पीके की राहुल को सलाह, यूपी में अस्तित्व बचाने के लिए कांग्रेस करे गठजोड़

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Published on: 19 Nov 2016 8:45 PM GMT
पीके की राहुल को सलाह, यूपी में अस्तित्व बचाने के लिए कांग्रेस करे गठजोड़
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नई दिल्लीः कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिकार प्रशांत किशोर यानी पीके ने राहुल गांधी को दो टूक बता दिया है कि देश के सबसे बड़े प्रांत यूपी मे आगामी विधानसभा चुनाव में मजबूत गठजोड़ के साथ मैदान में उतरना ही कांग्रेस का अस्तित्व बचाए रखने का सबसे बेहतर रास्ता है।

पिछले दिनों सत्ताधारी समाजवादी पार्टी नेताओं मुलायम सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव के साथ लंबी चर्चा करके दिल्ली लौटे प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेतृत्व को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यूपी में जमीनी हकीकत इस पक्ष में नहीं है कि एकला चलो की राह पकड़कर कांग्रेस को कुछ खास हासिल हो पाएगा।

यूपी में बदली है फिजा

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने भी पिछले हफ्ते राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के उन नेताओं से बुलाकर मीटिंग की है, जो चुनावी रणनीति के लिहाज से पिछले दो महीने से राहुल गांधी के जन संपर्क अभियान में सक्रिय थे। कांग्रेस ने माना है कि पिछले दो-तीन हफ्ते के घटनाक्रमों ने यूपी की चुनावी फिजा को बदल दिया है।

चुनावी मुद्दों का फोकस अब किसानों-बेरोजगारों की समस्याएं नहीं, सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी की ओर मोड़ दिया गया है। ऐसे हालात में कांग्रेस को लगता है कि उसे अपनी चुनावी रणनीति को वोट पॉलिटिक्स के साथ ही लामबंद रखना होगा।

सुझाव पर जल्द होगा अमल

टीम राहुल के सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर के आकलन पर अब जल्द अमल होगा। कांग्रेस को लगता है कि बीजेपी के खिलाफ मैदान में जितने भी दल रहेंगे, उससे विरोधी वोट बंटेंगे और लाभ बीजेपी को होगा। अगर उसे 25 से 28 फीसदी वोट भी मिलें और बाकी वोट बंट गया तो इससे बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरकर यूपी में सरकार बनाने की स्थिति में आ जाएगी।

क्या कहते हैं कांग्रेस के नेता?

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का मानना है कि यही सही वक्त है कि पार्टी यूपी में बीजेपी के खिलाफ बाकी दलों के मतभेद दूर कर उन्हें एक मंच पर लाए। नोट बंदी को लेकर सपा, बीएसपी और कांग्रेस के बीच संसद में एकता को पार्टी उपलब्धि के तौर पर देख रही है। राहुल और अखिलेश के बीच दोस्ती और भरोसे को और मजबूत बनाने की तैयारी हो रही है। अगर कांग्रेस और आरएलडी का सपा के साथ गठजोड़ की बात चली तो तय है कि बीएसपी कहीं भी इनके आसपास नहीं रहेगी।

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