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अरे नहीं! यूपी में 43 लाख कनेक्शन तो पूर्वोत्तर के 6 राज्यों में उज्जवला योजना नाकाम

Rishi
Published on: 3 July 2017 5:07 PM IST
अरे नहीं! यूपी में 43 लाख कनेक्शन तो पूर्वोत्तर के 6 राज्यों में उज्जवला योजना नाकाम
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नई दिल्ली : पूर्वोत्तर के 8 में से 6 राज्यों में मोदी सरकार प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) के अंतर्गत एक भी एलपीजी कनेक्शन जारी करने में नाकाम रही है।

वहीं, इस योजना की सफलता पर सवार होकर उत्तर प्रदेश में सत्ता हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यहां बीपीएल (गरीबी रेखा ने नीचे) परिवारों को कुल 43 लाख कनेक्शन बांटे हैं।

यह जानकारी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) से एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदन के माध्यम से मिली।

आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक 8 मई 2017 तक अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में एक भी परिवार प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) से लाभान्वित नहीं हुआ है।

वहीं, भाजपा शासित पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम और मणिपुर में क्रमश: 5 और 27 एलपीजी कनेक्शन बांटे गए।

आरटीआई के जवाब में यह बताया गया कि उत्तर प्रदेश के कुल 75 जिलों में 8 मई 2017 तक पीएमयूवाई के अंतर्गत 43,37,706 कनेक्शन बांटे गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बलिया से इस योजना को 1 मई 2016 को लांच किया था। उत्तर प्रदेश में इसी साल 11 फरवरी से 8 मार्च तक हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी जीत हासिल हुई थी।

भाजपा को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 403 सीटों में से 325 सीटें हासिल हुई थीं।

माना जा रहा है कि गैस कनेक्शन मिलने से उत्तर प्रदेश की महिलाएं प्रसन्न थीं और उन्होंने भाजपा के पक्ष में मतदान किया था।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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