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Presidential Election 2022: अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान, 18 जुलाई को मतदान, 21 को आएंगे नतीजे
President Election 2022: भारत के राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए आज चुनाव आयोग तारीख का ऐलान करेगा। चुनाव आयोग आज दोपहर 3 बजे इससे संबंधित तारीखों और विस्तृत कार्यक्रम का ऐलान करने जा रहा है।
Presidential Election 2022 : भारत के राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए आज चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान हो गया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में आज दोपहर 3 बजे चुनाव आयोग की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित तारीखों और विस्तृत कार्यक्रम का ऐलान हुआ। अगले राष्ट्रपति के चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए कहा, कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होगा। 21 जुलाई को मतगणना होगी। 15 जून को अधिसूचना जारी की जाएगी। 29 जून को राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख होगी।
बता दें कि, वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को समाप्त हो रहा है। अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए चुनाव उससे पहले संपन्न होना है। इससे पहले देश का अगला और 15वां राष्ट्रपति चुन लिया जाएगा। पिछले 45 साल से इसी तारीख को निर्वाचित राष्ट्रपति कार्यभार संभालते रहे हैं। ज्ञात हो, पिछली बार 17 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति चुनाव हुए थे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव 2022 में कुल 4,809 मतदाता मतदान करेंगे। कोई भी राजनीतिक दल अपने सदस्यों को व्हिप जारी नहीं कर सकता।
राष्ट्रपति चुनाव की महत्वपूर्ण तारीखें :--
- राष्ट्रपति चुनाव के लिए 15 जून को अधिसूचना जारी की जाएगी।
- 29 जून राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख होगी।
- 18 जुलाई को अगले राष्ट्रपति का चुनाव होगा।
- 21 जुलाई को मतगणना होगी।
वोट देने के लिए आयोग देगा पेन
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों की असेंबली के नामित सदस्य मतदान का हिस्सा नहीं होंगे। वोट देने के लिए आयोग अपनी तरफ से पेन देगा। जो मतपत्र सौंपते समय दिया जाएगा। इसी पेन से वोट डाला जाएगा। अन्य किसी पेन से वोट डालने पर मत अवैध करार दिया जाएगा। निष्पक्ष चुनाव के सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, कि यह पूरी तरह 'सीक्रेट बैलेट' है। पेन की व्यवस्था की गई है। पूरे प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की भी व्यवस्था की गई है।
राष्ट्रपति चुनाव में कौन करते हैं मतदान?
ज्ञात हो कि, राष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा (Rajya Sabha), लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यों के विधानसभाओं के मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार होता है। राज्यों के विधान परिषदों के सदस्यों (Members Of Legislative Councils) और मनोनीत सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं होता है। बता दें, इससे पहले साल 2017 में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे। उस साल मतदान 17 जुलाई को हुआ था। मतगणना 20 जुलाई को हुई थी। रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई 2017 को अपना पदभार ग्रहण किया था। वो देश के 13वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए थे।
बहुमत के लिए चाहिए इतने मत
वर्तमान में देश के 17 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकारें हैं। राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) के लिए बहुमत का आंकड़ा 5 लाख 46 हजार 320 है। इस हिसाब से बीजेपी के पास 4 लाख 65 हजार 797 मत हैं। साथ ही, सहयोगी दलों के पास 71 हजार 329 वोट हैं। इन दोनों के आकड़ों को मिला दें तो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास 5 लाख 37 हजार 126 वोट होते हैं। NDA को प्राप्त मत बहुमत से 9 हजार 194 वोट कम हैं।
कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव?
उल्लेखनीय है कि, राष्ट्रपति चुनाव में देश की जनता प्रत्यक्ष तौर पर मतदान नहीं करती है। जनता के द्वारा चुने गए सांसद और विधायक ही इसमें मतदान करते हैं। जैसा कि हमने बताया कि, इन चुनावों में राज्यसभा के सासंद, लोकसभा सांसद तथा विधायकों को वोट मताधिकार होता है। राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करते समय विधायक और सांसद अपने बैलेट पेपर पहले ही बता देते हैं। इसमें वो अपनी पहली पसंद, दूसरी पसंद और तीसरी पसंद का भी जिक्र करते हैं। मतगणना के दौरान पहली पसंद के वोट गिने जाते हैं। मान लीजिये, पहली पसंद का उम्मीदवार यदि जीत के लिए जरूरी वेटेज हासिल कर लेता है, तो उसकी जीत हो जाती है। वहीं, अगर ऐसा नहीं होता है तो दूसरी और तीसरी पसंद के वोट गिने जाते हैं।
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