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राजनीति में नहीं जाएंगी इंदिरा नूई

raghvendra
Published on: 10 Aug 2018 2:16 PM IST
राजनीति में नहीं जाएंगी इंदिरा नूई
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नई दिल्ली: पेप्सिको में बतौर सीईओ 12 साल गुजारने के बाद रिटायर हो रही इंदिरा नूई ने कहा है कि उनका राजनीति में जाने का कोई विचार नहीं है। नूई ने कहा कि अपने लंबे कॅरियर के दौरान वे हमेशा कंपनी के कामों में ही व्यस्त रही हैं और इस कारण उनके परिवार ने बहुत कुछ खोया है। इस कारण अब परिवार ही उनकी प्राथमिकता है और वे इसी पर ध्यान देंगी।

दुनिया की सबसे बड़ी फूड एंड बेवरेज कंपनी पेप्सिको ने बतौर सीईओ इंदिरा नूई के इस्तीफे की घोषणा की है। नूई की जगह अब 54 वर्षीय रेमन लेगार्टा को कमान सौंपी जा रही है। वे कंपनी के नए सीईओ होंगे। नूई ने कंपनी के साथ 24 साल गुजारे हैं। वे तीन अक्टूबर को सीईओ पद से हट जाएंगी। हालांकि वह 2019 के शुरू तक चेयरपर्सन बनी रहेंगी। इस दौरान वे नए नेतृत्व को कामकाज संबंधीं टिप्स भी देती रहेंगी।

अब परिवार को देंगी समय

एक प्रतिष्ठिïत पत्रिका को दिए इंटरव्यू में नूई ने कहा कि अभी उन्होंने भविष्य का कोई काम तय नहीं किया है। वैसे इतना तो तय है कि वह राजनीति में नहीं जाएंगी क्योंकि राजनीति के लिए वह उपयुक्त नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि भविष्य में वह कोई पद नहीं लेना चाहेंगी। उन्होंने महिला सीईओ की नगण्य संख्या पर भी चिंता जताई। नूई ने कहा कि अब उनकी योजना परिवार पर फोकस करने की है। किसी कंपनी की सीईओ होने से सारा समय उसी पर खर्च हो जाता है। इस पद के साथ इतनी जिम्मेदारी आ जाती है कि बाकी चीजों के लिए समय ही नहीं बचता।

उन्होंने कहा कि पिछले 24 साल में मेरी व्यस्तताओं के चलते मेरे परिवार ने काफी कुछ खोया है। इस दौरान पेप्सिको परिवार सबसे आगे रहा। अब समय आ गया है कि परिवार की खातिर मुझे अपनी प्राथमिकताएं बदलनी होंगी। मुझे अब अपने परिवार को समय देना होगा। नूई की शादी 1980 में हुई थी और उनके परिवार में पति के अलावा दो बेटियां हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल जुलाई में लेगार्टा को प्रेसिडेंट बनाए जाने के बाद उन्होंने कंपनी छोडऩे की इच्छा जताई थी और बातचीत शुरू की थी।

कन्फेशनरी कम्पनी से की थी करियर की शुरुआत

रामोन ने अपनी करियर की शुरुआत स्पेन की ‘चुपा चुपस’ नाम की एक कन्फेशनरी कम्पनी से की थी। जो खाने पीने की चीजें बनाती है। जो कि उस समय बहुत तेजी के साथ ग्रोथ कर रही थी। उन्होंने वहां पर खूब मेहनत की। जिसका फायदा उन्हें और कम्पनी दोनों को हुआ। वे हमेशा से जीवन में कुछ बड़ा करने का सपना देखते थे। इसलिए उन्होंने बाद में इस जॉब को छोडऩे का फैसला किया। 1996 में रामोन पहली बार पेप्सिको कम्पनी से जुड़े थे। वे उस समय यूरोप और अमेरिका में रह कर वहां पर कम्पनी के लिए बिजेनस देख रहे थे।

उन्होंने बहुत जल्दी ही कम्पनी के अंदर अपनी एक पहचान कायम करना शुरू कर दिया। उनकी मेहनत का ही नतीजा है की बहुत कम समय के अंदर ही उनकी कम्पनी ने यूरोप और अमेरिका में अपने पैर मजबूती से जमा लिए। उस साल कम्पनी को अच्छा मुनाफा हुआ। उसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा। रामोन 2015 में यूरोप वापस आ गये। उन्हें यूरोप और अफ्रीका में कम्पनी का बिजेनस संभालने के लिए वहां का सीईओ बना दिया गया। सीईओ का पद संभालने के बाद से उनके निर्देशन में कम्पनी लगातार प्रगति करती गई। जिसके बाद कम्पनी ने उन्हें प्रमोट करते हुए पेप्सिको का प्रेसिडेंट नियुक्त कर दिया। रामोन अक्टूबर माह में सीईओ का चार्ज संभाल सकते है। उनके परिवार में उनकी पत्नी और चार बच्चे हैं।

नए सीईओ

पेप्सिको के अध्यक्ष रामोन लागुआर्ता को निदेशक मंडल ने इंदिरा नूई का उत्तराधिकारी चुना है। लागुआर्ता को स्पेनिश के अलावा फ्रेंच जर्मन, इंग्लिश आदि भाषाओं का ज्ञान भी है। रामोन का जन्म 1964 में स्पेन के बाॢसलोना शहर में हुआ था। उनके बचपन का काफी हिस्सा उसी शहर की गलियों में घूमते हुए बीता था। उन्होंने ग्रेजुएशन करने के बाद एमबीए की पढ़ाई के लिए एसेड बिजनेस स्कूल में दाखिला ले लिया। उसके बाद थंडरबर्ड स्कूल ऑफ मैनजेमेंट से इंटरनेशनल मैनेजमेंट सब्जेक्ट में मास्टर की डिग्री हासिल की।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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