उठाया गया था। तब राज्यसभा में हंगामे के बीच बिल पास कर दिया गया था। उस वक़्त मार्शलों द्वारा कुछ सांसदों को सदन से बाहर भी किया गया था। ये वो सांसद थे जिन्होंने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का विरोध किया था। हालांकि, यह विधेयक रद्द हो गया। इसकी वजह लोकसभा से पारित नहीं होना था।
बीजेपी-कांग्रेस हमेशा बिल के समर्थन में
महिला आरक्षण विधेयक के साथ सबसे खूबसूरत बात ये रही कि, देश की दोनों पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस हमेशा ही इसके समर्थन में रही। हालांकि, कुछ अन्य दलों ने महिला कोटा (Women's Quota) के भीतर ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) की कुछ मांगों को लेकर इसका विरोध किया। अब जब एक बार फिर कई दलों ने इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाने और पारित करने की जोरदार वकालत की, लेकिन सरकार की ओर से कहा गया है कि उचित समय पर उचित निर्णय लिया जाएगा। एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक में ये बातें संसदीय कार्य मंत्री ने कही थी।
बिल 20 सितंबर को हो सकता है पेश
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो महिला आरक्षण बिल बुधवार यानी 20 सितंबर को संसद में पेश किया जा सकता है। महिला आरक्षण बिल पास होने पर दिल्ली के आसपास के इलाकों से हजारों की तादाद में महिलाएं राष्ट्रीय राजधानी आ सकती हैं। वे सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने अपने कदम बढ़ा सकती हैं। सूत्र बताते हैं दिल्ली के आसपास के संसदीय क्षेत्रों से महिलाओं को लाने की जिम्मेदारी भी दी गई है। बीजेपी बुधवार या गुरुवार को महिलाओं की एक बड़ी सभा दिल्ली और राजस्थान के किसी शहर में कर सकती है। संभवतः इसे प्रधानमंत्री मोदी खुद संबोधित करें।
विरोधी भी आए साथ, मिलाया सुर में सुर
महिला आरक्षण में दलित कोटे और ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) इस बिल का विरोध 15वीं लोकसभा तक करते रहे हैं। मगर, बाद में JDU ने अपने रूप में बदलाव करते हुए महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू अब महिला आरक्षण बिल के समर्थन में है।
क्या कहा TMC ने?
वहीं, महिला आरक्षण बिल पर TMC सांसद शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने कहा, 'चर्चा हो रही है मगर देर से। इस पर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सबसे पहले आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा, ये सबको पता है कि यह बिल किन वजहों सार्थक नहीं हुआ। ये सब चर्चा शीतकालीन सत्र में भी सकती थी। सिन्हा ने कहा, अभी तक जो एजेंडा है उससे लग रहा है कि विशेष सत्र की जरूरत नहीं थी। हम इसके (महिला आरक्षण बिल) समर्थक हैं।'
संसद के दोनों सदनों में महिलाओं की उपस्थिति
वर्तमान स्थिति पर नज़र डालें तो लोकसभा में कुल 78 महिला सदस्य चुन कर आई हैं। यह कुल संख्या 543 का 15 प्रतिशत से भी कम है। बीते वर्ष दिसंबर में सरकार द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करीब 14 प्रतिशत रहा।
PM मोदी अगुवाई में 90 मिनट मंथन
केंद्र सरकार द्वारा संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन बुलाई गई केंद्रीय मंत्रिमंडल (Central Cabinet Meeting) की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में बैठक करीब 90 मिनट (डेढ़ घंटा) तक चली। आगामी दिनों के मद्देनजर ये बैठक काफी अहम थी। क्योंकि, उन्होंने पहले ही कहा था कि इस विशेष सत्र में 'ऐतिहासिक निर्णय' लिए जाएंगे। ऐसी अटकलें रही थीं कि, कैबिनेट महिला आरक्षण (Women's Reservation), अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण, एक राष्ट्र एक चुनाव (One Nation One Election) या देश का नाम इंडिया से बदलकर 'भारत' करने से जुड़े कुछ बिल को मंजूरी दे सकती है।
बदलते घटनाक्रम ने बढ़ा दी रुचि
गौरतलब है कि, मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक से पहले हुई कयास बाजियों और अटकलों ने मीटिंग के प्रति दिलचस्पी और बढ़ा दी थी। कुछ घटनाक्रम भी ऐसे हुए कि मीडिया की नजरें इस ओर रही। जैसे- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी (Pralhad Joshi) ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी का अब प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का कार्यक्रम है।
सर्वदलीय बैठक में 8 बिल की दी गई जानकारी
गौरतलब है कि, इससे पहले संसद के विशेष सत्र की पूर्व संध्या पर रविवार को सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) में सरकार की ओर से विशेष सत्र में चर्चा के लिए लाए जाने वाले 8 विधेयकों की सूची विपक्ष के समक्ष रखी गई थी। चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति का विवादास्पद विधेयक, जिसे पहले एजेंडे का हिस्सा माना जा रहा था, विपक्ष के विरोध के बीच गिरा दिया गया।