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President Oath Ceremony: क्या है 25 जुलाई का महत्व, क्यों है ये दिन बहुत खास
देश के अब तक कुल 9 राष्ट्रपतियों ने 25 जुलाई को शपथ ली है। जिसमें पहला नंबर देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का आता है जिन्होंने 25 जुलाई 1977 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।
President Oath Ceremony: देश की पहली आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेकर देश की 15वीं राष्ट्रपति बनने जा रही हैं। ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या पहली बार द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को शपथ लेने जा रही हैं तो जवाब है नहीं। देश के तमाम राष्ट्रपति 25 जुलाई को ही शपथ लेते आ रहे हैं। तब आप ये जरूर जानना चाहेंगे कि 25 जुलाई को ऐसी क्या खास बात है कि सभी राष्ट्रपति इसी दिन शपथ लेते हैं। आइए आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह।
तक कुल 9 राष्ट्रपतियों ने 25 जुलाई को ली शपथ
दरअसल अब तक कुल 9 राष्ट्रपतियों ने 25 जुलाई को शपथ ली है। जिसमें पहला नंबर देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का आता है जिन्होंने 25 जुलाई 1977 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। उनके बाद जितने भी राष्ट्रपति हुए सभी ने 25 जुलाई को ही शपथ ली है। इसकी एक खास वजह यह है कि नीलम संजीव रेड्डी सहित उनके बाद जितने भी राष्ट्रपति हुए हैं सभी ने अपना कार्यकाल पूरा किया जिसके चलते 24 जुलाई को कार्यकाल पूरा होने के बाद 25 जुलाई को नये राष्ट्रपति ने शपथ ली। रामनाथ कोविंद का कार्यकाल भी 24 जुलाई को पूरा हुआ और 25 जुलाई को द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी।
इन राष्ट्रपतियों ने 25 जुलाई को नहीं ली शपथ
अब बात करते हैं उन राष्ट्रपतियों की जिन्होंने 25 जुलाई को शपथ नहीं ली। तो इसमें पहला नाम है देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का। उन्होंने 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी। दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 13 मई 1962 को शपथ ली। चूंकि राधाकृष्णन का कार्यकाल पूरा हुआ था इसलिए तीसरे राष्ट्रपति जाकिर हुसैन ने 13 मई 1967 को शपथ ली। लेकिन जाकिर हुसैन अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए इसलिए चौथे राष्ट्रपति वीवी गिरी ने 24 अगस्त 1969 को शपथ ली। पांचवें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने 24 अगस्त 1974 को शपथ ली लेकिन वह भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए और छठे राष्ट्रपति ने 25 जुलाई 1977 को शपथ ली। इसके बाद से 25 जुलाई को ही शपथ ली जा रही है।