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राजनीति: सत्ता के लिए शाह का 'सपंर्क फॉर समर्थन' तो राहुल कह रहे- आ गले लग जा
नई दिल्ली: सत्ता के लिए क्या- क्या नहीं करना होता है। कभी दलित के घर भोजन तो कभी गरीब से गलबहियां। कभी अमीरों से याचना तो कभी किसानों को गले लगाने की कवायद। देश में यह सब कुछ शुरु हो गया है चुनाव (अच्छे) दिन आने वाले हैं...
Amit Shah meet Ratan Tata
क्या करुं क्या ना करुं
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कभी माधुरी दीक्षित से मिल रहे हैं तो कभी रिटायर्ड अधिकारियों से। उनके सिपाही मनोज तिवारी भी संपर्क फॉर समर्थन में जुटे हुए हैं। वहीं राहुल गांधी इन दिनों किसानों से जी भरकर गले मिल रहे हैं। कभी रुआंसे तो कभी खिलखिलाकर राहुल किसानों के बीच जाने का कोई मौका नहीं गंवाते। यूपी के अखिलेश यादव भी सरकारी आवास छोडने के बाद लगातार साइकिल पर सवार लोगों के बीच पहुंच रहे हैं। यही तो है सत्ता पाने के लिए जी-तोड मेहनत करने की कला और इस फन में हर राजनेता अब माहिर हो गया है।
एक्सक्लूसिव : गन्ना के मुद्दे पर विपक्ष बोलने की हैसियत में नहीं- सुरेश राणा
कर्नाटक तस्वीर से बदलाव
कुछ दिन पहले ही कर्नाटक में विपक्षी एकता वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। सबने इसकी अपने-अपने हिसाब से व्याख्या की। लोगों ने देखा कैसे कुर्सी के लिए नीति और नीयत ताक पर रखी जा सकती है। कैसे लोकतंत्र में सबसे कम सीटों वाली पार्टी का नेता सत्ता के शिखर तक पहुंच सकता है। कैसे सबसे बड़ी पार्टी होते हुए भी बहुमत ना मिलने पर एक पार्टी कुर्सी पर पहुंचकर भी लड़खड़ा सकती है। ये तस्वीर ही थी जो पूरी कहानी बयान कर रही थी।
कैराना के बाद बदली तस्वीर
Akhilesh Yadav in Lucknow
कैराना में बीजेपी को मिली हार ने उसकी चिंता बढा दी है। उन्हें 2019 के राह की तस्वीर में जीत का चेहरा धुंधला दिखने लगा होगा। इस हार ने प्रदेश की राजनीति में फिर से नई तस्वीरों को जगह दी है। कभी अखिलेश यादव अकेले तस्वीर में होते थे अब उनके साथ मायावती व छोटे चौधरी की होर्डिंग भी दिखने लगी है। कुल मिलाकर तस्वीरों की यह बाजीगरी किसके पक्ष में जाएगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन तस्वीर बहुत तेजी से बदल रही हैं।