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कोरोना और अचानक मौत: क्या कहती है आईसीएमआर की रिपोर्ट
ICMR Report: इस अध्ययन में ICMR में 729 मामले और 2916 कंट्रोल विषयों को शामिल किया। यह अध्ययन पूरे भारत में 47 तृतीयक देखभाल अस्पतालों की भागीदारी के माध्यम से आयोजित किया गया था।
ICMR report: कोरोना के बाद के समय में युवाओं में दिल के दौरे और अचानक मौत के कारणों के बारे में तरह तरह की अटकलें लगाई गई हैं। यह मामला संसद के दोनों सदनों में कई बार उठाया गया। इसके बाद आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च) ने तीन अलग-अलग अध्ययन किये।
पहला अध्ययन था – ‘भारत में 18 से 45 वर्ष की आयु के वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों से जुड़े कारक : मल्टीसेंट्रिक मैच्ड केस कंट्रोल स्टडी’ 2023। इस अध्ययन में आईसीएमआर में 729 मामले और 2916 कंट्रोल विषयों को शामिल किया। यह अध्ययन पूरे भारत में 47 तृतीयक देखभाल अस्पतालों की भागीदारी के माध्यम से आयोजित किया गया था। इसमें 18 से 45 वर्ष की आयु के स्पष्ट रूप से स्वस्थ व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित किया गया जिनकी अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटे के भीतर अचानक मृत्यु हो गई या उनकी अप्रत्याशित मृत्यु से 24 घंटे पहले स्वस्थ पाया गया।
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष
- कोरोना टीकाकरण से भारत में युवा वयस्कों में अचानक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ा। जिन लोगों ने टीके की दो खुराकें ली थीं, उनके लिए अस्पष्टीकृत अचानक मृत्यु की संभावना कम थी।
- मृत्यु से 48 घंटे पहले अत्यधिक शराब पीना अस्पष्टीकृत अचानक मौतों से जुड़ा था। इसके अलावा, कभी भी शराब का सेवन न करने वालों की तुलना में शराब के सेवन की उच्च आवृत्ति अस्पष्टीकृत अचानक मृत्यु की बढ़ती संभावनाओं से संबंधित है। ड्रग्स के उपयोग से भी संभावनाएँ बढ़ गईं।
- कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती होने और अचानक मृत्यु का पारिवारिक इतिहास युवा भारतीयों में अस्पष्टीकृत अचानक मृत्यु से सकारात्मक रूप से जुड़ा हुआ था।
- अस्पष्टीकृत अचानक मृत्यु वाले मरीजों को कोरोना के लिए अस्पताल में भर्ती होने की संभावना चार गुना अधिक पाई गई, जबकि अचानक मृत्यु का पारिवारिक इतिहास अस्पष्टीकृत अचानक मृत्यु से जुड़ा होने की लगभग तीन गुना अधिक संभावना थी।
- जिन व्यक्तियों ने 48 घंटों के भीतर जोरदार शारीरिक गतिविधियों में भाग लिया, उन लोगों में अचानक मृत्यु की संभावना उन लोगों से ज्यादा थी जो ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं थे।
- अध्ययन में तर्क दिया गया कि कोरोना वायरस संक्रमण से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
- अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना से ठीक हुए व्यक्तियों और गंभीर संक्रमण वाले लोगों में मृत्यु के बढ़ते जोखिम के कुछ सबूत हैं, लेकिन ऐसे व्यक्तियों में अचानक मृत्यु के प्रमाण दुर्लभ हैं।
- अचानक मौत के कारणों में किन्हीं बीमारियों का पारिवारिक इतिहास भी जोखिम कारक पाया गया।