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BJP और TMC में खिंचीं सियासी तलवारें, नड्डा पर हमले के बाद जंग तेज

टीएमसी के कार्यकर्ताओं और उनके गुंडों ने प्रजातंत्र का गला घोंटने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि यह अराजकता ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली क्योंकि ममता सरकार की विदाई का समय आ गया है और बंगाल में जल्द ही कमल खिलने वाला है।

Newstrack
Published on: 11 Dec 2020 4:53 AM GMT
BJP और TMC में खिंचीं सियासी तलवारें, नड्डा पर हमले के बाद जंग तेज
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BJP और TMC में खिंचीं सियासी तलवारें, नड्डा पर हमले के बाद जंग तेज (PC: social media)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के दो दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरे के बाद भाजपा और टीएमसी के बीच जंग और तेज हो गई है। नड्डा के काफिले पर हमले के बाद दोनों पक्षों के बीच सियासी तलवारें खिंच गई हैं। भाजपा ने टीएमसी पर हमले का आरोप लगाते हुए राज्य में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

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नड्डा के काफिले पर हुए हमले को गंभीरता से लेते हुए गृह मंत्रालय ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से राज्य की मौजूदा स्थिति व कानून व्यवस्था के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने इस हमले को नौटंकी करार दिया है। उन्होंने सवाल किया केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा में रहने वाले व्यक्ति को कोई कैसे छू सकता है।

नड्डा का ममता सरकार पर बड़ा हमला

इस हमले को लेकर नड्डा ने खुद ममता सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुझे खुद जो दृश्य देखने को मिला है, उससे साफ है कि ममता के राज में बंगाल में अराजकता और असहिष्णुता चरम पर पहुंच चुकी है।

उन्होंने कहा कि मैं इसलिए सुरक्षित बच सका क्योंकि मेरे पास बुलेट प्रूफ गाड़ी थी। उन्होंने कहा कि काफिले में शामिल कोई ऐसी गाड़ी नहीं थी जो हमले का शिकार न हुई हो।

टीएमसी के गुंडों ने प्रजातंत्र का गला घोंटा

टीएमसी के कार्यकर्ताओं और उनके गुंडों ने प्रजातंत्र का गला घोंटने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि यह अराजकता ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली क्योंकि ममता सरकार की विदाई का समय आ गया है और बंगाल में जल्द ही कमल खिलने वाला है।

उन्होंने कहा कि बंगाल सभ्यता और संस्कृति के लिए जाना जाता है, लेकिन ममता बनर्जी ने जिस तरह का कृत्य किया है और जिस तरह से वे राज्य में सरकार चला रही है, उसने बंगाल को नीचे लाने का काम किया है। भाजपा एक बार फिर बंगाल को ऊपर उठाना चाहती है और हमारा मकसद इसे सोनार बांग्ला बनाना है।

बंगाल की जनता को करना होगा फैसला

भाजपा महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस हमले के लिए ममता सरकार को कोसा है। उन्होंने कहा कि यह अराजकता की हद है और टीएमसी की ओर से किए गए पथराव में मुझे भी चोटें आई हैं।

उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि क्या बंगाल में किसी राजनीतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष का इस तरह स्वागत किया जाता है? अब बंगाल की जनता को इस बाबत फैसला करना होगा कि हम कब तक अपनी संस्कृति का इस तरह अपमान होने देंगे।

पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी इसे भारतीय राजनीति के इतिहास का काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की हालत यह हो गई है कि यहां अब मीडिया भी सुरक्षित नहीं रह गया है।

राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय ने डायमंड हार्बर की घटना को लेकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आज की घटना को देखते हुए यह साफ हो गया है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति काफी गंभीर है और इसलिए राज्य में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में जंगलराज चल रहा है और कानून व्यवस्था बिल्कुल खत्म हो चुकी है। विपक्षी दलों को उनके कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत नहीं दी जा रही है। ऐसी सरकार का कोई मतलब नहीं रह गया है।

नड्डा के कार्यक्रम स्थल पर फाड़े बैनर

भाजपा सूत्रों का कहना है कि जेपी नड्डा की यात्रा से पहले पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर इलाके में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की थी।

भाजपा जिला इकाई के सूत्रों ने आरोप लगाया कि नड्डा के कार्यक्रम स्थल पर पार्टी के बैनरों को फाड़ दिया गया और उनके कुछ कार्यकर्ताओं के साथ टीएमसी कार्यकर्ताओं ने मारपीट भी की।

ममता ने हमले को बताया ड्रामा

दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में भाजपा की गतिविधियों को पूरी तरह नौटंकी करार दिया। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष नड्डा के काफिले पर किए गए हमले को ड्रामा बताया। उन्होंने कहा कि उनके साथ इतनी ज्यादा संख्या में सुरक्षाकर्मी रहते हैं। ऐसे में कोई उन पर कैसे हमला कर सकता है।

उन्होंने कहा कि राज्य पर निर्भर होने की जगह वे केंद्रीय बलों पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि फिर भी मैंने पुलिस से मामले की जांच पड़ताल करने को कहा है, लेकिन मैं हर समय झूठ बर्दाश्त नहीं कर सकती।

भाजपा ने खुद लोगों को भड़काया

टीएमसी की ओर से दावा किया गया है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने अशांति पैदा करने के लिए लोगों को भड़काया था। टीएमसी नेता सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि यह भाजपा का राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के ऐतिहासिक रिपोर्ट कार्ड से ध्यान हटाने का प्रयास था।

राज्य के पंचायत मंत्री मुखर्जी ने कहा कि यह पता लगाना जरूरी हो गया है कि क्या समूची घटना की साजिश भाजपा की ओर से ही रची गई थी? उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से भी अनुरोध किया कि वे भड़काऊ कार्रवाई के बावजूद भाजपा के जाल में फंसने से बचें।

काफिले पर हमले की जांच जरूरी

नड्डा के काफिले पर हुए हमले की घटना के बाद दोनों पक्षों के बीच सियासी जंग और तेज हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि इससे साफ है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमले की गंभीरता को देखते हुए इसकी पूरी जांच की जानी चाहिए और घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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गृह मंत्रालय में तलब की रिपोर्ट

गृह मंत्रालय ने राज्यपाल से राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली है। सूत्रों का कहना है कि नड्डा पर हुए हमले की घटना के बाद केंद्र की ओर से यह कदम उठाया गया है।

राज्यपाल के साथ ही राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव से भी रिपोर्ट मांगी गई है। सियासी जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में दोनों पक्षों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला और तेज होगा।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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