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Political Activist George Soros : ये जॉर्ज सोरोस हैं कौन, जिन पर हो रही राजनीतिक मोर्चाबंदी

Political Activist George Soros : अमेरिकी निवेशक और राजनीतिक कार्यकर्ता जॉर्ज सोरोस फिर सुर्खियों में हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 9 Dec 2024 7:51 PM IST
Political Activist George Soros : ये जॉर्ज सोरोस हैं कौन, जिन पर हो रही राजनीतिक मोर्चाबंदी
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Political Activist George Soros : अमेरिकी निवेशक और राजनीतिक कार्यकर्ता जॉर्ज सोरोस फिर सुर्खियों में हैं। ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक 94 वर्षीय जॉर्ज सोरोस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखर आलोचक रहे हैं। भाजपा ने पहले उन पर भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया था।इस बार भाजपा ने सोनिया गांधी के लिंक सोरोस फंडेड संगठन से होने का आरोप लगाया है।

भाजपा के अनुसार, एशिया प्रशांत में डेमोक्रेटिक लीडर्स के फोरम (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन की सह-अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा समर्थित संगठन से है। भाजपा ने कहा है कि एफडीएल-एपी फाउंडेशन कश्मीर को एक अलग इकाई मानता है।

जॉर्ज सोरोस कौन हैं?

1930 में बुडापेस्ट, हंगरी में जन्मे जॉर्ज सोरोस एक प्रमुख निवेशक, परोपकारी और राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। वे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी कब्जे से बच गए और बाद में 1956 में अमेरिका चले गए। सोरोस को सोरोस फंड मैनेजमेंट की स्थापना और ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन के माध्यम से उनके महत्वपूर्ण सामाजिक प्रयासों के लिए जाना जाता है। ये फाउंडेशन उन्होंने वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया था।

पढ़ाई लिखाई की बात करें तो सोरोस 1947 में हंगरी छोड़कर लंदन चले गए, जहाँ उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में पढ़ाई की।सोरोस ने 1951 में दर्शनशास्त्र में विज्ञान स्नातक और 1954 में विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। 1956 में सोरोस अमेरिका चले गए और कई मर्चेंट बैंकों के लिए विश्लेषक के रूप में वित्त में अपना करियर शुरू किया।

- 1970 में उन्होंने सोरोस फंड मैनेजमेंट की स्थापना की, जो इतिहास में सबसे सफल हेज फंड में से एक बन गया।

- सोरोस ने अपनी आक्रामक करेंसी सट्टेबाजी के लिए ख्याति प्राप्त की। उन्होंने 1992 के "ब्लैक बुधवार" संकट के दौरान ब्रिटिश पाउंड को कम करके लगभग 1 बिलियन डॉलर का लाभ कमाया। इस घटना से उन्हें 'बैंक ऑफ इंग्लैंड को तोड़ने वाला व्यक्ति' का उपनाम दिया गया।

- बिजनेस से परे सोरोस को दुनिया के अग्रणी परोपकारी लोगों में से एक माना जाता है। उन्होंने 1979 में स्थापित ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन (ओएसएफ) के जरिये विभिन्न कारणों के लिए 32 बिलियन डॉलर से अधिक का दान दिया है। ओएसएफ 100 से अधिक देशों में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

- ओएसएफ का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र, मानवाधिकार और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है। सोरोस के सामाजिक प्रयासों की शुरुआत रंगभेद के तहत काले दक्षिण अफ़्रीकी लोगों के लिए छात्रवृत्ति से हुई और पूर्वी यूरोप में लोकतांत्रिक आंदोलनों का समर्थन करने के लिए इसका विस्तार हुआ।

- सोरोस ने 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद अलग हुए देशों में लोकतंत्र को बढ़ावा देने के काम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, उन्होंने एनजीओ को वित्तपोषित किया और सेंट्रल यूरोपियन यूनिवर्सिटी जैसी शैक्षणिक सुविधाएं स्थापित कीं।

- सोरोस अमेरिका में प्रगतिशील राजनीतिक उद्देश्यों और उम्मीदवारों के एक महत्वपूर्ण समर्थक रहे हैं। उन्होंने बराक ओबामा और हिलेरी क्लिंटन जैसे लोगों का समर्थन किया है।

- अमेरिका में सोरोस का जुड़ाव डेमोक्रेट पार्टी से रहा है और चुनावों के दौरान वे इस पार्टी के उम्मीदवारों का समर्थन करते रहे हैं।

- सोरोस, रिपब्लिकन, खासकर डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों की आलोचना का केंद्र बिंदु हैं। सोरोस पर अमेरिकी राजनीति को प्रभावित करने का प्रयास करने का आरोप लगते हैं।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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