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कृषि रोडमैप LAUNCH: बिहार की धरती अन्नपूर्णा और किसान जुझारू : कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां गुरुवार को कहा कि तीसरा कृषि रोड मैप बिहार के किसानों को नई शक्ति प्रदान करेगा। उन्होंने बिहार की धरती को अन्नपूर्णा बताते हुए कहा कि यहां के किसान जुझारू हैं और वे बाढ़

Anoop Ojha
Published on: 9 Nov 2017 1:32 PM GMT
कृषि रोडमैप LAUNCH: बिहार की धरती अन्नपूर्णा और किसान जुझारू : कोविंद
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कृषि रोडमैप LAUNCH: बिहार की धरती अन्नपूर्णा और किसान जुझारू : कोविंद

पटना: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां गुरुवार को कहा कि तीसरा कृषि रोड मैप बिहार के किसानों को नई शक्ति प्रदान करेगा। उन्होंने बिहार की धरती को अन्नपूर्णा बताते हुए कहा कि यहां के किसान जुझारू हैं और वे बाढ़ और सूखे की मार के बावजूद अपने काम में जुटे रहते हैं। बिहार के राज्यपाल रह चुके कोविंद राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार बिहार पहुंचे।

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राष्ट्रपति ने यहां बिहार के तीसरे कृषि रोड मैप की शुरुआत करते हुए कहा, "बिहार का राज्यपाल रहते हुए यहां जो प्यार और स्नेह मिला, वह मेरे लिए यादगार रहेगा। बिहार में जन्म लेने से ही कोई 'बिहारी' नहीं होता। राजभवन से लेकर राष्ट्रपति भवन का सफर मेरे जीवन के यादगार वर्ष रहेंगे। मैं बिहार का नहीं हूं, लेकिन मेरे लिए मेरा 'बिहारीपन' ही मेरी पहचान है, जिस पर मुझे गर्व है।"उन्होंने कहा कि बिहार कृषि का एक प्रमुख केंद्र रहा है। वर्ष 1905 में भारत का पहला आधुनिक कृषि संस्थान समस्तीपुर में स्थापित किया गया था, जो आज का 'राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय' है।

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उन्होंने कृषि रोड मैप की चर्चा करते हुए कहा, "किसानों के लिए बिहार सरकार ने वर्ष 2008 से 'कृषि रोड मैप' की शुरुआत की, जिसमें किसानों के विकास के लिए व्यापक और समन्वित समाधानों की व्यवस्था है। कृषि से जुड़े सभी विभागों द्वारा किसानों को केंद्र में रखकर उनकी समग्र रूप से उन्नति करने की दिशा प्रदान की गई है। यह एक बुनियादी बदलाव है। इस बदलाव से किसानों को फायदा भी हुआ है।"

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उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि 2021-22 तक के लिए जारी यह 'तीसरा कृषि रोड मैप' बिहार में कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन को नई शक्ति प्रदान करेगा। इस रोड मैप के तहत जैविक कॉरीडोर, मछली पालन, सिंचाई, सहकारिता और बिजली से जुड़ी नौ योजनाओं के कार्यान्वयन से कृषि विकास को बल मिलेगा।बिहार के लोगों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, "यहां के मेहनतकश लोग राष्ट्र-निर्माण में अपना योगदान देते रहे हैं। बड़े शहरों के विकास में, चाहे दिल्ली हो या मुंबई, बिहार के लोगों की प्रतिभा और परिश्रम का सदैव योगदान रहा है।"

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राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार के किसान मेहनती हैं, बिहार में कृषि की अपार संभावनाएं हैं। खाद्यान्न के उत्पादन के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि को लेकर बिहार को सम्मानित किया गया है।उन्होंने कहा कि बिहार इन दिनों महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष मना रहा है। चपांरण सत्याग्रह मुख्य रूप से किसानों के लिए सत्याग्रह था। ऐसे मौके पर किसानों के लिए कृषि रोड मैप का शुभारंभ करना गौरव की बात है।

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इससे पहले, राष्ट्रपति वायुसेना के विशेष विमान से पटना हवाईअड्डा पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका स्वागत किया।अपने बिहार दौरे के क्रम में राष्ट्रपति ने राजभवन चौराहे पर स्थित देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा तथा गांधी मैदान के समीप जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

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उल्लेखनीय है कि बिहार के तीसरे कृषि रोडमैप (2017-2022) में 1़54 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है।कृषि रोडमैप में जैविक खेती के साथ-साथ उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है।

--आईएएनएस

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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