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President Protocol: जानिए राष्ट्रपति के अभिवादन में महामहिम और हिज एक्सीलेंसी जैसे शब्दों को क्यों नहीं होता है इस्तेमाल

President Protocol: दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने महामहिम और हिज एक्सीलेंसी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से रोक लगा दी था।

Krishna Chaudhary
Published on: 22 July 2022 2:23 PM IST
Draupadi Murmu
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द्रौपदी मुर्मू। (Social Media)

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President Protocol: गुरुवार को आए नतीजे में इस बात पर मुहर लग गई कि देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) की ताजपोशी अब तय है। मुर्मू (Draupadi Murmu) 25 जुलाई को वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) की जगह लेंगी। मुर्मू को बधाई देने वालों का तांता लग गया है। सत्ताधारी बीजेपी (BJP) देशभर में इस जीत पर जश्न मना रही है। आमतौर पर लोग राष्ट्रपति का अभिवादन करते समय महामहिम और हिज एक्सीलेंसी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए पाए जाते हैं। लेकिन आपको पता है इन शब्दों पर काफी साल पहले ही पांबदी लग चुकी है।

सरकार के कार्यक्रमों में अब राष्ट्रपति के अभिवादन के लिए इन शब्दों को प्रयोग में नहीं लाया जाता है। इस पर रोक लगाने का श्रेय दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Former President Pranab Mukherjee) को जाता है, जिन्होंने इस पद पर रहते हुए इन दो शब्दों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी थी। उन्होंने बकायदा इसे लेकर निर्देश भी जारी किए। दरअसल यह प्रथा औपनिवेशिक काल से चली आ रही थी, जिसके तहत राष्ट्रपति और राज्यपालों के अभिवादन से पहले प्रोटोकॉल के मुताबिक उनके नाम के आगे हिज एक्सीलेंसी या महामहिम जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था।

प्रणब मुखर्जी ने लगाई थी रोक

9 अक्टूबर 2012 की बात है जब देश के राष्ट्रपति रहते हुए प्रणब मुखर्जी (Former President Pranab Mukherjee) ने खुद पहल करते हुए अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही इस प्रथा पर रोक लगा दी और उसके लिए नए शब्दों के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। उन्होंने आदेश दिया था कि ऐसे अवसरों पर हिंदी में 'महामहिम' की जगह 'राष्ट्रपति महोदय' का उपयोग होना चाहिए। मुखर्जी ने यह भी निर्देश दिए थे कि यदि नाम लिया जा रहा है तो उससे पहले परंपरागत भारतीय अभिवादन श्री या श्रीमति का उपयोग किया जाना चाहिए। अपने निर्देश में उन्होंने कहा था कि ऐसा प्रोटोकॉल अंतरराष्ट्रीय प्रचलन में रहा है, इसलिए एक्सीलेंसी शब्द का इस्तेमाल केवल विदेशी गणमान्य लोगों से औपचारिक मुलाकात के दौरान किया जाए। बता दें कि प्रणब मुखर्जी के बाद देश के राष्ट्रपति बने रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने भी इन शब्दों पर आपत्ति जताते हुए इनपर रोक लगाने की वकालत की थी।

पहली बार यहां हुई 'माननीय राष्ट्रपति' शब्द का इस्तेमाल

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Former President Pranab Mukherjee) ने भले ही 9 अक्टूबर 2012 को महामहिम और हिज एक्सीलेंसी जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई थी लेकिन इससे पहले ही इन शब्दों का उपयोग कम होने लगा था। तीन अक्टूबर 2012 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Former President Pranab Mukherjee) बिहार के दरभंगा स्थित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (Lalit Narayan Mithila University) के चौथे दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे थे, जहां उनके लिए महामहिम की जगह माननीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शब्द का पहली बार इस्तेमाल हुआ था। यानी औपचारिक तौर पर इस प्रथा की शुरूआत उन्होंने काफी पहले से कर दी थी। मुखर्जी की ओर से जारी आधिकारिक निर्देश में यह भी कहा गया था कि राष्ट्रपति सचिवालय के फाइलों की आधिकारिक नोटिंग्स में महामहिम की जगह 'राष्ट्रपतिजी' लिखा जाएगा।



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Deepak Kumar

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