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प्रेग्नेंसी में न होने दें विटामिन बी-12 की कमी, बच्चे के मस्तिक विकास के लिए जरूरी
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते हैं। इनमें हार्मोनल बदलाव सबसे अहम होता है। कई बार मन और तन ठीक नहीं रहते। कभी उबकाई आती है तो कभी थकान महसूस होती है। ऐसे में विटामिन बी-12 एक ऐसा तत्व है, जो गर्भावस्था के दौरान महिला तथा शिशु दोनों को स्वस्थ तथा सुरक्षित रखता है। विटामिन बी-12 एक वाटर सोल्यूबल विटामिन है, जो मस्तिष्क के विकास एवं कार्यप्रणाली के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। इसलिए कभी गर्भावस्था में विटामिन बी 12 की कमी न होने दें। इसके लिए डॉक्टर से भी सलाह लेते रहें।
इसलिए जरूरी विटामिन बी-12
विटामिन बी-12 का शरीर में महत्वपूर्ण रोल होता है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के साथ ही साथ स्नायु कोशिकाओं के रखरखाव में भी प्रमुख भूमिका निभाता है। यदि इस कमी पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो यह एनीमिया यानी खून की कमी के साथ साथ नव्र्स व मस्तिष्क के डिजेनेरेशन कारण बन जाता है, जो बाद में असाध्य हो सकता है।
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भ्रूण को स्पाइना बिफिडा खतरा
विटामिन बी-१२ की शरीर में प्राकृतिक रूप से उपस्थिति रहती है। भ्रूण विकासशील अवस्था में मां के शरीर में मौजूद इस विटामिन के कुछ अंश का इस्तेमाल करता है। विटामिन बी-१२ के मामूली अभाव वाले मामलों में जन्मजात शारीरिक गड़बड़ी या अन्य समस्याओं का खतरा विशेष रूप से नजर नहीं आता, लेकिन इसकी ज्यादा कमी घातक परिणाम का कारण बन सकती है। अनेक अध्ययनों से पता चला कि गर्भावस्था की प्रारंभिक अवस्था में विटामिन बी-12 के अभाव से 'स्पाइना बिफिडा' जैसे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स से पीडि़त शिशु को जन्म देने का खतरा बढ़ जाता है।
ये चीजें खाने से दूर होगी कमी
विटामिन बी 15 की कमी को मेडिसिन से दूर तो किया ही जा सकता है। इसके साथ ही आप फूड से भी इसकी कमी दूर कर सकते हैं। अपने दैनिक आहार में विटामिन बी-12 को शामिल करें। विटामिन बी-12 के सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक स्रोत अंडा, मांस, सालमन एवं कॉड हैं। शाकाहारी महिलाएं पौष्टिक खमीर, साबुत अनाज, सोया मिल्क आदि से विटामिन बी 12 को प्राकृतिक रूप से प्राप्त कर सकती हैं। गर्भावस्था तथा गर्भधारण के दौरान डॉक्टर की सलाह से विटामिन बी-12 सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं। इसके साथ ही आप भरपूर मात्रा में फ्रेश फ्रूट और वेजीटेबल खा सकते हैं।