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Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना में बड़े बदलाव की तैयारी

Agnipath Scheme Update: केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना की समीक्षा के लिए केंद्रीय सचिवों का समूह बनाया है। 2022 में शुरू हुई योजना का लंबे समय से विरोध हो रहा है। संकेत है कि अग्निपथ योजना में कुछ बड़े बदलाव किये जा सकते हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 14 Jun 2024 11:01 AM GMT (Updated on: 14 Jun 2024 11:04 AM GMT)
agnipath scheme updates
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अग्निपथ योजना में बदलाव की संभावना

Agnipath Scheme Update: ऐसे संकेत हैं कि सेना में भर्ती के लिए लागू की गयी अग्निपथ योजना में कुछ बड़े बदलाव किये जा सकते हैं। बताया जाता है कि केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना की समीक्षा के लिए केंद्रीय सचिवों का समूह बनाया है। 2022 में शुरू हुई योजना का लंबे समय से विरोध हो रहा है। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार अपने पिछले कार्यकाल में सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद से ही विरोध का सामना करती रही है। हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव 2024 में अग्निपथ योजना भी बहस का मुद्दा रहा। अब भारतीय सेना की तरफ से भी इस योजना की समीक्षा किए जाने की खबर है और केंद्रीय सचिवों के रिव्यू के आधार पर इस विवादित योजना में बदलावों की संभावना बन रही है। बीते लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि अगर विपक्षी इंडिया गठबंधन की सरकार आई तो वह अग्निपथ योजना खत्म कर देगी। ऐसा कहा जा रहा है कि इस योजना की वजह से भाजपा को लोकसभा चुनाव में नुकसान हुआ है।

आकर्षक बनेगी अग्निपथ योजना?


इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एनडीए सरकार ने अग्निपथ योजना की समीक्षा करने और सशस्त्र बलों में भर्ती कार्यक्रम को और अधिक आकर्षक बनाने के तरीके सुझाने के लिए 10 प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों के एक समूह को काम सौंपा है। सचिवों का यह समूह अग्निपथ योजना के जरिए सैनिकों की भर्ती को और अधिक आकर्षक बनाने के तरीके सुझाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, सचिवों का यह समूह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन से लौटने के बाद उन्हें अंतिम प्रेजेंटेशन देगा। अंतिम रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय इसमें सुधार के लिए जरूरी कदम उठा सकता है। मीडिया में कहा जा रहा है कि पीएमओ राज्यों समेत दूसरे स्रोतों से मिले सुझावों और फीडबैक की समीक्षा के बाद योजना में बदलावों पर अंतिम फैसला लेगा। ख़बरें हैं कि सेना भी अपना आंतरिक मूल्यांकन कर रही है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना अग्निवीरों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना में बदलावों पर चर्चा कर रही है। इस चर्चा में अग्निवीरों के ट्रेनिंग पीरियड को बढ़ाना और साथ ही साथ ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद मौजूदा 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही आगे मौका देने के नियमों में बदलाव करना शामिल है।

- सेना के भीतर योजना में जिन बदलावों पर चर्चा हो रही है, उनमें से एक है नियमित सैनिकों के लिए बरकरार रखने के मौजूदा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 60-70 प्रतिशत करना और विशेष बलों समेत तकनीकी और विशेषज्ञ सैनिकों के लिए लगभग 75 प्रतिशत करना।

-अग्निवीर योजना में दूसरा सबसे बड़ा बदलाव ये है कि इसकी कार्यावधि को 4 साल से बढ़ाकर 7-8 साल किया जाए। यानी 8 साल तक की नौकरी हो।

-टेक्निकल फील्ड में भर्ती की उम्र फिलहाल 17-21.5 साल है जिसको बढ़ाकर 23 साल करने की इच्छा की गई है।

-अगला बदलाव विकलांगता भुगतान का है जिसमें सेवा में रहते हुए दिव्यांग होने पर भुगतान के साथ ही दूसरी नौकरी देना है।

-योजना में बदलाव का आखिरी बिन्दु ये है कि सेना ये चाहती है कि युद्ध के दौरान कोई अग्निवीर शहीद होता है तो उसके परिवार को जीवन निर्वाह के लिए भुगतान हो।

लोकसभा चुनाव के दौरान मुद्दा बना अग्निवीर योजना


अग्निपथ योजना की समीक्षा एनडीए के 100 दिवसीय एजेंडे का भी हिस्सा है। अग्निवीरों का मुद्दा हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान चर्चा का विषय बना, खासकर हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में। इस योजना की विपक्ष ने उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में भी आलोचना की जिन्हें भारतीय सेना के लिए पारंपरिक भर्ती क्षेत्र माना जाता है। यही कारण है कि चुनाव बाद एनडीए के कुछ सहयोगी दलों और उनके नेताओं ने भी अग्निपथ योजना की समीक्षा किए जाने की बात कही थी। एनडीए सरकार में शामिल नीतीश कुमार की जेडीयू ने अग्निपथ योजना की समीक्षा की पहले ही मांग रख दी थी। 6 जून को जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि अग्निवीर योजना को लेकर मतदाताओं के मन में नाराजगी रही है। जेडीयू चाहती है कि इस योजना की कमियों और खामियों पर विस्तार से बात होनी चाहिए।

अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की होती है भर्ती


भारत सरकार ने भारतीय सशस्त्र बलों में जवानों की अल्पकालिक भर्ती के लिए जून 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की थी। अग्निपथ योजना के तहत सेना में अग्निवीरों को भर्ती किया जाता है। यह भर्ती चार साल के लिए होती है। इस दौरान नियमित वेतन के अलावा चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर अग्निवीर सैनिकों को लगभग 12 लाख रुपये मिलते हैं। हालांकि, एक निश्चित संख्या में अग्निवीरों को स्थायी सेवा का मौका भी मिलता है।

कुल 1054 करोड़ की होती है बचत

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के एक शोध के मुताबिक एक अग्निवीर की वजह से सरकार को हर साल पूर्णकालिक भर्ती की तुलना में 1.75 लाख रुपये कम खर्च करने पड़ते हैं। इस तरह से 60,000 अग्निवीरों के एक बैच के लिए वेतन पर कुल बचत 1,054 करोड़ रुपये होगी।

Aniket Gupta

Aniket Gupta

Senior Content Writer

Aniket has been associated with the journalism field for the last two years. Graduated from University of Allahabad. Currently working as Senior Content Writer in Newstrack. Aniket has also worked with Rajasthan Patrika. He Has Special interest in politics, education and local crime.

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